ट्रेकर्स के बीच काफी मशहूर है कुमारा पर्वत, ऊपर बादलों में दिखता है शिव पुत्र का अलौकिक रूप

Kumara Parvatha Trek

कर्नाटक में घूमने के लिए सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थल है, पश्चिमी घाट में स्थित कुमारा पर्वत। यहाँ आकर ऐसा लगता है मानो आप बादलों के ऊपर हो। तलहटी में कुक्के सुब्रह्मण्य नामक एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है और कुक्के सुब्रह्मण्य मंदिर के ठीक पीछे, पुष्पगिरि वन्यजीव अभयारण्य के हरे-भरे जंगल के बीच यह पर्वत है।

 

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कुमारा पर्वत को पुष्पगिरि के नाम से भी जाना जाता है, जो ज्यादातर समय छिपी रहती है और शेष पर्वत को पार करने के बाद ही दिखाई देती है, परंतु पूरे रास्ते को कुमार पर्वत ट्रेक के नाम से जाना जाता है।

 

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कुमारा पर्वत कोडागु जिले की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है, तडियांडमोल के बाद और कर्नाटक की चौथी सबसे ऊँची चोटी है, कुमारा पर्वत 1,700 मीटर (लगभग 5,600 फीट) ऊँचा है और कुमारा पर्वत ट्रेक 22 किलोमीटर की दूरी तय करता है।

आमतौर पर यह यात्रा  2 दिनों में की जाती है, जैसे ही भोर होती है, शेष पर्वत की पहली झलक बहुत ही रोमांचक होती है। यहाँ आप टैंट लगा कर समय बिता सकते है जैसे अन्य पर्यटक करते है।

 

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यदि आप कुमारा पर्वत ट्रेक जाना चाहते है, तो यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय मानसून के बाद अक्टूबर से मई का होता है, जब चारो तरफ हरियाली ही हरियाली होती है, और आपको बादलो के नज़ारे भी देखने को मिलते है।

 

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कर्नाटक की सबसे ऊंची चोटी कुमार पर्वत पर धरती का दूसरा कैलाश पर्वत स्थित है, शास्त्रों के मुताबिक इस चोटी पर ही महादेव शिव प्रकट हुए थे. शास्त्रों के अनुसार यहां महादेव कुछ दिन रहें थे. चोटी पर मिलने वाले निशानों के मुताबिक कुमार पर्वत पर शिव पुत्र आज भी मौजूद हैं।

स्थानीय लोगों का मानना है कि मुर्गन स्वामी यानि भगवान कार्तिकेय के कुमार पर्वत पर होने के आज भी सबूत मिलते है. कुमार पर्वत से बादलों में शिव पुत्र का आलौकिक चित्र दिखता है. ऐसी मान्यता है कि कुमार पर्वत पर पहुंचने पर काल सर्प दोष दूर होता ह।

कुमारा पर्वत ट्रेक में कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है यहाँ ट्रैकिंग का समय सुबह 5 बजे से शाम को 5 बजे तक होता है। इसके अलावा आप यहाँ आस-पास और भी पर्यटन स्थल पर जा सकते है, जैसे- कुक्के सुब्रमण्य मंदिर, मंडालपत्ती पीक, कोटे अब्बे फाल्स आदि ।

 

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कुक्के सुब्रमण्य बेंगलुरु से 280 किलोमीटर और मंगलुरु (निकटतम हवाई अड्डे) से 105 किलोमीटर की दूरी पर है। सुब्रमण्य रोड रेलवे स्टेशन कुक्के सुब्रमण्य से 12 किमी कि दूरी पर है। मंगलुरु या बेंगलुरु से कुक्के सुब्रमण्य तक पहुंचने के लिए सीमित बस सेवाएं आपको उपलब्ध मिलेगी।