वैष्णो देवी यात्रा कर रहे हैं प्लान तो जाने से पहले जान लीजिये नए नियम और पूर्ण जानकारी !

ये किसी से छिपा नहीं है कि माता रानी के भक्तों के लिए माता वैष्णो देवी यात्रा का कितना महत्त्व है और इसीलिए हर साल 1 करोड़ से भी अधिक भक्त माता रानी के दर्शनों के लिए हर साल कटरा आते हैं।
वैष्णो देवी यात्रा करीब 13 किलोमीटर कि चढ़ाई पैदल चलने पर पूरी होती है लेकिन माता के आशीर्वाद से सभी भक्त इस कठिन यात्रा को सफलतापूर्वक पूर्ण करते हैं।
भक्तों के लिए यात्रा को बेहद सुविधाजनक बनाने के लिए वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और प्रसाशन कि ओर से लगातार नए प्रयास किये जाते रहें हैं और इन्ही प्रयासों के साथ वैष्णो देवी यात्रा से सम्बंधित नए अपडेट हमेशा भक्तो को दिए जाते रहते हैं।
हमारी कुछ समय पहले कि यात्रा के दौरान जो नयी जानकारियां हमें मिली वो हम इस लेख में आप सभी से साझा करने वाले हैं।

यात्रा पंजीकरण कैसे करें?
जैसा कि आप जानते होंगे कि हमेशा से वैष्णो देवी यात्रा पर जाने वाले सभी भक्तों का पंजीकरण कटरा स्थित पंजीकरण काउंटर पर किया जाता था और उन्हें यात्रा पर्ची दी जाती थी जिसे यात्रा से पहले चेक पोस्ट पर चेक किया जाता था।
इस प्रक्रिया में अब थोड़ा बदलाव हो चूका है। पंजीकरण काउंटर में आप अपनी आईडी दिखाकर अपना यात्रा पंजीकरण पहले कि तरह ही करवा सकते हैं। साथ ही काउंटर पर हर यात्री कि लाइव फोटो भी कंप्यूटर द्वारा ली जाती है।
फिर आपको पर्ची कि जगह एक RFID कार्ड मिलेगा जिसे आपको अपनी पूर्ण यात्रा के दौरान गले में पहनना होता है। ये व्यवस्था यात्रियों कि सुविधा और सुरक्षा के लिए कि गयी है और इस कार्ड के द्वारा हर यात्री कि संपूर्ण यात्रा के दौरान ट्रैकिंग कि जाती है।
एक महत्वपूर्ण जानकारी आपको बता दें कि अपना पंजीकरण करवाने के बाद आपको अपनी यात्रा 6 घंटो के भीतर शुरू करनी होती है और आप यात्रा दिन या रात में किसी भी समय अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।
पंजीकरण काउंटर कहाँ स्थित है?
कटरा के मुख्य बाजार में स्थित काउंटर कटरा बस स्टैंड के पास सर्किल के पास स्थित है साथ ही इसके अलावा दो और काउंटर हैं जिसमे एक ताराकोट मार्ग कि एंट्री पर स्थित है।
पंजीकरण शुल्क?
यात्री पंजीकरण 24*7 लगातार चलता है और ये पूर्ण रूप से निशुल्क है और इसके लिए किसी से कोई फीस नहीं ली जाती है।
यात्रा करने के विकल्प?
सभी भक्त इस 13 किलोमीटर कि यात्रा को पूर्ण करने के लिए घोड़ो कि सवारी या फिर पालकी आदि सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इन सवारियों की कीमतें श्राइन बोर्ड द्वारा बेहद उचित तौर पर निर्धारित की गयी हैं और सिर्फ रजिस्टर्ड लोग ही ये सवारियां करवाते हैं तो आप बिना झिझक इन सवारियों की सुविधा ले सकते हैं।
साथ ही छोटे बच्चों के लिए ट्रॉली वगरे की सुविधा भी होती है जिससे सभी भक्त अपने बच्चों के साथ भी माता के दर्शन बिना किसी दिक्कत के कर सकें।
साथ ही आप इस यात्रा को अगर सबसे कम समय में पूरा करना चाहते हैं तो आप हेलीकाप्टर सेवा का आनंद ले सकते हैं जिसके लिए प्रति व्यक्ति एक तरफ (कटरा से सांझीछत या सांझीछत से कटरा) के टिकट की कीमत 1830 रुपये निर्धारित है।
हेलीकाप्टर की बुकिंग आप ऑनलाइन भी अपनी यात्रा के प्लान के अनुसार कर सकते हैं। सांझीछत जहाँ हेलीकाप्टर आपको उतार देता है वहां से भवन की दूरी करीब 2 किलोमीटर की है जिसे आप पैदल या फिर घोड़े, पालकी आदि के माध्यम से पूरा कर सकते हैं।
