अपनी सभी रोड ट्रिप्स भूल जायेंगे बस एक बार इस अनोखे व बेहद खूबसूरत रस्ते पर चले जाएँ!

We The Wanderfuls

आप सभी ने कभी न कभी कोई रोड ट्रिप जरूर की होगी और हम सभी जानते हैं की कुछ सफर ऐसे होते हैं जिन्हें मंजिल से कम खूबसूरत बिलकुल नहीं कहा जा सकता और यहाँ तक की कुछ सफर तो हमेशा के लिए हमारी यादों में बस जाते हैं

तो बस आज हम हमारी एक ऐसी ही रोड ट्रिप के बारे में बताने जा रहे हैं जो है कश्मीर के सोनमर्ग से लद्दाख़ में मौजूद कारगिल वॉर मेमोरियल तक के अद्भुत सफर की तो चलिए बताते हैं आपको हमारे इस सफर के बारे में….


इस सफर को हमारी अभी तक की सभी यात्राओं में सबसे खूबसूरत सफर कहना गलत नहीं होगा। सफर के बीच में हमें दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक- जोजिला दर्रे से भी गुजरना पड़ा जो की हमारी तरह के एडवेंचर लवर्स के लिए सच में बेहद अद्भुत अनुभव है

साथ ही शानदार सफर के बाद मंजिल पर कारगिल वॉर मेमोरियल पर पहुंचकर जो देशभक्ति की भावना आपके रोम रोम से गुजरती है उसके तो क्या ही कहने..!



सोनमर्ग से जीरो पॉइंट:

सोनमर्ग से जब हमने लद्दाख की ओर हमारे सफर की शुरुआत की तो हमें सड़क के दोनों और हरे भरे और रेतीले दोनों तरह के पहाड़ दिख रहे थे और साथ में एक तरफ बहती बेहद खूबसूरत सिंध नदी, ऐसे नज़ारे जैसे हमने पहले सिर्फ फिल्मों में देखे थे। हम हर जगह महसूस कर पा रहे थे की आखिर क्यों कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है।


साथ ही सड़क पर हमें पर्यटकों के वाहनों कम ही दिख रहे थे क्योंकि ये टूरिस्ट के लिहाज़ से पीक सीजन नहीं था लेकिन पूरे सफर के दौरान हमें राष्ट्रीय सुरक्षा में तैनात हमारी सेना के जवानों के ट्रक मिल रहे थे जो सच में अपने आप में बेहद सुखद अनुभव था

करीब आधे घंटे के सफर के बाद हम बालटाल नाम की जगह पर पहुँच गए जो स्थान अमरनाथ यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ से सड़क के दोनों और के नज़ारे भी कहीं ज्यादा अनोखे और सुन्दर दिखने लगे थे।


बालटाल से कुछ और दूर चलने के बाद हमें सड़क की स्थिति खराब मिलने लगी और हम समझ गए की सबसे खतरनाक सडकों में से एक जोजिला पास अब ज्यादा दूर नहीं था

कुछ देर बाद हम जोजिला पास पहुँच गए जहाँ कुछ लोग लगातार इस सड़क की मरम्मत के लिए काम करते रहते है लेकिन इस जगह की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है जिससे लैंडस्लाइड वगैरह की वजह से यहाँ सड़क निर्माण और साथ ही सड़क को अच्छी अवस्था में रहना लगभग नामुमकिन है।

हमें सड़क के एक ओर बेहद खतरनाक दिखने वाली पहाड़ियां दिखाई दे रही थी और दूसरी ओर बेहद गहरी सीधी खाई। साथ में सड़क की स्थिति भी काफी जगह अच्छी न होने की वजह से इस जगह ड्राइव करना सच में एक अद्भुत अनुभव था।

जोजिला पास क पार करके कुछ देर में हम जीरो पॉइंट पहुँच गए। वहां मिली जानकारियों के अनुसार जीरो पॉइंट के एक ओर कश्मीर, एक ओर लद्दाख और एक ओर POK है और इसीलिए ही इसे जीरो पॉइंट कहा जाता है। ये जगह समुद्र तल से 11649 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है


