वैसे तो देश की राजधानी दिल्ली में घूमने फिरने और समय बिताने के लिए अनगिनत जगहें है जहां आप जा सकते है लेकिन आज का यह पोस्ट एक खास जगह के बारे में है।

आज के पोस्ट में हम बात करने वाले है सफदरजंग के मकबरे के बारे में जिसे पिछले ही साल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्मारक के रूप में चिन्हित किया गया है।
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सफदरजंग का मकबरा के सबसे शक्तिशाली शासक नवाब सफदरजंग के लिए बनाया गया था, इसका निर्माण 1754 में करवाया गया था।
बताया जाता है कि जब सफदरजंग मराठों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे तो उनकी मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनके शरीर को इसी मकबरे में दफनाया गया था।
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आज के वक्त में यह जगह एक टूरिस्ट स्पॉट बन गया है और शाम के वक्त यहाँ का नजारा देखने लायक होता है, शाम के समय जब यह स्मारक रोशनी में नहा जाता है तो इसकी छवि मनभावन हो जाती है।
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यहां की खासियत इस मकबरे के मंडप हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इनमें तीन प्रमुख हैं। एक जंगल महल (पैलेस ऑफ वुड्स) है दूसरा मोती महल (पर्ल पैलेस) और तीसरा बादशाह पसंद (किंग्स फेवरिट) है। रात 10 बजे तक खुले रहने वाले इस स्मारक में पिछले कुछ सालों में बहुत बदलाव आया है।
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