इंग्लैंड के क्लिफ्टॉन की तरह बिहार में भी है एक सस्पेंशन ब्रिज, 300 फीट ऊपर रोमांच का अनुभव
बिहार का नेचर सफारी मतलब प्रकृति की गोद में आनंद ही आनंद। नालंदा, नवादा और गया के 500 हेक्टेयर वन क्षेत्र में इसका निर्माण किया गया है।
इस नेचर सफारी में बनाया गया देश का पहला ग्लास स्काई वॉक ने खूब धूम मचाया और इसके बाद यहाँ इंग्लैंड के क्लिफ्टॉन की तर्ज पर सस्पेंशन ब्रिज बनाया गया है।

300 फीट ऊपर हैंग कर रहा है यह हिलता-डुलता सस्पेंशन ब्रिज सैलानियों को रोमांच से रूबरू करा रहा है, यह राजगीर की पंच पहाड़ियों में शामिल वैभारगिरि की दो पर्वत श्रृंखलाओं को जोड़ता है।
यह ब्रिज बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में स्थित है, एक बार में इस ब्रिज पर 25 पर्यटकों से अधिक को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
सबसे खास बात यह है कि सस्पेंशन ब्रिज दो छोटी पहाड़ियों के बीच गहरी खाई के ऊपर हैंग करता है। इस खाई की गहराई लगभग 300 फीट है। जबकि पुल की भी लंबाई 300 फीट है।
इसमें मुख्यत: दो रस्सों के सेट हैं, जो मार्ग के दोनों ओर रज्जुवक की आकृति में लटक रहे हैं। लोहे की जंजीर के सहारे ये पुल लटके हुए हैं। ग्लास स्काई वॉक से थोड़ी दूरी पर यह झूला पुल बनाया गया है। इसमें लोहे की रस्सी के अलावा लकड़ी का उपयोग किया गया है।
झूला पुल पर चलने का अलग ही मजा है, चलते हुए पूरे शरीर में गजब की लचक पैदा होती है। ब्रिज के बीच में तैनात गार्ड लगातार गश्त कर ज्यादा देर खड़े पर्यटकों को सचेत कर आगे बढ़ने का निर्देश देते रहते हैं।