गुजरात राज्य में स्थित भुज शहर का नाम भुजियो डुंगर पहाड़ी के नाम पर है, जो कि भुज शहर के पूर्वी ओर स्थित एक शहर है। साथ ही यह कच्छ का जिला मुख्यालय भी है। भुज में घूमने के लिए कई पर्यटक और दार्शनिक स्थल हैं जो कि भुज शहर की संस्कृति को दर्शाता हैं। राजाओं और साम्राज्यों के एक लंबे इतिहास को बटोरे हुए भुज शहर संस्कृति और विरासत का एक अमूल्य खजाना है।
भुज में घूमने की जगह। Places to visit in Bhuj
आइना महल
आइना महल इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भुज में देखने के लिए कई आकर्षित स्थान है। “हॉल ऑफ मिरर्स” के नाम से भी आइना महल को जाना जाता है। प्राचीन कला और प्राचीन वस्तुओं टुकड़ों के एक समृद्ध संग्रह के साथ दरबारगढ़ के परिसर में आइना महल खड़ा है, जो कि भुज के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों काफी मशहूर है। यह महल एक आकर्षक संरचना है, जिसमे छत, स्तंभों, खिड़कियों और दीवारों पर कांच के कई प्रदर्शन के रूप में अंदरूनी प्रतिबिंबित दिखाई देते है।

भुजियो हिल
भुज के सबसे लोकप्रिय और प्रमुख दर्शनीय स्थलों से एक भुजियो हिल है। पुरानी और प्रचलित कथाओं के अनुसार भुज में अतीत में नागा सरदारों का घर हुआ करता था। यहाँ भुजंग को समर्पित एक मंदिर भी है, जहां पर जनजाति के अंतिम सरदार को यहाँ पर एक साँप देवता के रूप में पूजा जाता है। भुजिया हिल पहाड़ी के ऊपर स्थित है, जो जडेजा प्रमुखों के द्वारा बनाई गई संरचना है जिसे शहर की रक्षा को और भी ज़्यादा मजबूत करने के लिए बनाया गया था।

हमीरसर झील
हमीरसर झील एक कृत्रिम झील है, जो कि भुज शहर के बीचो बीच स्थित झील है। क्षेत्र के पूर्व शासकों द्वारा इस झील का निर्माण किया गया था जिससे स्थानीय लोगों की घरेलू जरूरतों के लिए यहां पानी आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। इस झील को भरने के लिए अलग-अलग चैनलों और सुरंगों से नदियों से पानी निकाला गया था। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को समान रूप से इस झील से मिलने वाली रुचि को देखते हुए इस झील को बाद में स्थानीय लोगों और नगरपालिका के लोगों के संयुक्त प्रयासों से इस झील का पुनः निर्माण किया था।

प्राग महल
प्राग महल वास्तुकला की कोरिंथियन स्तंभों और गॉथिक शैली के साथ प्राग महल में आने वाले पर्यटकों के लिए एक बहुत ही अच्छा अनुभव पेश करता है। इस महल को कर्नल हेनरी सेंट विल्किंस ने लाल बलुआ पत्थर से बनवाया था। झरोखों पर जाली, जटिल नक्काशी और दीवार कलाएं इस महल को आकर्षित करती हैं। इसके साथ ही प्राग महल में कई लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्में जैसे हम दिल दे चुके सनम और लगान जैसी चर्चित फिल्मों आदि की शूटिंग भी की गई है।

श्री स्वामीनारायण मंदिर
श्री स्वामीनारायण मंदिर भुज में स्थित एक बहुत ही प्रसिद्ध स्थानों में से एक है, जो कि पर्यटकों के लिए घूमने के लिए एक बहुत ही अच्छी जगह है। यह सफेद संगमरमर से बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण 1822 में हुआ था, जो कि हमीरसर झील के पास स्थित एक आश्चर्यजनक संरचना है। वर्ष 2001 में आए भूकंप में श्री स्वामीनारायण मंदिर बहुत विकृत हो गया। जिसके बाद, एक नए मंदिर का निर्माण कर इस मंदिर के देवी देवताओं को स्थानांतरित कर दिया गया।

