मध्य प्रदेश के उत्तर में स्थित ग्वालियर शहर अपने आप में इतिहास की कई गाथाएं समेटे हुए है और राज्य के पर्यटन मानचित्र पर अपना विशेष स्थान भी रखता है।
ग्वालियर में स्थित सास बहू मंदिर का वास्तविक नाम विष्णु भगवान पर आधारित सहस्त्रबाहु मंदिर है। हालांकि, कालांतर में गलत उच्चारण के कारण इस मंदिर को सास बहू मंदिर कहा जाने लगा है।

सास बहु मन्दिर एक तीन मंजिला मंदिर है। लगातार युद्धों में परिणत होने के कारण इस मंदिर का शिखर और गर्भगृह नष्ट हो चूका है। इस मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकारों द्वारा उचित प्रबंध ना करने के कारण यह अपनी अंतिम अवस्था को प्राप्त होता दिख रहा है।
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खंडहर के रूप में तब्दील हो चूका यह मंदिर अब एक पर्यटन स्थान बन गया है, यहाँ काफी संख्या में लोग पहुंचते है। सोशल मीडिया के धुरंधर यहाँ फोटोशूट और वीडियो भी बनाते है।
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सहस्त्रबाहु मंदिर अपनी शानदार नक्काशी के चलते पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है, 9वीं शताब्दी में बने इस मंदिर का नाम ग्वालियर के फेमस पर्यटन स्थलों में शुमार है।
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इस मंदिर का निर्माण कच्छपघाट राजवंश के राजा महिपाल के शासनकाल में किया गया था, जिन्होंने भगवान ब्रह्मा से एक समृद्ध और सफल राज्य की कामना की थी।
सास बहु मंदिर लोकेशन
इतिहास की पुस्तकों में उल्लेख मिलता है कि ग्वालियर गुर्जर-प्रतिहार राजवंश, तोमर तथा बघेलों की राजधानी रहा है। ग्वालियर को गालव ऋषि की तपोभूमि भी कहा जाता है। ग्वालियर को इतिहास और आधुनिकता का अनोखा संगम भी कह सकते हैं।