बिहार में इतनी खूबसूरती तो बाहर क्यों जाए! नए साल के मौके पर इन जगहों को करें एक्स्प्लोर

Sweta Patel

नए साल के जश्न के लिए लोग अलग अलग शहरों की रुख करते है, कुछ देश तो कुछ विदेशों की भी यात्रा करते है। लेकिन आज के इस पोस्ट में हम खासतौर से बिहार के चुनिंदा जगहों के बारे में आपको बताने वाले है जिसकी खूबसूरती किसी जन्नत से कम नहीं है।

बिहार में भी कई ऐसी जगहें है जहाँ जाकर आप नए साल के जश्न को बिलकुल अलग तरीके से मना सकते है और अन्य जगहों की तरह यह ट्रिप भी आपके मेमोरी में बस जाएगी। तो चलिए शुरू करते है –

पटना

अगर आपको बिहार की राजधानी पटना गए हुए एक दो साल भी हो गया है तो पटना आपके लिए किसी टूरिस्ट प्लेस से कम नहीं है। पूरे शहर फैले फ्लाईओवर का जंजाल और शानदार रोड से लेकर बिल्डिंग तक सब कुछ आपको किसी बड़े शहर में होने का एहसास कराएगी।

साथ ही पटना में अनेक स्थल है जहाँ नए साल पर पर्यटकों की भीड़ रहेगी, पटना ज़ू, इको पार्क, मरीन ड्राइव, सभ्यता द्वार, पटना साहिब गुरुद्वारा, बिहार म्यूजियम आदि जगहों पर आप जा सकते है।

कैमूर

कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाने वाला कैमूर आज बिहार के पर्यटन के मानचित्र पर उभर कर सामने आया है, आपकी सुकून और शांति की खोज कैमूर पहाड़ी पर पहुंचते ही पूरी हो जाएगी। पहाड़ी पर कई झरने भी है जो बरसात के दिनों में आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।

इसके अलावे चैनपुर प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर कुहिरा नदी पर स्थित जगदहवां डैम की खूबसूरती भी लोगों को अपनी ओर खींचती है, यहां खासकर नये साल का जश्न मनाने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा होती है।

बांका

बांका जिला पिछले कुछ सालों में बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शुमार हुआ है, जिले में स्थित मंदार पर्वत किसी परिचय का मोहताज नहीं है। कहा जाता है कि यह देव और दानवों के बीच हुए समुद्र मंथन का भी गवाह रहा है, यहां नए साल के मौके पर शानदार नजारों के बीच जश्न मना सकते हैं।

यहाँ बाबा मधुसूदन का दरबार, कामधेनु मंदिर,सीता कुंड, अष्टकमल मंदिर, पापहरणी सरोवर, जैन धर्म के14 वें तीर्थंकर भगवान वसुपूज्य की चरण पादुका आदि का भी दर्शन कर सकते हैं। साथ हीं मंदार पर्वत के तराई में सफा धर्मावलंबियों का भी पवित्र स्थल है।

इसके अलावा अगर आप मंदार पर्वत का भ्रमण करना चाहते हैं तो आप पैदल या रोपवे के सहारे जा सकते हैं, रोपवे सेवा शुरू होने के बाद मंदार पर्वत का भ्रमण करने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ गई है। हर साल मकर संक्रांति के मौके पर मेले का भी आयोजन होता है।

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पश्चिमी चम्पारण

पश्चिमी चम्पारण में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व पिछले कुछ सालों में बिहार के सबसे प्रमुख पर्यटक केंद्रों में से एक के तौर पर उभरा है। बिहार सरकार ने भी इसके काफी प्रमोट किया है और लगातार यहाँ के लिए पटना से टूर भी ऑर्गनाइज करती है।

आप भी नेपाल सीमा से सटे इस मनमोहक टाइगर रिज़र्व में जाकर आनंद उठा सकते है, इस जगह पर आप कई तरह की एक्टिविटी भी कर सकते है जैसे जीप सफारी, साइकिलिंग, बोटिंग आदि। यहाँ गंडक नदी पर बने रिवर फ्रंट से सनसेट का व्यू शानदार रहता है।

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नालंदा

नालंदा जिले में घूमने फिरने के हिसाब से कई एक जगहें है जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते है। पिछले कुछ सालों में राजगीर में तरह तरह के स्पॉट बनाए गए है। गिलास ब्रिज से लेकर ज़ू सफारी राजगीर की खूबसूरती को और भी बढ़ा दिया है।

इसके अलावे नालंदा में आप पावापुरी जा सकते है, पावापुरी का जलमंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है और यहां का मुख्य मंदिर भी है। यहां पर भगवान महावीर का दाह संस्कार हुआ था।

प्राचीन नालंदा विश्व विद्यालय के अवशेष को देखकर बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास को समझ सकते है तो सोन भण्डार गुफा के आसपास की हरियाली में कुछ पल बिता सकते है।

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वैशाली

बुद्ध, महावीर और आम्रपाली की नगरी वैशाली हमेशा से ही इतिहास के पन्नों पर विशेष जगह बनाए हुए है। वैशाली जिले में आप कई स्थानों पर जाकर नव वर्ष का जश्न मना सके है।

वैशाली गढ़ के आसपास कई स्थान है जैसे शांति स्तूप, अशोक स्तम्भ, वैशाली म्यूजियम, पंच मुखी महादेव मंदिर इसके साथ ही पूरे जिले के अलग अलग हिस्सों में भी तमाम जगहें है जहाँ जाया जा सकता है जैसे सरसई सरोवर, बरैला झील आदि।

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