धौलावीरा
भुज से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धौलावीरा स्थल है। जो कि पुरातात्विक स्थल हडप्पा संस्कृति का एक प्रमुख केन्द्र था। एक जमाने में धौलावीरा एक हडप्पा संस्कृति से फली-फूली थी। यह 2900 ईसा पूर्व से 2500 ईसा पूर्व तक संस्कृति मानी जाती है। इसके साथ ही यहां सिंधु घाटी की सभ्यता के अनेक अवशेषों को भी देखा जा सकता है।

कच्छ मांडवी बीच
इस बीच को गुजरात के सबसे आकर्षक बीचों में एक माना जाता है। यह बीच भुज से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आकर पयर्टकों को रेत पर टलहने में और दूर-दूर फैले नीले पानी को देखने में बहुत ही आनंद आता है। यहां सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा भी देखने योग्य होता है। इसके अलावा आप यहां अनेक प्रकार के जलपक्षियों को भी देख सकते है।

कंठकोट किला
इस किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था, जो कि पहाड़ी के शिखर पर बना हुआ है। अलग-अलग समय में इस किले पर अलग-अलग वशों का नियंत्रण रहा, जिनमें वघेल, चावडा और सोलंकी वश शामिल है। और अंग्रेजों ने 1816 में पर अपना अधिकार कर लिया, और इस किले के अधिकांश हिस्सों को नष्ट कर दिया। इसके अलावा इस किले के पास में ही आपको जैन मंदिर, सूर्य मंदिर और कंथडनाथ मंदिर भी देखने को मिल जाएंगे।

नारायण सरोवर मंदिर
यह सरोवर भगवान विष्णु के नाम से चर्चित है, जहां पर पांच पवित्र झीलें हैं। हिन्दुओं के पवित्र और अति प्राचीन तीर्थस्थलों में नारायण सरोवर मंदिर बहुत मशहूर हैं। साथ ही भारत के सबसे पवित्र तालाबों में भी इन तालाबों को गिना जाता है। आदिनारायण, गोवर्धननाथजी, श्री त्रिकमरायजी, रणछोडरायजी, लक्ष्मीनारायण, द्वारकानाथ और लक्ष्मीजी के आकर्षक मंदिर आपको यहां देखने को मिल जाते हैं। महाराज श्री देशलजी की रानी ने इन मंदिरों को बनवाया था।

भद्रेश्वर जैन मंदिर
यह प्राचीन जैन मंदिर भद्रावती में स्थित हैं, जिसे जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अति पवित्र स्थान माना जाता है। 449 ईसा पूर्व में भद्रावती में राजा सिद्धसेन का शासन हुआ करता था। और उसके बाद इस स्थान पर सोलंकियों ने राज किया, जो कि जैन मतावलंबी थे। उन्होंनें ही इस स्थान का नाम बदलकर भद्रेश्वर रख दिया।

भुज कैसे पहुँचें
वायु मार्ग
कच्छ जिले के दो महत्वपूर्ण एयरपोर्ट कांदला विमान क्षेत्र और भुज विमान क्षेत्र है। साथ ही मुंबई से यहां के लिए नियमित फ्लाइट्स भी उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग
यहां का रेलवे स्टेशन गांधीधाम और भुज में जिले के पास में ही स्थित हैं। जो कि रेलवे स्टेशन से कच्छ को देश के अन्य राज्यो और शहरों से जोड़ते हैं।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग द्वारा कच्छ शहर और भी अन्य पड़ोसी राज्यों के बहुत से शहरों से जुड़ा हुआ मार्ग है। इसके अलावा प्राईवेट डीलक्स बसें और राज्य परिवहन की बसें गुजरात के कई शहरों से कच्छ के लिए चलती रहती हैं।