ऋषिकेश में घूमने की जगह 2022 | Rishikesh me Ghumne ki Jagah
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून (Dehradun) में स्थित ऋषिकेश (Rishikesh) एक मशहूर पर्यटन स्थल है, हिमालय की तलहटी में होने की वजह से यहाँ हज़ारों लाखों की संख्या लोग घूमने जाते है। पवित्र मंदिरों, घाटों, शांत आश्रमों और सदाबहार जंगलों से घिरे इस शांत शहर में हर किसी के लिए कुछ न कुछ जरूर है। ऐसे में आज के पोस्ट में हम पवित्र नगरी ऋषिकेश में घूमने की जगहों (Rishikesh me Ghumne ki Jagah) के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है।
ऋषिकेश की भौगौलिक स्तिथि
हिन्दू धर्म में पावन नगरी माने जाने वाली ऋषिकेश पवित्र नदी गंगा के किनारे बसी हुई है जो की भारत के उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में स्थित है। ऋषिकेश को ‘योग कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड’ और ‘गढ़वाल हिमालय के प्रवेश द्वार ‘ के रूप में भी जाना जाता है। ऋषिकेश राजधानी देहरादून से 43 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित है और हरिद्वार से 25 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित है ।
ऋषिकेश में घूमने की जगह, Rishikesh me Ghumne ki Jagah
ऋषिकेश में हर साल लाखों पर्यटक भारत के अलग अलग हिस्सों से और अलग अलग देशों से घूमने के लिये आते है, ऐसे में अगर आप भी ऋषिकेश या इसके आसपास जाने की प्लानिंग कर रहे है तो यह आर्टिकल आपको ऋषिकेश में घूमने की जगहों (places to visit in Rishikesh) के बारे में जानकारी देने वाला है, तो आइये अब जानते है कि ऋषिकेश में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगह (Rishikesh me Ghumne Wali Jagah) है।
नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev)
ऋषिकेश शहर से 12 किमी दूर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple) सिल्वन वन के बीच 1670 मीटर में स्थित है। भारत देश के सबसे पवित्र और प्रसिद्द शिव मंदिरों में नीलकंठ शिव मंदिर को उच्चतम स्थान प्रदान किया गया है।
इस मंदिर के दर्शन के लिए भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी यहाँ पहुंचते है, मंदिर के प्रांगण में एक झरना भी है जहाँ भक्त स्नान करके मंदिर में पूजा करने आते है । इस मंदिर की गाथा समुद्र मंथन से जुडी हुई है। यहाँ आकर शिव भक्तों को अलग ही आनद की अनुभूति होती है ।
कहा जाता है कि भगवान शिव ने इस स्थान पर समुद्र मंथन से निकला हुआ विष ग्रहण किया था, अत्यंत प्रभावशाली यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। विशाल पेंटिंग में भगवान शिव को विष पीते हुए भी दिखाया गया है। सामने की पहाड़ी पर शिव की पत्नी ,पार्वती का भी मंदिर है।
नीलकंठ महादेव मंदिर में दर्शन का समय: पुरे दिन (प्रातः 5 से संध्या 6 बजे तक)
नीलकंठ महादेव मंदिर का प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
नीलकंठ महादेव मंदिर कैसे पहुंचे? लक्ष्मण झूला के पास से अलग अलग तरह की सवारी गाड़ियां चलती है तो जो नीलकंठ महादेव मंदिर का दर्शन कराती है जिनका जाने आने का किराया 200 के आसपास है।
नीलकंठ महादेव मंदिर का गूगल मैप लोकेशन: नीलकंठ महादेव मंदिर

त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat)
त्रिवेणी घाट वह स्थान है जहाँ तीनों पवित्र नदियाँ गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, ऋषिकेश के पवित्र मंदिरों का दर्शन करने से पहले यहाँ डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है।
संध्या के समय हजारों तीर्थयात्री घाट पर महाआरती को लिये एकत्रित होते हैं। तीर्थयात्री दोने में श्रृद्धास्वरूप फूल और दीपक रखकर नदी में प्रवाहित करते हैं। इस जगह पर गतात्मा की शांति के लिये पिण्ड श्राद्ध नामक कर्मकाण्ड भी किया जाता है। संध्या के समय यहाँ की आरती का दृश्य देखने योग्य होता है, यह दृश्य बहुत ही अद्भुत और मनोरम होता है।
त्रिवेणी घाट पर आरती का समय: प्रतिदिन सन्ध्या 6-7 बजे
त्रिवेणी घाट का प्रवेश शुल्क: निःशुल्क
त्रिवेणी घाट का गूगल मैप लोकेशन: त्रिवेणी घाट ऋषिकेश

लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula Rishikesh)
टिहरी गढ़वाल जिले के तपोवन और पौड़ी गढ़वाल जिले के जोंक को जोड़ते हुए एक हैंगिंग ब्रिज बनाया गया है जिसे लक्ष्मण झुला के नाम से जाना जाता है। यह ब्रिज पूरे भारत में प्रसिद्द हैंगिंग ब्रिज है।
ऋषिकेश नगरी के उत्तर पूर्व में 5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह लक्ष्मण झुला गंगा नदी पर बनाया गया है । 450 फीट लम्बे और 70 फीट ऊँचे इस ब्रिज के बारे में यह मान्यता है कि भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी ने इसी स्थान पर गंगा नदी को पार किया था।
यह ब्रिज विशेष रूप से पर्यटकों के लिए बनाया गया था ऐसे में लक्ष्मण झुला पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र माना जाता है। इस पुल का निर्माण 1929 में करवाया गया था । इस पुल के आस पास कई अन्य प्रसिद्द जगहें भी हैजो देखने योग्य है। जिनमें लक्ष्मण मंदिर, राम झुला और तेरह मंजिला मंदिर भी शामिल है ।

वशिष्ठ गुफा (Vashisht Gufa)
ऋषिकेश में स्थित यह गुफा बहुत ही प्राचीन है ऐसा माना जाता है कि महर्षि वशिष्ठ ने इस स्थान में बैठकर तपस्या की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि वशिष्ठ अपने सभी पुत्रों को खोने के बाद बेहद उदास हो गये और आत्महत्या करने का फैसला लिया परन्तु गंगा मैया ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। यही कारण था कि उन्होंने इस गिफा में रहने का निर्णय लिया और तपस्या करने लगे।
पुरुषोत्तमानंद सोसाइटी के द्वार इस जगह पर एक शिवलिंग की स्थापना की गयी है, इस गुफा को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग आते है और शिवलिंग के दर्शन करके धन्य हो जाते है।

ऋषि कुण्ड (Rishi Kund)
‘ऋषि कुण्ड’ एक प्राकृतिक गर्म पानी का कुण्ड है जिसे पूरे नगर में एक पवित्र जल का निकाय माना जाता है। बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि इस तालाब को एक ऋषि ने माता यमुना का आशीर्वाद पाकर भरा था। कुछ लोग तो यह भी मानते है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने वनवास के समय में इस कुण्ड में स्नान किया था।
इस तालाब में एक स्थान पर दो पवित्र नदियाँ गंगा और यमुना मिलती है, कुण्ड में स्नान करना अपने आप में ही आनंमायी और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने वाला होता है। जब भी आप ऋषिकेश जाएँ तो ऋषि कुण्ड में स्नान जरूर करें ।

स्वर्ग आश्रम (Swarg Aashram)
स्वामी विशुद्धानंद की याद में बनवाया गया स्वर्ग आश्रम एक आध्यात्मिक आश्रम है। स्वामी विशुद्धानंद को काली कमली के नाम से भी जाना जाता है। यह आश्रम राम झूले और लक्ष्मण झूले के बीच में स्थित है।
पर्यटकों के यहाँ बड़ी संख्या में आने का कारण है सूर्यास्त, बहुत सारे लोग शान के समय सूर्यास्त के मनभावन दृश्य को देखने के लिए यहाँ आते है। सूर्यास्त का नज़ारा यहाँ से देखने पर आनंदमयी और अलौकिक होता है। इस आश्रम में योग और ध्यान करने के लिए 300 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है ।

बीटल्स आश्रम (Beatles Ashram)
गंगा नदी के निकट स्थित एक शांत वातावरण प्रदान करने वाला यह आश्रम राजाजी नेशनल पार्क में स्थित एक ईको-फ्रेंडली पर्यटक आकर्षण है। प्राचीन काल में इस आश्रम का नाम महर्षि महेश योगी आश्रम था लेकिन साल 1968 में जब बीटल्स बैंड ने इस आश्रम का दौरा किया तब से इसका नाम बीटल्स आश्रम रखा गया।
बीटल्स के प्रशंसक इस स्थान को बिलकुल को मिस नहीं कर सकते है, आश्रम परिसर में एक पूर्व मंदिर, पुस्तकालय, रसोई, महर्षि योगी का घर और मेडिटेशन झोपड़ियां हैं। आश्रम की ज्यादातर इमारतें खराब हो चुकी हैं, लेकिन दीवारों पर रंगीन भित्तिचित्र मौजूद हैं।
बीटल्स आश्रम में प्रवेश के लिए कुछ शुल्क निर्धारित किया गया है – जिसमे भारतीयों के लिए 150 रुपये और विदेशियों के लिए 600 रुपये की टिकेट निर्धारित की गयी है।यहाँ आकर आपको अत्यंत शांति का अनुभव होगा।

परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan)
परमार्थ निकेतन आश्रम की स्थापना संत सुकदेवानन्द जी महाराज (1901-1965) ने 1942 में की थी । यह आश्रम हिमालय पर्वत की गोद में गंगा नदी के किनारे पर स्थित है । यह आश्रम ऋषिकेश की सुन्दरता पर चार चाँद लगा देता है । सन 1986 में स्वामी चिदानंद सरस्वती को इस आश्रम के अध्यक्ष और मुखिया के रूप में चुना गया ।
यह आश्रम ऋषिकेश का सबसे बड़ा आश्रम माना जाता है । आश्रम में 1000 से ज्यादा कमरे है ।आश्रम में रोज़ सुबह पूजा ,योग ,ध्यान ,सत्संग और गंगा आरती होती है । इन सबके अलावा यहाँ प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद का प्रसिक्षण भी दिया जाता है । आश्रम में भगवान शिव की 15 फीट ऊँची प्रतिमा भी स्थापित की गयी है ।

भरत मंदिर (Bharat Temple)
12 शताब्दी में आदि गुरू शंकराचार्य के द्वारा बनवाया गया यह मंदिर ऋषिकेश का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है । त्रिवेणी घाट के निकट ओल्ड टाउन में स्थित यह मंदिर भगवान श्रीराम के अनुज भरत जी को पूर्ण रूप से समर्पित है । सन 1398 के पहले तक यह मंदिर अपने मूल रूप में था परन्तु इसके बाद मुग़ल राजा तैमुर के द्वारा इस मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था ।
शालिग्राम के एक ही पत्थर पर उकेरी गयी भगवान् विष्णु की मूर्ति मन्दिर के गर्भगृह में स्थापित की गयी है । इसी के साथ गुरु शंकराचार्य द्वारा रखा गया श्रीयंत्र यहाँ देखा जा सकता है ।

राफ्टिंग
अगर आप एक एडवेंचर प्रेमी है तो आपको राफ्टिंग बेहद ही पसंद आने वाला है । यदि आप कुछ अलग हटकर आनंद उठाना चाहते है तो आप ऋषिकेश में गंगा नदी पर राफ्टिंग का आनंद उठा सकते है । राफ्टिंग भी पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है ।पीक के सीजन में राफ्टिंग के लिए भीड़ देखी जाती है । यहाँ पर कुछ सर्टिफाइड ओपरेटर होते है जो अच्छी सुरक्षा व्यवस्था के साथ आपको राफ्टिंग का मजा लेने में मदद करते है ।
मेरा मानना यह है कि यदि आप ऋषिकेश जाएँ तो राफ्टिंग जरूर करे । वास्तव में राफ्टिंग एक बहुत आनंद दायक एडवेंचर है , और यह आपको काफी पसन्द आएगा ।

बंजी जम्पिंग
यदि आप खुद को खतरों का खिलाडी मानते है ,तो यह स्थान आपके लिए बहुत ही उत्तम है । गाइड लाइन्स के अनुसार कमज़ोर ह्रदय वाले लोगो को यहाँ आना मना है । वास्तव में ऋषिकेश एडवेंचर से भरपूर है इसी कारण से इसे हेवेन ऑफ़ एडवेंचर के नाम से जाना जाता है । बंगी जम्पिंग लोगो द्वारा बहुत ही पसंद किया जाता है । जम्पिंग हाइट्स की टीम हम सभी को बंजी जम्पिंग, फ्लाइंग फॉक्स और विशाल झूलों जैसे विभिन्न एडवेंचर से भरपूर विकल्प प्रदान करती है ।
यह स्पॉट मुख्य शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , इस स्थान पर आपको पूरी सुरक्षा प्रदान की जाती है । आपमें हिम्मत की जरूरत होती है जो आप इतनी ऊंचाई से कूद सके ।
इस जगह का अनुभव रोमांच से भरपूर साबित होगा ।

ऋषिकेश कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
हवाई मार्ग से यात्रा करते हुए आप जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच सकते है जो की देहरादून में है और ऋषिकेश से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। देहरादून के लिए दिल्ली, लखनऊ अदि जगहों इस सीधी फ्लाइट उपलब्ध है।