बेहद अनोखा है मेघालय का ‘विसलिंग विलेज’, खासियत जानकर हैरत में पड़ जाएंगे

Sweta Patel

भारत में लाखों गांव है और लगभग हर गांव का कल्चर और रहन सहन का तरीका अलग है, एक इसी तरह के रहन सहन का उदहारण है मेघालय का एक ऐसा गांव जहाँ लोग एक दूसरे को नाम से नहीं बल्कि सीटी बजाकर बुलाते है। सुनने में आपको यह अजीब लग सकता है लेकिन सच है, तो आइये जानते है Whistling Village (व्हिस्लिंग विलेज)  के बारे में विस्तार से।

नाम से नहीं धुन से बुलाते है एक दूसरे को

मेघालय के इस गांव का नाम है कॉन्ग थांग, इस गांव को आमतौर पर विसलिंग विलेज के नाम से भी जाना जाता है। इस गाँव में करीब 100 से आसपास परिवार के 700 सदस्य रहते है। गांव में रहने वाले सभी लोगों के 2 नाम है, एक तो हमारी तरह साधारण नाम और दूसरा सीटी की धुन वाला नाम होता है। इसका मतलब गाँव में कुल 700 सीटी की धुनें है।

हर एक शख़्स के लिए ख़ास धुन

इस अनोखे गांव को यहां के अनोखे ट्रेडिशन जिंगरवाई लाबी की वजह से जाना जाता है. पैदा होने के बाद एक मां अपने बच्चे को एक ट्यून देती है जैसे eoow या फिर ooeee आदि। यह ट्यून ही बच्चे की पहचान बन जाती है। बच्चे के लिए मां को इसके अलावा भी एक और ट्यून ढूंढनी पड़ती है ताकि यह ट्यून केवल बच्चे के ही नाम रह सके, यहां की एक और अन्य बात यह है कि लोग एक दूसरे से बात भी ट्यून के माध्यम से ही करते हैं।

गांव वालों के मुताबिक किसी भी एक नाम को दूसरे व्यक्ति को नहीं दिया जाता है. हर व्यक्ति का नाम अलग है. ट्यून वाले नाम भी दो तरह के होते हैं. एक व्यक्ति को बुलाने के लिए और दूसरा बुरी आत्माओं को दूर भगाने के लिए. गांव वालों के दो नाम हैं एक नियमित और एक गाने के रूप में।

देखें वीडियो

Share This Article
Leave a Comment