टोंक में घूमने की जगह। Places to visit in Tonk

Shikha Sahu

यह राजस्थान राज्य का एक मुख्य जिला है, जो कि जयपुर से लगभग 96 किमी की दूरी पर स्थित एक शहर है। साथ ही यहां देखने के लिए और भी कई दिलचस्प इमारतें हैं जो कि टोंक जिला अपने चमड़े के उद्योग लिए भी जाना जाता हैं। टोंक का नवाब पुस्तक प्रेमी था और उसी ने यहां फारसी और अरबी पांडुलिपियों की एक बड़ी पुस्तकालय का निर्माण किया।

टोंक में घूमने की जगह। Places to visit in Tonk


सुनहरी कोठी

इस जगह पर आप राजस्थान का सबसे अनोखा और शानदार स्मारक देख सकते हैं। टोंक बादा कुआ के पास ही सुनेरी कोठी स्थित है। यह कोठी राजस्थान के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। इस हवेली की दीवारों में एक सुनहरी पॉलिश होती है जो कि देखने में काफी आकर्षक लगती है। इस सुनेरी कोठी, टोंक को गोल्डन हवेली से भी जाना जाता है।

सुनहरी कोठी
सुनहरी कोठी

 

अरबी फारसी अनुसंधान संस्थान

यहां पर कुछ ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण पांडुलिपियों को “डिस्प्ले हॉल” के नाम से एक अलग हॉल में प्रदर्शित किया जाता है। यह संस्थान फारसी और अरबी अध्ययनों के प्रचार और प्रसार बढ़ाने में लगा है। इसके साथ ही यहां पारदर्शी कांच की बोतलों के अंदर लिखी हुई रेखाओं के साथ मानव बाल, तिल पर सुलेख, नाड़ी और चावल यहां लोगों के लिए एक मुख्य आकर्षण का केन्द्र हैं।

अरबी फारसी अनुसंधान संस्थान
अरबी फारसी अनुसंधान संस्थान

 

हाथी भाटा

हाथी भाटा एक चट्टान से बनी हुई नक्काशीदार एक हाथी की पत्थर की मूर्ति है जो पर्यटकों को अपने विशिष्टता और आकार के कारण आकर्षित करती है। हाथी भटा टोंक-सवाई माधोपुर राजमार्ग से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर टोक जिले के काकोड में स्थित है जो कि यह राजस्थान भारत के सुंदर स्मारकों में से एक है। हर साल यहां पर भारी संख्या मे लोगों की भीड़ आईएसपी सुंदर स्मारक देखने के लिए विभिन्न स्थानों से आते हैं।

हाथी भाटा
हाथी भाटा

 

बिसालदेव मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप गोकर्णेश्वर के रूप में स्थापित है जो की भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर से ही बिसलपुर बांध के सुंदर दृश्य को देखा जा सकता है। भारत के बिसालपुर का यह एक हिंदू मंदिर है। यह मन्दिर राजस्थान के टोक जिले में स्थित बनस नदी पर बिसलपुर बांध के बाजू में है। बिसालदेव मंदिर के नाम से भी इस मन्दिर को जाना जाता हैं।

बिसालदेव मंदिर
बिसालदेव मंदिर

 

बिसलपुर बांध

बांध पर्यटन की दृष्टि से एक बहुत ही महत्वूर्ण स्थल है। यहां लोग काफी संख्या मे पर्यटक बांध के अद्भुत दृश्यों को देखने के लिए आते है। बिस्लपुर बांध भारत के राजस्थान, टोंक जिले के देवली के पास बनस नदी पर एक गुरुत्वाकर्षण बांध है।

बिसलपुर बांध
बिसलपुर बांध

 

हादी रानी की बावड़ी

कहा जाता हैं कि यह 12 वीं शताब्दी ईस्वी में बना था। हादी रानी की बावड़ी राजस्थान के टोक जिले के तोडारासिंह शहर में स्थित है जो एक स्टेपवेल है। टोंक जिले मे देखने लायक स्थलों मे से एक है जो कि काफी प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक काफी संख्या मे आते है।

हादी रानी की बावड़ी
हादी रानी की बावड़ी

 

श्रीकल्याण मंदिर डिग्गी

इस मंदिर मे भक्तों की काफी संख्या भीड़ होती है। कल्याण जी भगवान विष्णु का अवतार को माना जाता है। श्री कल्याण का यह मंदिर टोंक जिले,की मालपुरा तहसील के एक शहर दिग्गी में स्थित है। जो कि जयपुर से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण मेवाड़ के तत्कालीन राणा संग्राम सिंह के शासन काल में डिग्गी नगर में हुआ था।

 

देव धाम जोधपुरिया

यहां देवनारायण की याद में इस मंदिर में हर साल दो मेलों का आयोजन किया जाता हैं। इनमें से देवनारायण, मेहांडू के चचेरे भाई और भुना प्रतिनिधित्व करने वाली मूर्तियां भी शामिल हैं। इस मन्दिर में देवनारायण की पूजा भगवान विष्णु के अवतार के रूप में की जाती है। जोधपुरिया देवनारायण को समर्पित देव धाम एक मंदिर है।

देव धाम जोधपुरिया
देव धाम जोधपुरिया
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