राजस्थान के 84 गांव के 5 हजार लोग एक ही रात में गायब! आज है टूरिस्ट प्लेस; अजीब है गांव की कहानी
भारत के अलग अलग हिस्सों के जमीन में न जाने कितने ऐसे राज दफन है जो कई वर्षों या कहें सदियों बाद भी सुलझ नहीं पाए है, ये रहस्य कुछ ऐसे हैं जिन्हें जितना सुलझाने की कोशिश होती है ये उतना ही उलझते जाते हैं।
ऐसा ही एक राज छुपा है राजस्थान के एक गांव में जो पिछले 170 सालों से वीरान पड़ा है। कहानी बस एक रात की है जब से यह गांव वीरान पड़ा है और आज तक लोग नहीं समझ पाए कि आखिर इस गांव के वीरान होने का राज क्या था।

हम जिस गांव की बात कर रहे है वह राजस्थान के जैसलमेर से 14 किमी दूर कुलधरा गांव के नाम से जाना जाता है, एक समय की बात है इस गांव में काफी चहल-पहल चल रही थी। लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि यहां भटकने से भी डर लगता है।
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कुलधरा गाँव मूल रूप से ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया था जो पाली क्षेत्र से जैसलमेर चले गए और कुलधरा गाँव में बस गए। इस गाँव को लेकर अलग अलग तरह की किंवदंती है जो बताती है कि यह गांव कैसे वीरान हो गया।
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लोकप्रिय किंवदंती के अनुसार, 1800 के दशक में, गांव सलीम सिंह, एक जागीर या राज्य मंत्री का घर था, जिन्होंने कर वसूल कर लोगों को धोखा दिया था। यहां के लोग ग्रामीण लोगों पर लगाए जाने वाले करों से बहुत परेशान रहते थे।
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ऐसा कहा जाता है कि सलीम सिंह गांव के मुखिया की बेटी से प्यार करता था और ग्रामीणों को धमकी देता था कि अगर उन्होंने विरोध करने या रास्ते में आने की कोशिश की तो वह और अधिक कर जमा करना शुरू कर देंगे।
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ऐसा कहते है कि अपने गांव वालों की जान बचाने और अपनी बेटी की इज्जत बचाने के लिए मुखिया समेत पूरा गांव रातों-रात फरार हो गया, और यहाँ से निकलते वक्त गांव वालों ने श्राप दे दिया कि आने वाले दिनों में यहां कोई नहीं रह पाएगा।
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जर्जर और खँडहर बन चूका यह गांव आज के वक्त में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्थल है जहाँ आप घूमने के लिए जा सकते है, यहाँ आपको रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक ही भ्रमण करने का मौका मिलेगा। स्थानीय लोग सूर्यास्त के बाद द्वार बंद कर देते हैं क्योंकि इस स्थान को भूतिया माना जाता है।
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