हमारे देश में प्राचीन अद्भुत वास्तुकला के बहुत से उदारहण हैं और अगर बात करें यहाँ के कुछ सूर्य मंदिरों की तो इनकी अद्भुत वास्तुकला के बारे में तो क्या ही कहना… बस एक बार कोई देख ले तो बस देखता ही रह जाये। हर कोई सोच में पड़ जायेगा की उस वक़्त बिना किसी आधुनिक मशीनों के इतने विशाल पत्थरों पर इतनी शानदार और मनमोहक कलाकृति आख़िरकार कैसे बनाई गयी होगी। उन खास प्रतिभा के कारीगरों को सच में सैल्यूट करने का मन करता है।
सूर्य मंदिर जहाँ आप धार्मिक आस्था के तौर पर तो जाते ही हैं लेकिन साथ ही यहाँ आपको यहाँ इतिहास प्रेमी, फोटोग्राफी लवर्स, और कुछ जिज्ञासु पर्यटक भी मंदिर को अच्छे से निहारते हुए दिख जायेंगे।
तो अगर हम भारत में सबसे फेमस सूर्य मंदिर की बात करें तो सबसे पहले ओडिशा में कोणार्क सूर्य मंदिर ही याद आता है लेकिन अगर आप उत्तर भारत में रहते हैं तो ओडिशा की यात्रा का प्लान इतने आसानी से नहीं बन पता तो इसीलिए अगर हम आपको बता दें की एक बेहद खूबसूरत और अद्भुत प्राचीन वास्तुकला वाला सूर्य मंदिर आप गुजरात में भी देख सकते हैं तो कैसा रहेगा।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं गुजरात में अहमदाबाद से करीब 100 किलोमीटर मोढेरा में स्थित सूर्य मंदिर के बारे में। तो चलिए ले चलते हैं आपको हमारी मोढेरा सूर्य मंदिर की यात्रा पर….
गुजरात यात्रा का प्लान बनाते वक़्त हमें इस खूबसूरत मंदिर के बारे में पता लगा और हमने बिना सोचे इसे अपनी लिस्ट में शामिल कर लिया। गुजरात में पाटण शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर और मेहसाणा से अगर आप जाते हैं तो करीब आधे घंटे के सफर के बाद आप इस जगह पहुंच जायेंगे। वहां पहुंचकर हमें पता लगा की ये मंदिर करीब 1100 साल पुराना हैं और वर्ष 2014 में इस अद्भुत मंदिर को विश्व धरोहर में शामिल किया गया। मंदिर हाईवे से कुछ ही अंदर हैं तो जाने के लिए रास्ता काफी अच्छा था।
वहां पहुंचकर पहले हमने टिकट लिए जो भारतीयों के लिए प्रति वयस्क 25 रुपये है और 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकट की आवश्यकता नहीं है। साथ ही विदेशी नागरिकों के लिए टिकट की कीमत 300 रुपये थी।
फिर हम अंदर गए तो हमें एक विशाल और खूबसूरत हरा भरा बगीचा दिखा और कुछ आगे चलकर हमें सूर्य मंदिर दिखने लगा तो हम बस मंदिर की और बढ़ते चले गए।
वहां पहुंचकर हमने देखा की मंदिर से पहले वहां एक कुंड था जिसे “सूर्य कुंड” और “राम कुंड” नाम से जाना जाता है। इस राम कुंड के लिए यह कहा जाता हैं की वनवास के दौरान भगवन श्री राम और माता सीता इस स्थान पर आए थे।
इस कुंड के चारों और हमें बहुत सारे छोटे छोटे मंदिर भी देख रहे थे जिनके बारे में कहा जाता है की इनकी संख्या कुल 108 थी लेकिन अब कुछ ही बचे हैं।
फिर हम कुंड में सीढ़ियों से नीचे की और गए तो देखा की वहां कुछ कछुए तैर रहे थे जिन्हे देखकर हमारी बेटी इहाना बहुत खुश हो गयी और इनके पास जाने की जिद्द करने लगी। और फिर वहां कुछ समय बिताने के बाद हम मुख्य मंदिर जिसे “गूढ़मण्डप” नाम से जाना जाता है उसकी और गए।
एक वर्ष में कुल 52 सप्ताह होते हैं और ऐसा माना जाता है कि इसी के प्रतीक के रूप इसमें कुल 52 स्तम्भ हैं। इन स्तम्भों पर महाभारत, रामायण और कृष्णा लीला के कुछ दृश्य बड़ी खूबसूरती से दर्शाये गए हैं। इस पूरे मंदिर के सभी स्तम्भ, दीवारें और यहाँ तक की संपूर्ण छत पर भी बेहद सुन्दर नक्काशी की गयी है जिसे देखकर हम बेहद आश्चर्यचकित थे।
फिर हम मंदिर के तीसरे भाग जिसे “सभामण्डप” नाम से जाना जाता है वहां गए। इन मंदिरों को बाहर से देखना भी सच में अद्भुत था और ऐसी अनोखी वास्तुकला हमने अपने जीवन में पहली बार देखी थी। मंदिर का बहुत ही अच्छे से रख-रखाव किया गया है।
इसके बाद वहां एक म्यूजियम भी है जहाँ बहुत सारी हिन्दू देवी देवताओं की बेहद प्राचीन मूर्तियां रखी गयी हैं। और साथ में वही पीछे की ओर पीने के पानी और वाशरूम की भी अच्छी व्यवस्था है। इसके बाद हम बाहर निकले और वहां एक अच्छा रेस्टोरेंट हमें मिला जहाँ हमने लंच किया और खाने की क़्वालिटी और टेस्ट सच में अच्छा थी।
तो अगर आप भी बना रहे है गुजरात घूमने का प्लान तो हम आपको इस सूर्य मंदिर में जाने का सुझाव जरूर देंगे। और अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए और ऐसे ही और लोकेशंस के बारे में भी अगर आप जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक के द्वारा आप हमारे Youtube चैनल WE and IHANA पर भी जा सकते हैं।
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मोढेरा सूर्य मंदिर कैसे पहुंचे ?
यहाँ पहुंचने के लिए आप पहले अहमदाबाद पहुंच सकते हैं जो देश के हर कोने से हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और वहां से करीब 100 किलोमीटर दूर मोढेरा सूर्य मंदिर आप आसानी से टैक्सी के द्वारा पहुंच सकते हैं। या फिर आप मेहसाणा सिटी पहुंच सकते हैं जहाँ से मंदिर सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है।