जीरो पॉइंट से कारगिल वॉर मेमोरियल

यहाँ कुछ देर रुकने के बाद हम आगे बढ़े और कुछ देर बाद ज़ोजिला वॉर मेमोरियल पर पहुंचे। जीरो पॉइंट से यहाँ तक की काफी जगह सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था जिसके कारण थोड़ा ट्रैफिक जाम भी हमें मिला। इस जगह तक आपको सड़क की स्थिति थोड़ी खराब मिल सकती है।


यहाँ से कुछ दूर चलने के बाद हमें बहुत अच्छे से एहसास होने लग गया था की क्यों लद्दाख को इतना खूबसूरत कहा जाता है और क्यों यहाँ नज़ारे सबसे अलग और बेहद खूबसूरत हैं।

लैंडस्केप में अचानक बहुत ज्यादा बदलाव दिख रहे थे जो की हमारी यात्रा के अनुभव को और भी ज्यादा शानदार बना रहे थे। 
कुछ देर बाद हमें कारगिल की एंट्री पर एक चेक पोस्ट मिली जहाँ आपको कुछ बेसिक डिटेल्स बतानी होती है जिसके बाद हमने कारगिल में प्रवेश किया।


यहाँ हमें कुछ बम जैसी आवाजें आने लगी तो एक बार हम सोच में पद गए लेकिन बाद में सेना के एक जवान से पूछने पर हमें पता चला की ये हमारी सेना द्वारा की जा रही प्रैक्टिस की आवाज़ें हैं। ये पल भी हमेशा के लिए हमारी यादों में बस गए।

फिर हम दुनिया के दूसरे सबसे ठंड़े बसावट वाले स्थान द्रास पहुंचे जहाँ के लिए बताया जाता है की सर्दियों के मौसम में यहाँ का न्यूनतम तापमान -30 से -50 डिग्री सेल्सियस तक जाता है। 


इसके बाद जो नज़ारे हमें उन रास्तों में दिखे वो सच में हमारी किसी कल्पना से भी परे था। दूर दूर तक दिख रहे अद्भुत किस्म के खूबसूरत रेतीले पहाड़ और एक तरफ बहती बेहद सुन्दर नदी, इन सभी नज़ारों को एक साथ देखते हुए ये ड्राइव सच में हमें हमारी सपनों की लॉन्ग ड्राइव जैसी लग रही थी।


द्रास से करीब 15-20 मिनट के सफर के बाद हम कारगिल युद्ध स्मारक पहुँच गए। पार्किंग के लिए काफी जगह थी तो पार्किंग टिकट लेकर हमने कार पार्क कर दी और स्मारक में प्रवेश किया।

हमें वहां जानकारी मिली की यहाँ सामने दिख रही पहाड़ियों की चोटियों पर दुश्मन पाकिस्तानी सेना बैठी थी और फिर हमारी सेना ने अपने शौर्य और बलिदान से पहाड़ों के नीचे होने के बाद भी उन्हें खदेड़ कर पाकिस्तान वापस भेज दिया था।

यहाँ से आप वे सभी चोटियां देख सकते हैं जिन पर कारगिल युद्ध के वक़्त पाकिस्तानी सैनिकों ने कब्ज़ा कर लिया था और फिर हमारे जवानों ने उन्हें जल्द ही बुरी तरह हराकर वापस पाकिस्तान भेजकर फिर से उन सभी पहाड़ी चोटियों पर अपना कब्ज़ा वापस ले लिया था।


यहाँ युद्ध समाधि क्षेत्र भी है, जो युद्ध में शहीद हुए हर सैनिक के लिए एक श्रद्धांजलि है। एक पाकिस्तानी बंकर भी वहां रखा हुआ है जिसे पर हमने युद्ध के दौरान अपने कब्जे में ले लिया था। कारगिल युद्ध में इस्तेमाल हुए टैंक, फाइटर प्लेन और तोपों को भी देखने का हमें वहां अवसर मिला।


यहाँ कारगिल युद्ध से जुड़ी जानकारियां आपको एक 10 मिनट्स की फिल्म के द्वारा देखने का मौका भी मिलता है जो सच में बहुत शानदार तरीके से बनायीं गयी है।

साथ ही अगर आपको ऐसी जगहों के हमारे वीडियो भी देखने हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल WE and IHANA पर या फिर हमारे इंस्टाग्राम अकाउंट @weandihana पर भी जा सकते हैं।

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