उत्तराखंड में मौजूद है ‘मिनी स्विटजरलैंड’, आज ही करें इस छुपे हुए हिल स्टेशन का प्लान

क्या आप जानते हैं उत्तराखंड में एक ऐसा जगह मौजूद है जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, इस अनोखे और छुपे हिल स्टेशन पर घूमने का मजा ही अलग है। तो आइए जाते है आप यहां किस तरह एंजॉय कर सकते हैं-

जी हाँ हम बात कर रहे है उत्तराखंड के चोपता के बारे में, यह पर्यटन स्थल आध्यात्मिकता, एडवेंचर गतिविधियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। यही नहीं, चोपता सुंदर जंगल और घास के मैदान समेत केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य का भी एक हिस्सा है।

उखीमठ

जब केदारनाथ सर्दियों के दौरान बंद हो जाता है तो उखीमठ, जिसे ओखीमठ भी कहा जाता है, वह स्थान है जहां भगवान शिव को लाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है।

यह रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उखीमठ आपको बर्फ से ढके हिमालय का विहंगम दृश्य प्रदान करता है। 1,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उखीमठ अपने सुरम्य परिदृश्य के लिए साल भर भक्तों और अन्य पर्यटनों को आकर्षित करता है।

चंद्रशिला

समुद्र तल से 4,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंद्रशिला एक पर्वत की चोटी है, जो तुंगनाथ मंदिर के नजदीक स्थित हैं। यह स्थल आपको कई चोटियों का 360-डिग्री दृश्य देता है। माना जाता है कि यह वह स्थान है, जहां भगवान राम ने रावण को हराने के बाद ध्यान लगाया था।

चंद्रशिला का शाब्दिक अर्थ है “चंद्रमा रॉक।” चंद्रशिला का कठिन ट्रेक पांच किलोमीटर है और चोपता से शुरू होता है।

सारी गांव

सारी गांव ओक और रोडोडेंड्रोन पेड़ों से घिरा एक सुंदर विचित्र गांव है। सारा गांव देवरियल ताल और तुंगनाथ मंदिर के लिए एक बहुत ही सुंदर ट्रेक के लिए आधार शिविर है। 2006 में उत्तराखंड सरकार द्वारा सारी गांव को इको-टूरिस्ट गांव घोषित किया गया था।

आप इस गांव में आकर गढ़वाली संस्कृति के बारे में जान सकते हैं और इसके साथ ही बर्ड वॉचिंग भी कर सकते हैं।

देवरिया ताल

समुद्र तल से 2,438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित देवरियाताल या देवरिया ताल पर्यटकों को चौखंबा की चोटियों का अपने क्रिस्टल क्लीयर वॉटर में प्रतिबिंब दिखाता है।
ट्रैकिंग में बिगनर्स के लिए यह एक आसान ट्रेक है। यह झील जंगलों से घिरी हुई है और यह केदारनाथ कस्तूरी मृग अभयारण्य का हिस्सा है, इसलिए आप झील से कुछ कस्तूरी मृगों को पानी पीते हुए भी देख सकते हैं।

तुंगनाथ

तुंगनाथ दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है, जो 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां आपको आध्यात्मिकता के साथ-साथ ऐसे प्रकृति दृश्य देखने को मिलेंगे, जो आपको दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर सकते हैं।

तुंगनाथ उत्तराखंड के पांच पंच केदार मंदिरों में से एक है। तुंगनाथ तक ट्रेक करना पड़ता है, जो लोगों के लिए एक आसान ट्रेक है। यह गांव चीड़ और रोडोडेंड्रोन के जंगलों से घिरा है। आप यहां कैंपिंग भी कर सकते हैं।

चोपता कैसे पहुंचें?

देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, चोपता से 221 किमी दूर है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन चोपता से लगभग 160 किमी दूर है। वहीं, अपने निजी वाहन से दिल्ली से चोपता आने वाले यात्री NH58 राजमार्ग को चुनें।