इसके अलावा आप ज्यादातर भक्तो की तरह पैदल भी इस पूरी 13 किलोमीटर की यात्रा को पूरी कर सकते हैं। यात्रियों के लिए यात्रा मार्ग पर वाश रूम, रेस्त्रां चिकित्सा सुविधाओं की अच्छी व्यवस्था की गयी है जिससे पैदल यात्रिओं को भी कोई समस्या नहीं आती है।
पैदल यात्रा के लिए विकल्प
कटरा से अर्धकुमारी
अगर शुरू करें कटरा से अर्धकुमारी जाने की तो एक पुराना मार्ग काफी वर्षों से मौजूद है जो बाणगंगा से शुरू होकर अर्धकुमारी तक करीब 6 किलोमीटर लम्बा मार्ग है। अगर कठिनाई की बात करें तो ये नवीनतम मार्ग जिसे ताराकोट मार्ग से जाना जाता है उससे थोड़ा कठिन है। हालाँकि इस मार्ग में अर्धकुमारी तक की दूरी नए मार्ग से करीब 1 किलोमीटर कम है। लेकिन इस मार्ग में पैदल यात्रियों के साथ घोड़े आदि भी चलते है जिससे पैदल यात्रियों को थोड़ी परेशानी होती है और साथ ही पुराना मार्ग होने की वजह से इस पर यात्रियों की काफी भीड़ भी आपको मिलेगी।
कटरा से अर्धकुमारी के लिए एक और रास्ता कटरा बस स्टैंड से लगभग 2 किमी दूर शुरू होता है जहां आप टैक्सी से आसानी से जा सकते हैं जिसे ताराकोट मार्ग के नाम से जाना जाता है।
यह मार्ग कुछ समय पहले ही शुरू किया गया है और चढ़ाई के नजरिये से ये मार्ग बेहद आसान है साथ ही इस मार्ग पर आपको ज्यादा साफ़ सफाई मिलेगी और घोड़े और पोनी वाले आदि नहीं मिलेंगे जिससे आप बिना किसी परेशानी अपनी यात्रा कर सकते हैं।
हालांकि इस मार्ग की प्रारंभिक बिंदु से अर्धकुमारी तक की दूरी लगभग 7 KM है जो पुराने मार्ग से 1 KM अधिक है लेकिन इस ट्रेक में पुराने ट्रेक की तुलना में बहुत कम चढ़ाई है इसलिए पुराने मार्ग की तुलना में इस ट्रेक को पूरा करना बहुत आसान है और इसके साथ ही आपको इस मार्ग पर बेहद खूबसूरत नज़ारे भी देखने को मिलेंगे।
इस मार्ग पर रेस्त्रां आदि अभी थोड़े कम हैं लेकिन इसके अलावा वाश रूम और पीने के पानी की व्यवस्था अच्छे से की गयी है। साथ ही श्राइन बोर्ड द्वारा चलाया जा रहा विशाल लंगर भी इसी मार्ग पर स्थित है।
अर्धकुमारी से भवन
अर्धकुमारी से वैष्णो देवी भवन तक जाने के लिए भी 2 मार्ग मौजूद है जिसमे से एक मार्ग हाथीमत्था मार्ग नाम से जाना जाता है जो की पुराना मार्ग है और बेहद कठिन चढ़ाई वाला मार्ग है। साथ ही इस मार्ग पर किसी रेस्त्रां आदि की सुविधा नहीं है तो हम आपको इस मार्ग को न चुनने की सलाह देंगे।
इसके अलावा नया मार्ग है जिसे हिमकोटी मार्ग के नाम से जाना जाता है जो श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित बहुत सारे रेस्तरां और अन्य सुविधाओं के साथ है। साथ ही इस मार्ग पर चढ़ाई भी पुराने मार्ग की तुलना में काफी सरल है।
भवन पहुंचने के बाद आप अपना सामान व जूते-चप्पलें श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित लॉकर में जमा करवा सकते हैं और फिर माता के दर्शन कर सकते हैं।
वैष्णो देवी भवन से भैरव घाटी
भवन से भैरव घाटी आप पैदल चलकर तय कर सकते हैं लेकिन ये चढ़ाई थोड़ी खड़ी होने की वजह से थोड़ी कठिन है। आप सीढ़ियों का उपयोग कर सकते हैं जिससे आप जल्दी भैरव बाबा के मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
रोप वे सेवा
साथ ही श्राइन बोर्ड द्वारा रोपवे की शुरुआत भी की गयी है भवन से भैरव घाटी तक पहुँचने के लिए जिसका टिकट आप भवन के पास स्थित काउंटर से ले सकते हैं। यह सेवा केवल दीन के समय चालू रहती है जिसके साथ ही आप केवल 3 मिनट में भवन से भैरव मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
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