यहाँ की ताज़ी हवा, चीड़ के वृक्षों का साया, घने जंगल और उन जंगलों से गुज़ारना मानो सारी थकान चुटकी भर में दूर कर देती हो। दूर दूर तक फैले बर्फ के पहाड़, उनपर बिखरी रुई की जैसी सफ़ेद बर्फ, फूलों से भरे हुए खुशबूदार पेड़, नर्म मुलायम घास, कल कल करते चांदी की भांति गिरते झरने और मन को मोह लेने वाले मनोरम दृश्य को देख कर ऐसा महसूस होता है। वाकई इसके सौंदर्य की जितना भी व्याख्या की जाये उतनी ही कम है।
अल्मोड़ा में घूमने की जगह। Places to visit in Almora
नैना देवी मंदिर
यह मंदिर धार्मिक महत्ता के साथ साथ अपनी आकर्षक रौनक के लिए भी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। नैना देवी मंदिर की दीवारों पर रची गई मूर्तियां देखने लायक हैं। अल्मोड़ा के मुख्य बाज़ार के बीच में यह मंदिर पड़ता है जो कि बताया जाता है कि सैंकड़ों वर्ष पुराना है।
ब्राइट एवं कॉर्नर
यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का दिलकश नज़ारा पर्यटकों को अपनी और खींचता है। ब्राइट एवं कॉर्नर अपने मनमोहक दर्शयों के लिए पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसकी चोटी से आप बर्फ से ढके हिमालय के अद्भुत दृश्यों को अपनी आँखों में कैद कर सकते हो।
चितई मंदिर
यह मंदिर लोक देवता गोल्ल का है जो की श्रद्धालुओं के बीच खासा लोकप्रिय है। चितई मंदिर अपनी लोकप्रियता का एक जीता-जागता उदाहरण है जो पर्यटकों की आस्थाओं का प्रतिक है।
कटारमल
कटारमल में देश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण सूर्य मंदिर है जो कि कोणार्क के सूर्य मंदिर की तरह लोकप्रिय है। हालांकि इस समय यह मंदिर खंडहर की हालत में है परन्तु इसका महत्त्व पर्यटकों को यहाँ तक खींचे लिए आता है। बताया जाता है कि यह मंदिर 800 साल पुराना है।
जागेश्वर
इस मंदिर को द्वादश ज्योर्तिलिंग में एक माना जाता है। आप इस मंदिर के दर्शन करने के बाद यहाँ आकर पिकनिक मना सकते हैं। जागेश्वर मंदिर कलात्मक शैली का बहुत ही खूबसूरत प्राचीन मंदिर है जो कि स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। के कुछ ही दूरी पर एक खूबसूरत पहाड़ी है जिसे ‘हरी झंडी’ के नाम से जाना जाता है।
बिनरस
बिनरस मंदिर का शांत वातावरण पर्यटकों को खींचे लिए आता है। अगर आप भी मन की शांति चाहते हैं तो यहाँ अवश्य आएं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चंद्रवंशी राजा कल्याण ने करवाया था।
कोसी
रमणीक स्थल अल्मोड़ा से तक़रीबन 13 किलोमीटर दूर है। कोसी बेहद खूबसूरत एक रमणीक स्थल है। पर्यटकों को यहाँ का शांत वातावरण इतना भाता है कि वह घंटों तक यहीं ठहर जाते है।
बागेश्वर
यह सरयू नदी के तट पर बसा है कहा जाता है कि इस मंदिर को 1450 में बनवाया गया था। बागेश्वर में बागनाथ का मंदिर पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है।अगर आप यहाँ की सैर करना चाहते हैं तो आपको बतादें कि यहाँ खाने पीने की उत्तम व्यवस्था है।
बैजनाथ
जहाँ भगवान शिव, पार्वती और गणेश के मंदिर दर्शनीय हैं। इन मंदिरों की कलात्मक शैली और इनकी स्थापत्य कला बेजोड़ है। बैजनाथ प्राचीन तत्व के मंदिरों के समूण की एक श्रंखला है। बताया जाता है कि यह मंदिर 12 वीं 13 वीं शताब्दी के हैं जिसे कत्यूरी वंश के राजाओं ने बनवाया था। इन मंदिरों की कलात्मक शैली और इनकी स्थापत्य कला बेजोड़ है।
कसार देवी
यह मंदिर अल्मोड़ा से तक़रीबन 5 किलोमीटर की दूरी पर है। कसार देवी मंदिर एक पहाड़ी पर बना है जो कि काफी प्राचीन है। अगर आप यहाँ आना चाहते हैं तो आपको बतादें कि इसी के कुछ ही दूरी पर एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है जो कि ‘कालीमठ’ के नाम से जाना जाता है।
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