देश के सभी टाइगर रिजर्व में खास है VTR! घूमने वाले कहते है इसे बिहार का “कश्मीर”

VTR Bihar: क्या आपको पता है कि बिहार में भी एक ऐसी जगह है जहाँ जाकर आपको ऐसा लगेगा कि आप बिहार में है ही नहीं, अगर आप किसी हिल स्टेशन की यात्रा की है तो आपको बिलकुल वैसा ही महसूस होगा।

अगर नहीं तो यह पोस्ट आपके लिए ही है, बिहार के पश्चिम चम्पारण में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) की अद्भुत छटा यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता किसी को भी दीवाना बना सकती है। यहाँ जाने वाले कई बार इसे बिहार का कश्मीर भी कहते है।

बिहार के एकलौते टाइगर रिज़र्व में जाकर बाघों की अटखेलियां, चितल, हिरण, सांभर और दुलर्भ प्रजाति के जानवरों का दीदार करना चाहते है तो आपको पश्चिम चम्पारण में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व जरूर जाना चाहिए।

नेपाल की सीमा पर, नारायणी नदी के तट पर और हिमालय की तलहटी बसे इस टाइगर रिज़र्व की प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनती है। वीटीआर का वन्य जीवन नेपाल के चितवन नेशनल पार्क तथा परसा से साझा करता है जिससे इसका विस्तार कुल 5000 वर्ग किलोमीटर का हो जाता है।

वीटीआर के प्रद्युम्न गौरव बताते है कि यहां कुछ दुर्लभ तथा विलुप्त हो रहे जानवरों का बसेरा है। इनमें क्लाउडेड लेपर्ड, बार्किंग डियर, वाइल्ड डॉग तथा कुछ अन्य जानवर हैं. इसके अलावा यहां वैसे जानवर भी हैं, जो पूरे उत्तर भारत में कहीं और नहीं देखे जाते. इनमें इंडियन गौर, हिमालयन बकरी “सेरो” और हॉग डियर शामिल हैं।

यहां का भौगोलिक परिदृश्य भारत के सभी टाइगर रिजर्व की तुलना में सबसे अलग है, गर्मियों में भी वीटीआर में सुबह तथा शाम ठंडी हवाए चलती है जिससे इस मौसम में भी यहाँ टूरिस्ट खूब पहुंचते है।

VTR में पाए जाने वाले बाघों की जेनेटिक डायवर्सिटी को सबसे यूनिक माना गया है, बताते चले कि वीटीआर तीन बायो जियोग्राफी जोन्स का मिश्रण है. इनमें तराई आर्क लैंडस्केप, गैंगेटिक जोन तथा नॉर्थ ईस्टर्न एलिमेंट्स शामिल हैं।

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