लोहगढ़ किला या लोहागढ़ किला लोनावला का सबसे प्रसिद्ध किला माना जाता है। यह किला महाराष्ट्र के प्रसिद्ध पहाड़ी किलो में से एक है, जिसे देखने के लिए लोगों के मन में काफी उत्साह रहता है।
यह किला 18 वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श गंतव्य है, और ऐसा कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज इस किले में अपना खजाना रखते थे।
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अपने रोमांचकारी ट्रेक रूट के अलावा, लोहागढ़ किला अपने आप में एक विशाल संरचना है, जो कभी शक्तिशाली मराठा साम्राज्य के नियंत्रण में थी और साथ ही यह विसापुर किले से भी जुड़ा हुआ है ।
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3400 फीट की ऊंचाई पर स्थित, लोहागढ़ किला एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल है, लोहगढ़ के नाम से किले महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा हिमाचल के बीच भी स्थित है।
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लोहगढ़ किला महाराष्ट्र के लोनावला हिल स्टेशन से लगभग 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 3400 फिट है। इसमें चार द्वार है, जिसमें नारायण दरवाजा, हनुमान दरवाजा, गणेश दरवाजा, और महा दरवाजा शामिल है।
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इसके इतिहास की बात करे तो लोहगढ़ किले का इतिहास काफी प्रसिद्ध है। अलग-अलग समय में अलग-अलग शासकों ने यहाँ राज किया है। 1648 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस किले पर कब्ज़ा कर लिया था, लेकिन पुरंदर की संधि के कारण 1665 में यह किला मुगलों को वापस दे दिया। फिर 1670 में उन्होंने इस किले को वापस अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया था।
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लोहगढ़ किला जगलों के बीच एक पहाड़ पर स्थित है, इसलिए ऊपर से यहाँ से आस-पास के नज़ारे देखने में बहुत ही प्यारे लगते है। यहाँ का मनोरम दृश्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
लोहगढ़ किले का रास्ता लोहागढ़वाड़ी गाँव से शुरू होता है। ऊपर किले तक पहुंचने के लिए लगभग 250 से 350 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है, जिसमें लगभग 50 मिनट तक का समय लगता है।
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इस किले में घूमने के लिए आपको किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता है। यह स्थान सभी पर्यटकों के लिए पूर्ण रूप से निशुल्क है।
अगर आप यहां जाना चाहते है, तो लोहगढ़ किला घूमने का सही समय मानसून में होता है, उस समय पहाड़ों से बहते झरने और किले के चरों तरफ की हरियाली बहुत ही खूबसूरत लगती है।
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यहाँ आप अपनी पर्सनल कार से भी जा सकते है, जिससे आस पास की जगह पर भी घूमना आपके लिए आसान हो। अगर आप फ्लाइट, ट्रेन, या बस से जाते है, तो आपको पुणे से लोहगढ़ किले तक जाने के लिए टैक्सी करनी पड़ेगी। पुणे से यह लगभग 52 किलोमीटर की दूरी पर है।