मसूरी, नैनीताल नहीं बल्कि भीड़ से दूर ये शहर है उत्तराखंड का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन !

अगर उत्तराखंड में हिल स्टेशन घूमने की बात करें तो सबसे पहले हम सभी के दिमाग में मसूरी और नैनीताल का नाम आता है। लेकिन अगर आप दोनों ही हिल स्टेशन में सीजन के वक़्त गए हों तो आप जरूर समझ जायेंगे की अब यहाँ घूमने में उतना मजा नहीं क्योंकि पर्यटकों की भीड़ आपको वो शांति और सुकून महसूस नहीं करने देगी जिसके लिए आम तौर पर पर्यटक किसी हिल स्टेशन का रुख करते हैं। यहाँ तक की कई बार गर्मियों में तो टूरिस्ट की एंट्री पर ब्रेक तक लगा देना पड़ता है इन हिल स्टेशन्स पर। तो हम आज आपकी इसी समस्या का हल हमारे इस आर्टिकल में लेकर आये हैं।

हम आपको बताने वाले हैं दिल्ली के करीब उत्तराखंड के ही एक खूबसूरत हिल स्टेशन लैंसडाउन के बारे में…. हो सकता हैं अपने इसका नाम नहीं सुना हो क्योंकि ये इतना फेमस हिल स्टेशन तो है नहीं। शायद इसीलिए यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती अभी तक भी अच्छे से बनी हुई है और साथ ही यहाँ आकर आप पर्यटकों की अंधाधुंध भीड़ से भी बच जायेंगे

आपको बता दें की लैंसडाउन अपने अद्भुत मौसम के लिए खास तौर पर पहचाना जाता है और अगर आप मानसून के बाद या सर्दियों में यहाँ आ रहे हैं तो फिर तो क्या ही कहने। साथ ही चूंकि लैंसडाउन गढ़वाल राइफल्स का एक छावनी क्षेत्र है तो सुरक्षा की दृष्टि से भी ये बहुत ज्यादा सेफ है और अपनी ट्रिप पर जब हर जगह आपको आर्मी के जवानो की आवाजाही भी दिखे तो उसकी एक अलग ही फीलिंग होती है ये तो आप समझ ही सकते हैं।


भारतीय सेना ही शहर में विकास का प्रबंधन और नियमन करती है इसीलिए आपको यहाँ हर जगह बहुत साफ़ सफाई और अन्य चीजें भी काफी अच्छे से प्रबंधित की हुई मिलेंगी। कुल मिलाकर ये हिल टाउन भीड़ से दूर, सुकून भरी हरी भरी वादियों से भरा खूबसूरत हिल स्टेशन के तौर पर जाना जाता है और हो भी क्यों न, आखिर लैंसडाउन ने अपनी शांति और सुंदरता को इतने अद्भुत रूप से बरकरार जो रखा है।

लैंसडाउन जाते समय कोटद्वार से कुछ दूर चलने के बाद लैंसडाउन से करीब 10 किलोमीटर पहले रास्तों की खूबसूरती देखकर ही आपको लैंसडाउन की खूबसूरती का आईडिया तो लग जायेगा। तो चलिए बताते हैं आपको लैंसडाउन के कुछ खास पर्यटन स्थलों के बारे में….



भुल्ला ताल
लैंसडाउन की सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक भुल्ला ताल का रख रखाव भी भारतीय सेना द्वारा किया जाता है। अगर मौसम बादलों का हो तो बादल भी इस झील को छूकर जाये बिना रह नहीं पाते तो हमारे लिए वो नज़ारा सच में बेहद खूबसूरत होता है।

ये शहर के मैन मार्केट से बस 2 किलोमीटर दूर है और यहाँ झील के साथ साथ एक बहुत बड़ा हरा भरा गार्डन और कुछ खरगोश आदि जानवर भी है आपकी विजिट को यादगार बनाए के लिए। इसका एंट्री टिकट 150 रूपए का है जिसमे बोटिंग भी शामिल है।


