मध्यप्रेश में है ये अद्भुत स्थान! सुकून से भरी इस जगह पर एक ही प्लेटफार्म पर मौजूद हैं सात विशाल मंदिर

मध्यप्रदेश वैसे तो अपने कई प्राचीन व अद्भुत वास्तुकला वाले मंदिरों के लिए बेहद लोकप्रिय है और इसके साथ ही यहाँ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी बहुत से खूबसूरत स्थान है।

आज हम आपको मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में एक छिपे हुए एक ऐसे स्थान के बारे में बताने वाले हैं जहाँ शहर की भीड़ से दूर एक पवित्र स्थान है जहाँ आप शहर के शोरगुल से एकदम दूर एक सुकून भरी जगह एक दो नहीं बल्कि एक ही प्लेटफार्म पर 7 विशाल व बेहद खूबसूरत मंदिरों को एक साथ देख सकते हैं। 

शायद आप में से कुछ लोग इस जगह के बारे में अब तक जान भी गए होंगे क्योंकि इस तरह का स्थान अपने आप में बेहद अनोखा है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं रतलाम में शहर से करीब 3-4 किलोमीटर दूर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित मांगल्य धाम मंदिर की जिसे JVL (जेवीएल) मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है। 


यहाँ पहुँचने के लिए आपको रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र में जाना पड़ता है और गूगल मैप के सहारे हम वहां पहुँच भी गए लेकिन मंदिर तक पहुँचने के लिए मैप्स आपकी पूरी तरह मदद नहीं कर पायेगा। हमें भी वहां लोगों से पूछते हुए आखिर मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार तक पहुँच गए। प्रवेश द्वार में अंदर जाने के बाद बीच में बने मार्ग के दोनों ओर हरी भरी घास से भरी जमीन दिखाई दे रही थी। उसी मार्ग पर चलकर हम आगे चलते गए।


कुछ देर बाद हमें बच्चों के कुछ झूले आदि दिखे और साथ में कुछ अन्य हाथी वगैरह की मुर्तिया दिखीं। यहाँ आपको किसी तरह का कोई शोर सुनाई नहीं देगा। बस बहती हुई हवा और कुछ पक्षियों की आवाज़े हमें सुनाई आ रही थी। इसके अलावा कुछ अन्य पर्यटक भी हमें वहां दिखे।


कुछ दूर आगे चलकर हुए एक बोर्ड दिखा जिस पर लिखा था की वहां से आगे आप किसी भी तरह का मोबाइल या कैमरा नहीं ले जा सकते ओर इसके आगे फोटो खींचना सख्त मना था। वहां एक छोटा कार्यालय था जहाँ हमने अपने मोबाइल जमा करवा दिए। जमा करने के लिए कोई शुल्क नहीं है लेकिन अगर मोबाइल इस्तेमाल करते हुए कोई पकड़ा जाता है तो उसके लिए जुर्माना जरूर था।


हम वहां से आगे की तरफ सात मंदिरों की ओर गए ओर इस द्वार तक पहुंचे जिसके बाद मुख्य मंदिर परिसर में आप पहुँच जाते हैं।


कुछ दूर चलने के बाद दांयी ओर एक रास्ता दिखाई देता है ओर उसी रास्ते पर सामने की ओर हमारी नजरें पड़ती है उन खूबसूरत मंदिरों पर। शाम का नज़ारा था और बादलों के पीछे छिपे सूरज के साथ उस धुप छाँव के बीच एक विशाल चबूतरे पर स्थित इन अद्भुत मंदिरों का नज़ारा सच में बेहद शानदार था। 


मंदिर तक बना ये पूरा पथ भी बेहद खूसबसुरत लग रहा था क्योंकि पथ के दोनों ओर बहुत सी खूबसूरत मूर्तियां भी बनी हुई थीं। फिर हम कुछ सीढ़ियां चढ़कर मुख्य प्लेटफार्म पर पहुंचे जिस पर ये सातों मंदिर बने हुए हैं। यहाँ सफ़ेद पट्टी आपको हर जगह बनी दिखती है क्योंकि बारिश के समय फर्श गिला होने के बाद यहाँ फिसलन बहुत बढ़ जाती है ओर तब आपको इन सफ़ेद पत्तियों पर ही चलना चाहिए। 


ऐसा बताया जाता है की मंदिर परिसर कुल 21 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यहाँ इस विशाल प्लेटफार्म पर भगवान श्री विष्णु ,श्री गणेश, हनुमान जी, शिव जी, श्री राधा-कृष्ण, मां अंबे और श्री राम दरबार सात अलग अलग मंदिरों में विराजित हैं। साथ ही प्लेटफार्म के चारों ओर बहुत सी हाथियों की मूर्तियां भी बनी हुई हैं जिन्हे एक बार देखने पर प्रतीत होता है जैसे इन्ही हाथियों ने इस प्लेटफार्म को उठा रखा है। 

सभी मंदिरों में दर्शन करने के बाद व कुछ देर वहां शांति और सुकून में भगवान के दरबार में बैठने के बाद हम वहां से बाहर की ओर गए। वहां ऑफिस से मोबाइल आदि लेने के बाद हम बहुत सी अच्छी यादें लेकर यहाँ से बाहर की ओर चले गए।

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