मानसून पैलेस: कभी बादलों को देखने के लिए हुआ था निर्माण आज है शानदार सनसेट पॉइंट

क्या आपने कभी सोचा है कि बादल को करीब से देखने के लिए किसी बिल्डिंग का निर्माण हो अगर नहीं तो आपको जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान के उदयपुर में एक ऐसा ही इमारत है जिसे खासतौर से इसी वजह से बनवाया गया था।

आज के इस पोस्ट में हम उसी खास इमारत मानसून पैलेस के बारे में जानेंगे और जानेंगे इसके बनवाने के पीछे की दिलचस्प कहानी। मानसून पैलेस को सज्जनगढ़ का किला के नाम से भी जाना जाता है।

मानसून पैलेस समुद्री तल से 3100 फीट ऊंचाई पर उदयपुर की सबसे ऊंची पहाड़ी अरावली रेंज के बंसदारा चोटी पर स्थित है, आपको जानकर हैरानी होगी कि शहर में इससे ज्यादा ऊंचाई पर कोई भी इमारत नहीं है।

 

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और हैरान करने वाली कहानी इसके निर्माण से जुड़ा हुआ है, ऐसा कहते है कि आज से करीब 140 साल पहले 1884 में मेवाड़ के राजा सज्जन सिंह ने खास तौर पर मानसून के बादलों को देखने और बारिश का अनुमान लगाने के लिए बनवाया था।

 

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यह सुंदर महल सफेद संगमरमर से निर्मित है, यात्री इस जगह से पिछोला झील और आसपास के ग्रामीण इलाकों के अद्भुत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। महल को सहारा देते स्तंभों को फूलों के रूपांकनों और पत्तियों के साथ डिजाइन किया गया है।

 

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पैलेस में मुग़ल वास्तुकला से लेकर मेवाड़ी चित्र शैली को आसानी से देखा जा सकता है। इस महल के अंदर कई पार्क भी मौजूद है, जो इसे और भी खास बनाते हैं। इस महल के छत पर आप भी तोप मौजूद है, जिसे आसानी से देखा जा सकता हैं।

 

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यह जगह एक सनसेट पॉइंट के रूप में काफी प्रचलित हो चूका है, यहां सनसेट का खूबसूरत नजारा देखने के लिए हर दिन सैकड़ों टूरिस्ट पहुंचते हैं। बता दे कि वर्ष 1983 में बनी जेम्स बांड की फिल्म ऑक्टोपुस्सी के कुछ दृश्यों को यहाँ भी शूट किया गया था।

 

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इस पैलेस में जाने के लिए आपको 10 रूपए का टिकट लेना होगा, खासतौर से बरसात के मौसम में अरावली की हरी-भरी और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ियों के बीच और बादलों से घिरे हुए इस पैलेस को देखने के लिए हजारों सैलानी पहुंचते हैं।