दिल्ली के करीब बेहद खूबसूरत सफर और सुकून से भरी ये अद्भुत शांत जगह.. क्या आपको पता है?
किसी ने सच ही कहा है कि ” दुनिया एक किताब है, और जो यात्रा नही करते है वे केवल एक पन्ना पढ़ते हैं ” और अगर आपने ज़िन्दगी कि इस किताब के कुछ पन्ने भी पढ़े हैं तो अपनी यात्रा में मंजिल के साथ साथ मंजिल तक पहुँचाने वाले सफर कि कितनी खूबसूरत यादें होती हैं ये आपको अच्छे से पता होगा।
आज हम आपको ऐसी ही एक यात्रा के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पहाड़ो के बीच सपनो जैसे सफर के साथ एक अनोखी खूबसूरती और अपने आप में एक अलग ही शांति और सुकून से भरी मंजिल हमें मिली। मन की सच्ची शांति और सुकून जिसके लिए लगभग हर एक यात्री को इंतज़ार रहता हैं उसे अगर कही सच में आप महसूस कर सकते हैं उन चंद जगहों में से एक जगह के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में लैंसडाउन के नजदीक “ताड़केश्वर धाम” की। लैंसडाउन अपने आप में एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन हैं और उसी से करीब 35 किलोमीटर दूर ताड़केश्वर महादेव मंदिर केदार और देवदार के बेहद ऊँचे वृक्षों के बीच मौजूद है।
लैंसडाउन से ताड़केश्वर महादेव मंदिर
लैंसडाउन से ताड़केश्वर महादेव की दूरी करीब एक घंटे में पूरी होती है और कुछ दूर चलने के बाद ही उत्तराखंड के पहाड़ो की खूबसूरती दिल खुश करने वाली थी। हम बादलों के बीच से निकल रहे थे और साथ ही बादलों का उन खूबसूरत हरे भरे पहाड़ों को छूकर जाना धरती पर ही स्वर्ग से नज़ारों का एहसास करवा रहा था। रास्ते में ऐसे कई अद्भुत दृश्य देखने को मिले जो हमेशा के लिए हमारी यादों में बस गए।
इस सुहाने करीब एक- सवा घंटे के सफर के बाद आखिर हम आदिकालीन करीब 1500 वर्ष पुराने सिद्ध स्थान ताड़केश्वर धाम के प्रवेश द्वार पर पहुँच गए और वहां कार पार्क करके हम मंदिर की तरफ चल दिए। लोगो से पूछकर पता चला की वहां से मंदिर करीब 15 मिनट के ट्रेक जितना दूर हैं तो बस हम चल दिए मंदिर की ओर…
ताड़केश्वर महादेव ट्रेक :
ताड़केश्वर धाम समुद्र तल से करीब 1900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं और ये ट्रेक एक बेहद आसान ट्रेक है। प्रवेश द्वार से बस 2-3 मिनट चलने पर ही आपका इस जगह की अद्भुत खूबसूरती से मिलान हो जायेगा। चारों ओर केदार और देवदार के वृक्षों के बीच से बहती ताजा हवाएं आपको एक अलग ही सुख का एहसास कराती हैं। यहाँ पहुंचकर आपका मन बेहद शांति और सुकून से भर जायेगा। आपको बता दें की ताड़केश्वर धाम उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं और साथ ही भगवान शिव को समर्पित सिद्ध पीठों में से एक के रूप में जाना जाता है।
कुछ देर बाद हम मुख्य मंदिर देख पा रहे थे। यहाँ से हमने देखा की मंदिर के कुछ दूर पहले से ही मंदिर मार्ग पर ढेरों घंटियां लगी हुई थी और जैसे की यह मंदिर इतनी ऊंचाई पर स्थित हैं और चारों और घना जंगल भी हैं इसलिए यहाँ लगातार शुद्ध तेज़ हवाएं चलती ही रहती है, जिसके कारण मंदिर की हज़ारों छोटी-बड़ी घंटियां भी बजती रहती है। चारों और देवदार और केदार के घने जंगल के बीच घंटियों और पक्षियों की इतनी मधुर आवाज़ें…. यकीन मानिये, इससे बेहतर स्थान और कोई हो ही नहीं सकता सुकून पाने के लिए। हम आपको विश्वास दिलाते है बस एक बार यहाँ चले जाइये, आपका वहां से आने का मन बिलकुल नहीं करेगा।
मुख्य मंदिर पहली नज़र में ही आपके दिल को छुने वाला दृश्य दिखता हैं और साथ में इस शांति में ताड़केश्वर महादेव के दर्शन करके आप खुद को सच्चे आनंद का एहसास करवाते हैं।
साथ ही आपको बता दें कि मंदिर जिन हजारों घंटियों से घिरा हुआ है वो भक्तों द्वारा ही चढाई जाती है। मंदिर के पास पर्यटकों के ठहरने के लिए दो धर्मशालाएं भी हैं। यहाँ महाशिवरात्रि का पर्व बेहद धूम-धाम से मनाया जाता है जिसे देखने उत्तराखंड के अलावा अनेक राज्यों से भक्त और पर्यटक यहाँ पहुँचते हैं।
मंदिर के एक ओर एक खुला इलाका भी हैं जहाँ से कुछ टूटे देवदार के वृक्ष और कुछ लोग फॅमिली पिकनिक करते हुए मिलेंगे।
त्रिशूल रुपी वृक्ष
मंदिर कि महिमा और निखारने वाला प्रतीक मंदिर परिसर में एक पवित्र त्रिशूल रुपी वृक्ष भी है जो देखने में भी बेहद अद्भुत है।
ताड़केश्वर महादेव कि महिमा:
ताड़केश्वर महादेव कि महिमा को अच्छे से जानने के लिए आप नीचे दी गयी फोटो में इसे पढ़ सकते हैं।
अगर आप इस जगह के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं और ऐसी ही और जगह के बारे में भी जानना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल WE and IHANA पर नीचे दिए गए लिंक के द्वारा जा सकते हैं:
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ताड़केश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुँचे:
सड़क मार्ग द्वारा: उत्तराखंड का कोटद्वार शहर उत्तर भारत के कई शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से कोटद्वार 240 किमी दूर है और कोटद्वार से लैंसडाउन कि दूरी 40 किमी है। लैंसडाउन से ताड़केश्वर महादेव मंदिर करीब 35 किमी की दूरी पर है।
रेल मार्ग द्वारा: अगर बात करें सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कि तो वो कोटद्वार रेलवे स्टेशन है। वहाँ से आसानी से आप टैक्सी या सरकारी बस आदि से ताड़केश्वर महादेव मंदिर पहुँच सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा: यहाँ से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जौलीग्राँट एयरपोर्ट है, जो कि देहरादून में है। देहरादून से लेंसडाउन करीब 150 किमी की दूरी पर है।