आसान नहीं है महाराष्ट्र का यह ट्रेक, लगानी पड़ती है जान की बाजी! मानसून में देखने लायक होता है नजारा

भारत में तमाम ऐसे किले है जहाँ हम सभी घूमने के लिए जाते है, ये किले अपने शानदार बनावट, सुरक्षा और बेहतरीन वास्तुकला के लिए फेमस होते हैं। साथ ही कुछ ऐसे भी किले है आज ट्रैवेलर्स के बीच ट्रेकिंग के लिए काफी पॉपुलर है।

ऐसे में आज के इस पोस्ट में हम भारत के एक ऐसे ही किले के बारे में बात करने वाले है जो ट्रेकिंग के लिए लोकप्रिय है, इतना ही नहीं इस किले की ट्रैकिंग आम ट्रेकिंग से काफी अलग है। यहाँ पहुंचने के लिए आपको जान की बाजी लगानी पड़ती है।

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लेकिन शिखर पर पहुंचने के बाद जो नजारा वहाँ से दिखता है वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। इस किले का सफर जितना खतरनाक है उतना ही रोमांचक भी, कदम कदम पर चैलेंज आते है और यह चैलेंज आपके सफर को और भी रोमांच से भर देता है।

जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे है हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के नासिक में स्थित हरिहर फोर्ट की। यह फोर्ट एक गिरी दुर्ग है। जो रोमांच, प्रकृति और इतिहास के बारे में अपनी कहानी कहता है।

यह किला पहाड़ के नीचे से चौकोर दिखाई देता है, मगर इसकी बनावट प्रिज्म जैसी है। इसकी दोनों तरफ से संरचना 90 डिग्री की सीध में है और किले की तीसरी साइड 75 डिग्री है। वहीं, यह किला पहाड़ पर 170 मीटर की ऊंचाई पर बना है।

यहां जाने के लिए एक मीटर चौड़ी लगभग 117 सीढ़ियां बनी हैं। साथ ही, इस किले की लगभग 50 सीढियां चढ़ने के बाद मुख्य द्वार, महादरवाजा आता है, जो आज भी बहुत अच्छी स्थिति में है।

इस किले की चढ़ाई को हिमालय के पर्वतारोहियों द्वारा दुनिया का सबसे खतरनाक ट्रैक माना जाता है, क्‍योंकि ट्रेकिंग के दौरान कई ऐसे भी चढ़ाई है जो 90 डिग्री तक खड़ा है।

 

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इस किले का एक वर्टिकल ड्रॉप है, जहां से इसके बेस में बना निरगुड़पाड़ा गांव दिखता है।इस पर सबसे पहले 1986 में डग स्कॉट (हिमालयन माउंटेनियर) ने ट्रैकिंग की थी इसलिए इसे ‘स्कॉटिश कड़ा’ कहते हैं। इसे पूरा करने में उन्हें दो दिन लगे थे।

हरिहर किले के ऊपर भगवान शिव का एक मंदिर और एक विशाल गुफा है जिसमें कहा जाता है कि किसी भी भगवान की मूर्ति नहीं है। इसके अलावा एक हनुमान जी का भी मंदिर है। किले के शिखर तक पहुंचने के लिए आपको रॉक क्लाइंबिंग करते हुए ही पहुंचना पड़ता है।

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यहां से बासगढ़ किला, उतावड़ पीक और ब्रह्मा हिल्स का खूबसूरत नजारा दिखता है। अगर मौसम साफ हो तो इसके दक्षिण में अवध-पट्टा, कालासुबई रेंज और उत्‍तर में सातमाला, शैलबारी रेंज भी दिखाई देती हैं।