सेंट मैरी चर्च
लैंसडाउन में एंट्री करते वक़्त ही शहर की सुन्दर सड़क किनारे बना ये शानदार चर्च लैंसडाउन की खूबसूरती पर चार चाँद लगा रहा है। इससे अंग्रेज़ों ने करीब 100 वर्ष पहले बनाया था। ये भी इस हिल स्टेशन का एक महत्वपूर्ण हिल स्टेशन है जिसके चारों और एक खूबसूरत बगीचा भी बना हुआ है।

टिप इन टॉप

लैंसडौन के मार्केट से करीब 3 किलोमीटर दूर ये जगह हिमालय की बर्फीली चोटियों को देखने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। अगर मौसम साथ दे तो यहाँ से आपको हिमालय के कई शिखर आसानी से दिखते हैं। इसका एंट्री टिकट 20 रूपए का है और यहाँ आप आराम से 1-2 घंटे सामने के शानदार नज़ारे के साथ बिता सकते हैं।


मैनवारिंग गार्डन
लैंसडाउन सिटी में एसबीआई बैंक की शाखा के सामने मौजूद इस गार्डन में आप 602 समुद्री हैरियर भी देख सकते हैं, जिसने फ़ॉकलैंड युद्ध और बाल्कन संघर्ष में भाग लिया था। ये उद्यान भी काफी सुंदरता से बनाया गया है और इसका कोई एंट्री चार्ज भी नहीं है। साथ ही यहाँ आपको एक और बहुत सारे अलग अलग रंगों के खरगोश और कबूतर भी दिखेंगे जो आपके मन को खुश करने के लिए काफी है।

माँ ज्वाल्पा देवी मंदिर
नयार नदी किनारे स्तिथ ज्वाल्पा देवी मंदिर (Maa Jwalpa Devi Temple) की शोभा देखते ही बनती है। लैंसडाउन शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित ये मंदिर नदी किनारे बना है और हिल स्टेशन से मंदिर तक का पूरा रास्ता बेहद शानदार प्राकृतिक नज़रों से भरा हुआ है। यहाँ माता के दर्शन के साथ नदी किनारे कुछ समय बिताने से आप अपने आप में एक अलग ही ऊर्जा का संचार निश्चित रूप से महसूस करेंगे। 


ताड़केश्वर महादेव मंदिर
लैंसडाउन से करीब 35 किलोमीटर दूर ये धाम सुकून और शांति की आपकी परिभाषा को ही बदल देगा। चारों ओर केदार और देवदार के वृक्षों से घिरा ये स्थान सच में बेहद शानदार और अनोखा है। अपनी इस हिल स्टेशन की यात्रा पर आप इस जगह को बिलकुल मिस न करें।


सेंट जॉन्स चर्च
यह लैंसडाउन में मौजूद एक रोमन कैथोलिक चर्च है। दिखने में बेहद खूबसूरत ये चर्च अस्थायी तौर पर बंद है लेकिन यहाँ आप अपनी कुछ शानदार फोटोज तो ले ही सकते हैं।

संतोषी माता मंदिर
लैंसडाउन मार्केट से थोड़ा दूर (4-5 किलोमीटर) स्थित ये मंदिर भी यहाँ के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ करीब 40-50 सीढ़ियां चढ़कर आप मंदिर तक पहुंचेंगे और वहां माता के आशीर्वाद के साथ ही वहां से शिवालिक पर्वतमालाओं का बेहद आकर्षक नज़ारा भी आप देख सकते हैं।

और इन सभी जगहों के बाद भी , लैंसडाउन में प्रकृति की वादियों के बीच सैर करना एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन है।

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लैंसडाउन कैसे पहुँचे?

सड़क मार्ग द्वारा: निकटतम शहर, कोटद्वार उत्तर भारत के कई बड़े शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से कोटद्वार करीब 240 किमी है और कोटद्वार से लैंसडाउन करीब 40 किमी की दूरी पर है।

रेल मार्ग द्वारा: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार स्टेशन है। वहाँ से टैक्सी या सरकारी बस आदि से लैंसडाउन आसानी से पहुँचा जा सकता है।

हवाई मार्ग द्वारा: लैंसडाउन से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्राँट एयरपोर्ट, जो की देहरादून में है। यह लैंसडाउन से करीब 150 किमी की दूरी पर है।