देव भूमि उत्तराखंड में जहां नजर घुमाओं वहां-वहां खूबसूरती है। बर्फ की चोटी के पहाड़ों से लेकर खूबसूरत घाटियों, बहती नदियों और दूर-दूर तक फैले अद्भुत घास के मैदानों तक, उत्तराखंड में सब कुछ है जिससे आप मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
उत्तराखंड में झीलों का शहर नैनीताल, पहाड़ियों की रानी मसूरी, लैंसडाउन, अल्मोड़ा, औली, मुक्तेश्वर जैसे कई और भी कई हिल स्टेशन हैं जो हमेसा से लोगों के बकेट लिस्ट में ऊपर रहा है। लेकिन आज के इस पोस्ट में हम इन सब जगहों से अलग एक बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन की बात करने जा रहे है।
आज हम जिस हिल स्टेशन की बात कर रहे है उसके बारे में बहुत की कम लोगों को पता होता है और इसी वजह से लोग नैनीताल और मसूरी जैसे भीड़ भाड़ वाली जगहों पर चले जाते है।
कहते है मिनी कश्मीर
हम बात कर रहे है उत्तराखंड के पिथौरा जिले में स्थित एक छोटे से हिल स्टेशन मुनस्यारी की, यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यहाँ की खूबसूरती देख इसे लोग मिनी कश्मीर भी कहते है।
ऊंचे पहाड़ों और चोटियों के खूबसूरत नज़ारे, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली इस जगह को अपने आप में खास बनती है। ट्रेकिंग के लिए भी यह जगह काफी प्रसिद्ध है, तो आइए जानते है आप यहाँ की यात्रा में किन जगहों को एक्स्प्लोर कर सकते है –
बिर्थी वाटरफॉल
मुनस्यारी में सबसे अधिक देखें जाने वाले जगहों में यहाँ का फेमस पिकनिक स्पॉट बिर्थी वाटरफॉल का नाम शामिल है, यहां आप झरने के साथ प्रकृति के खूबसूरत नजारों का भी आनंद ले सकते हैं।
यह मुनस्यारी से 35 किमी दूर एक प्राकृतिक झरना है। यहां 126 मीटर की ऊंचाई से गिरता पानी ताजगी का अहसास कराता है। फोटोग्राफी और ट्रेकिंग के लिए यह जगह काफी पॉपुलर है।
थमरी कुंड
मुनस्यारी से 10 किलोमीटर पहले घने जंगलों के बीच स्थित थामरी कुंड एक सुंदर तालाब है। थमरी कुंड अपने अन्दर समेटी हुवी शांति और स्वछंदता के कारण ट्रैकरों और पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र है, यहाँ से बर्फ में ढके हुवे हिमालयी पर्वतों का विहंगम दृश्य साफ़ देखा जा सकता है।
नंदा देवी
मुनस्यारी से लगभग 2.5 किमी दूरी पर मदकोट रोड पर स्थित नंदा देवी मुनस्यारी का सबसे बड़ा धार्मिक स्थान है, यह मंदिर 1000 साल पुराना है और आज भी अच्छी तरह से संरक्षित है। यह मंदिर अपने अनुपम संरचना और सुन्दर कुमाउनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
हर वर्ष अगस्त में यहाँ नंदा देवी मेला आयोजित की जाती है, मेले की शुरुआत 16 वीं शताब्दी में हुई थी जोकि आज तक कायम है।
बैतूली धार
यह स्थान मुनस्यारी से मात्र 7 किमी दूर है। 9000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, बेतुली धार पूरी तरह से खिले हुए लाल रोडोडेंड्रोन से ढका हुआ है। हालांकि, इस जगह की सबसे खास बात यहां का सूर्यास्त और सूर्योदय है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
मुनस्यारी कैसे पहुंचे?
ट्रेन द्वारा
मुनस्यारी का नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है इसका सीधा सा मतलब है कि आगे की यात्रा आपको टनकपुर से ही करनी है। इसके अलावे आप काठगोदाम के लिए भी ट्रेन ले सकते है और आगे की यात्रा पूरी कर सकते है।
हवाई मार्ग द्वारा
मुन्सियारी का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। पंतनगर एयरपोर्ट से मुनस्यारी की दूरी अल्मोड़ा-बागेश्वर होते हुए 310 किलोमीटर है अगर आप वही पंतनगर एयरपोर्ट से नेशनल हाईवे 09 से जाते हैं तो वहां से मुनस्यारी की दूरी 371 किलोमीटर है तो आप दोनों रास्तों में से किसी भी रास्ते से जा सकते हैं।