हिमालय की गोद में रहस्यमयी मंदिर….पत्थरों को थपथपाने से सुनाई देती है डमरू की आवाज!

Sweta Patel

हिमालय की गोद में भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर हैं, सबका अपना-अपना महत्व है। लेकिन आज आपको एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर के बारे में जहां पर पत्थरों को छूने से डमरू की आवाज सुनाई देती है। दावा किया जाता है कि यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। इस मंदिर में दर्शन के लिए यहां भारत ही नहीं विदेशों से सैलानी आते हैं।

देश के अनेकों हिस्से में कई रहस्यमयी मंदिर है जहाँ कुछ न कुछ चमत्कारी चीज होती है, कई मंदिरों के पीछे का राज आज भी उलझा हुआ है। कुछ इसी तरह का एक राज है भगवान शंकर के एक मंदिर में जो हिमालय की गोद में बसा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि यहां पत्थरों को थपथपाने पर डमरू की तरह आवाज आती है।

देव भूमि हिमाचल प्रदेश के सोलन में भगवान शिव को समर्पित जटोली शिव मंदिर स्थित है, मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फुट है और यह दक्षिण-द्रविड़ शैली में बना हुआ है। मंदिर की खूबसूरती और कलात्मकता को देख हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर को  रहस्यमयी या चमत्कारी कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा।

इस विशालकाय मंदिर में चारों तरफ देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर के अंदर एक स्फटिक मणि शिवलिंग विराजमान है, इसके अलावा यहां माता पार्वती की मूर्ति भी स्थापित की गई हैं। इस मंदिर के पीछे की मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय रहे थे।

1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस (Swami Krishna Nand Paramhans) नाम के एक बाबा यहां आए, इन्होंने अपने मार्गदर्शन में जटोली शिव मंदिर (Jatoli Shiv Mandir) का निर्माण कार्य शुरू कराया. साल 1974 में उन्होंने इस मंदिर की नींव रखी थी. साल 1983 में परमहंस ने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ।

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