Top 15+] नाशिक में घूमने की जगह। Places to Visit in Nashik 2023
गोदावरी नदी के तट पर बसा नाशिक महाराष्ट्र का एक छोटा सा शहर है। यात्रा और धार्मिक दृष्टिकोण से यह शहर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। नाशिक (Nashik) कुम्भ की नगरी भी है, अलग अलग मौसम में पूरे साल पर्यटक इस शहर में आते है तो आइए जानते है नाशिक की वह कौन कौन सी जगहें है जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए।
नाशिक में घूमने की जगह। Places to visit in Nasik 2023
त्र्यंबकेश्वर मंदिर नाशिक
हिन्दू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यम्बकेश्वर मन्दिर भी है जो नाशिक जिले में है, इस मंदिर के परिसर में स्थित पवित्र तालाब या कुंड, कुशावर्त को गोदावरी नदी का उद्गम स्थान कहा जाता है।
शहर से यह मंदिर लगभग 35 किलोमीटर दूर है लेकिन नाशिक की यात्रा त्र्यंबकेश्वर दर्शन के बिना अधूरा होता है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला में समृद्ध है और अपनी आकर्षक मूर्तियों के लिए जाना-जाता है।
मंदिर के अंदर एक छोटे से गङ्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग है, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव देवों का प्रतीक माना जाता हैं, त्र्यंबकेश्वर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि इस ज्योतिर्लिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही विराजित हैं।
सप्तश्रृंगी नाशिक
सप्तश्रृंगी या सात पर्वत सप्तश्रृंगी निवासिनी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध हैं। इस जगह को बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि सती (भगवान शिव की पत्नी) के शरीर को ले जाते समय उनके अंग इस स्थान पर गिरे थे।
सप्तश्रृंगी पर्वत का जिक्र रामायण में भी होता है। कहा जाता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अपने निर्वासन के दौरान देवी का आशीर्वाद लेने यहां आये थे।
दूधसागर झरना नाशिक
नाशिक से गंगापुर जाने वाली रोड पर लगभग 10 किलोमीटर आगे चलने पर आपको पड़ता है सोमेश्वर वॉटर पार्क जिसे दूधसागर झरना के नाम से भी जाना जाता है
गोदावरी नदी पर बनने वाला या खूबसूरत झरना महाराष्ट्र के प्रसिद्ध वाटरफॉल में से एक है इसका दीदार करने के लिए मुंबई ठाणे से पर्याप्त संख्या में टूरिस्टो का आना जाना लगा रहता है।
इस झरने की खूबसूरती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महाराष्ट्र और आसपास के लोग इस झरने को नियाग्रा वाटरफॉल भी कहते है।
सुला वाइनयार्ड नाशिक
अंगूर के उत्पादन के लिए नाशिक पूरे दुनिया में विख्यात है, इतना ही नहीं नाशिक को भारत की शराब राजधानी भी कहा जाता है। सुला वाइनयार्ड नाशिक में स्थित मशहूर भारतीय वाइनरी है और नाशिक में घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
शराब प्रेमी एक या दो दिन यहां बिताकर पूरी तरह से शराब का मजा ले सकते हैं।
पांडव लेनी गुफाएं नाशिक
पांडवलेनी गुफाएं नाशिक में स्थित हैं, ये गुफाएं वास्तुकला प्रेमियों को बेहद पसंद आती हैं। त्रिवाष्मी हिल्स के पठार पर बसी पांडवलेनी गुफाएं 20 से अधिक सदी पुरानी हैं।
नाशिक का यह स्थान बेहद पवित्र और सदियों पुराना है, इसे नाशिक गुफाएं या पांडवलेनी गुफाएं के नाम से जानते है। यह 24 गुफाओं का एक समूह हैं तो त्रिवाष्मी हिल्स के पठार पर मौजूद है।
कहते है कि इन गुफाओं का निर्माण जैन राजाओं द्वारा किया गया था, खैर पांडवलेनी गुफाएं नाशिक में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
मुक्तिधाम मंदिर नाशिक
भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मुक्तिधाम मंदिर नाशिक शहर के लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है, मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में सभी बारह ज्योतिर्लिंग हैं।
मुक्तिधाम मंदिर में महाभारत और भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़े शिलालेखों के साथ दीवारें हैं, इसकी दीवारें पूरी भगवद् गीता के श्लोकों से अंकित हैं।
मंदिर की स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी। पवित्र मंदिर की वास्तुकला अलग और अपरंपरागत है। इसे राजस्थान के मकराना से और राजस्थानी मूर्तिकारों द्वारा संगमरमर से बनाया गया है।
अंजनेरी पर्वत नाशिक
इस पहाड़ी पर एक पवित्र मंदिर है जहां पर भारी मात्रा में भक्त आते हैं। यह पर्वत धार्मिक कारणों से महत्वपूर्ण होने के अलावा नाशिक का एक प्राकृतिक आकर्षण भी है।
अंजनेरी पर्वत नाशिक के सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक हैं। अगर आप नाशिक घूमने के लिए आ रहे हैं तो इस पर्वत की सैर करना न भूलें, यहाँ पर आप उंचाई पर पहुंचने के लिए ट्रेकिंग कर सकते हैं।
सीता गुफा नाशिक
सीता गुफा एक छोटी सी गुफा है जिसके अंदर भगवान राम, लक्ष्मण और देवी सीता की मूर्ति है। अंदर ही एक शिवलिंग भी है। गुफा में प्रवेश करने का रास्ता काफी अंधेरा और संकीर्ण है।
ऐसा माना जाता है कि सीता गुफा वह स्थान है जहां देवी सीता ने अपने वनवास के दौरान भगवान शिव की पूजा की थी।
कालाराम मंदिर नाशिक
कालाराम मंदिर नाशिक का एक प्राचीन मंदिर है जो मुख्य रूपसे भगवान राम को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान राम की काली मूर्ति है इसीलिए मंदिर को कालाराम मंदिर कहा जाता है। मंदिर का निर्माण पूरी तरह से काले पत्थरों से किया गया है।
यह मंदिर 74 मीटर लंबा और 32 मीटर चौड़ा है। मंदिर की चारों दिशाओं में चार दरवाजे हैं। इस मंदिर के कलश तक की ऊँचाई 69 फीट है तथा कलश 32 टन शुद्ध सोने से निर्मित किया हुआ है।
यहाँ विराजमान हनुमान मंदिर में वे अपने आराध्य राम के चरणों की ओर देखते हुए प्रतीत होते हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर पर्णकुटी के स्थान पर बनाया गया है।
धार्मिक महत्वता के साथ साथ भारत के दलित आंदोलन में इस मंदिर की निर्णायक भूमिका रही है। 2 मार्च 1930 को मंदिर के बाहर डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में कालाराम मन्दिर सत्याग्रह किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दलितों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिली।
नाशिक कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
हवाई यात्रा करने वालों के लिए नाशिक हवाई अड्डा सबसे पास है।
रेल मार्ग
नाशिक , मुंबई से लगभग 180 कि.मी. तथा पुणे से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेल मार्ग से नाशिक , मुंबई, पुणे सहित देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग से भी यहां असंख्य विकल्प उपलब्ध हैं। राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एस.टी. बसों और निजी बसों द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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