असम का छुपा हुआ खजाना है नगांव शहर, नजरों से ओझल हैं कई अद्भुत नज़ारे

असम राज्य को पूर्व-भारत के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है, इस राज्य की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि हर दिन हजारों देशी और विदेशी सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं।
असम राज्य का ही एक शहर है नागांव जिसकी प्राकृतिक सुंदरता बखान नहीं की जा सकती, नागांव का सुंदर और शांत परिदृश्य सर्दियों के मौसम के दौरान और भी हरा-भरा हो जाता है, इसलिए यह सुंदर शहर नागांव को देखने का एक सही समय है। नागांव की गर्मी भी सुखद होती है। कोई अपना पसंदीदा समय चुन सकता है।
असम का चौथा सबसे बड़ा शहर होने के नाते, इसमें बड़ी संख्या में आबादी रहती है। यह शहर कृषि में भी समृद्ध है और ज्यादातर धान की फसलों के लिए जाना जाता है।
लओखोवा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी
नगांव शहर की खूबसूरती का जिक्र यहां मौजूद लओखोवा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी से करते हैं। असम में मौजूद काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का नाम तो आपने सुना ही होगा? अगर हां, तो आपको बता दें कि लओखोवा सैंक्चुरी उससे कम भी नहीं है।
जिस तरह काजीरंगा हरे-भरे वन, विलुप्त जानवर और अद्भुत दृश्यों के लिए दुनिया भर में फेमस है ठीक उसी तरह लओखोवा सैंक्चुरी फेमस है। ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर फैला यह सैंक्चुरी हज़ार से भी अधिक जानवर की प्रजातियों के लिए फेमस है। खासकर यह भारतीय गैंडे के लिए फेमस है। यहां आप जंगल सफारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
सिलघाट
यह नागांव से 5o किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यह अपनी सुरम्य विशेषता के लिए जाना जाता है जो हर पर्यटक को देखने के लिए आकर्षित करता है। नदी बंदरगाह में कई मंदिर भी हैं।
सिलघाट के बारे में एक बात बेहद फेमस है कि जब सुबह से सूरज की किरण पानी पर पड़ता है तो आसपास की जगह चमक उठती है। इसी तरह शाम के समय जब सूरज की किरणे पानी पर पड़ता है आसपास की जगह चमक उठती है।
चंपावती वॉटरफॉल
उफ़ क्या जगह है! जी हां, पहली बार चंपावती कुंड या वॉटरफॉल को देखने के बाद आप कुछ ऐसे ही बोलेंगे।
नागांव के चपनाल्ला इलाके में मौजूद चंपावती वॉटरफॉल एक लोकप्रिय स्थान होने के साथ-साथ प्राकृतिक खजाना भी है। इसके नज़ारे को देखने के बाद आप जीवन भर के लिए इन यादों को संजो लेंगे।
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महामृत्युंजय मंदिर
नगांव शहर की पहचान किसी चीज को लेकर है तो वो किसी और चीज से नहीं बल्कि यहां मौजूद पूर्व-भारत का सबसे प्रसिद्ध महामृत्युंजय मंदिर से है। इस मंदिर इस कदर प्रसिद्ध है कि असम में घूमने वाला हर सैलानी यहां पहुंचा है।
महामृत्युंजय मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यह दुनिया का सबसे उंचा शिव मंदिर है और यहां लगभग 126 फीट उंचा शिवलिंग मौजूद है। पहाड़ी पर मौजूद होने के चलते यह मंदिर लगभग सभी सैलानियों की पहली पसंद भी है।
नागांव कैसे पहुंचे
तेजपुर हवाई अड्डा (TEZ) निकटतम हवाई अड्डा है जो नागांव से सिर्फ 67 किलोमीटर दूर है। एक बार जब आप हवाई अड्डे पर उतर जाते हैं, तो नागांव पहुंचने में लगभग दो घंटे लगेंगे। नागांव शहर की ओर लगातार बसें चलती हैं।
नागांव रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है जो असम के अन्य क्षेत्रों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। चापरमुख जंक्शन रेलवे स्टेशन नाम का एक और रेलवे स्टेशन है जो भारत के अन्य महानगरीय शहरों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।