सिक्किम में कंचनजंगा पर्वत के बेस पर स्थित ग्रीन लेक ट्रैक (The Green Lake trek Sikkim) बेहद शानदार है। इस ट्रैक को दुनिया के मुश्किल ट्रैकों में गिना जाता है। यह ट्रैक जेमू ग्लेशियर पर 500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस बर्फिले ट्रैक को पार करना काफी मुश्किल होता है।
ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। इस स्थान से ट्रैकर्स हिमालय की सबसे ऊंची और बर्फिली भव्य चोटियों को देख सकते हैं और इस ट्रैक को पार करते हुए एक रोमांचक अनुभव ले सकते हैं।
बेहद चुनौतीपूर्ण ट्रैक है ग्रीन लेक ट्रैक
ऐसा भी नहीं है कि सिक्किम के इस हिस्से की यात्रा सभी टूरिस्ट करते हैं। बेहद कम ट्रैकर्स की इस दुर्गम यात्रा पर जाते हैं। ग्रीन लेक ट्रैक बेहद चुनौतीपूर्ण ट्रैक है। इस ट्रैक को ग्रीष्म ऋतु में ही पार किया जा सकता है, क्योंकि सर्दियों में इस ट्रैक पर इतनी बर्फ और ठंड होती है कि ट्रैकर्स के लिए इसे पार करना संभव नहीं है।

हालांकि ऐसा नहीं है कि सर्दियों के दौरान इस ट्रैक को बंद कर दिया जाए। जो लोग इस साहसिक यात्रा में शामिल होना चाहते हैं, उनके लिए यह ट्रैक खुला रहता है और वे इसे सर्दियों में भी पार कर सकते हैं।
ट्रैक पूरा करने में लगता है 7 से 9 दिन का वक्त
आपको बता दे ग्रीन लेक ट्रैक को पूरा करने में 7 से 9 दिन का वक्त लगता है। इस ट्रैक की यात्रा जेमू से शुरू होती है और नदियों और झीलों को पार करते हुए आगे बढ़ना होता है। यहाँ ट्रैक के दौरान ट्रैकर्स इस जगह की प्राकृतिक खूबसूरती से रूबरू होते हैं और कभी न भुलाया जा सकने वाला अनुभव लेकर वापस लौटते हैं।

ऊंचाई और ऊबड़-खाबड़ इलाके से होते हुए ट्रैकर्स इस ट्रैक पर आगे बढ़ते हैं। इस ट्रैक को पार करने के लिए ट्रैकर्स के साथ अच्छा गाइड और मजबूत उपकरण होने चाहिए ताकि चुनौतियों को कम किया जा सकें।
इस ट्रैक को ट्रैकर्स तालेम, जकथांग, याबुक, माउंट सिनीओलचु और माउंट सिमवो होते हुए पार करते हैं और ग्रीन लेक के बेस कैंप तक पहुंचते हैं। इस ट्रैक को पार करने का सबसे अच्छा वक्त अप्रैल, मई और अक्टूबर-नवंबर है।