ये है देश के सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिर, पहुंचकर लीजिए गणपति उत्सव का आनंद

Sachchidanand Kumar

भारत में त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है, 31 अगस्त को भारत में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जायेगा। गणेश चतुर्थी, जिसे गणेशोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है।

गणेशोत्सव की समाप्ति गणेश विसर्जन के साथ होता जो 9 सितंबर को है। तो आइये आज जानते है देश के 5 प्रसिद्ध गणेश मंदिरों के बारे में जहाँ आप इस गणेश चतुर्थी पर जा सकते हैं।

1) सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे बड़े गणेश मंदिरों में से एक है, इस मंदिर में अक्सर सेलिब्रिटी और नेता दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर की स्थापना 1801 में हुई थी।

यहां के गणपति को नवसाचा गणपति के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है कि अगर आप भगवान सिद्धि विनायक से दिल से कुछ मांगना चाहते हैं, तो आपको आपकी हर इच्छा पूरी होगी।

2) खजराना गणेश मंदिर, इंदौर

इंदौर शहर और आसपास के अन्य शहरों के नागरिकों को खजराना मंदिर में बहुत विश्वास है। यह मंदिर बहादुर मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनाया गया था। यह हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण स्थान है।

मान्यता है कि यहां भक्त की हर मुराद पूरी होती है। मन्नत पूरी होने के बाद भक्त यहां आकर गणेश जी की प्रतिमा की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और भोग लगाकर भगवान का आभार व्यक्त करते हैंं। इस मंदिर में गणेश जी की 3 फीट ऊंची प्रतिमा है जिसे बावड़ी से निकाली गया है।

मंदिर में सोने, हीरे और अन्य बहुमूल्य रत्नों का नियमित दान किया जाता है। गर्भगृह की बाहरी दीवार और दीवार चांदी से बनी है और इस पर विभिन्न मनोदशाओं और उत्सवों का चित्रण किया गया है। देवता की आंखें हीरे से बनी होती हैं जो इंदौर के एक व्यवसायी ने दान में दी थीं। गर्भगृह की ऊपरी दीवार चांदी से बनी है।

3) डोडा गणपति मंदिर, बेंगलुरु

बेंगलुरु से लगभग 13 किमी दूर बसावनगुड़ी में डोडा गणपति का मंदिर है, माना जाता है कि गौड़ा शासकों ने इसे लगभग 500 साल पहले बनवाया था। दक्षिण भारत के सबसे अद्भुत मंदिरों में गणेश जी का डोडा गणपति मंदिर भी है।

डोडा का अर्थ है बड़ा। अपने नाम के अनुरूप बेंगलुरु में स्थित इस मंदिर में गणेश जी की 18 फीट ऊंची और 16 फीट चौड़ी प्रतिमा है। खास बात ये है कि इस प्रतिमा को काले ग्रेनाइट की एक ही चट्टान पर उकेर कर बनाया गया है।

4) मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर

1761 में बने इस मंदिर का इतिहास 250 साल से भी ज्यादा पुराना है. यह मंदिर किलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। साथ ही जयपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक है. यहां की गणेश की मूर्ति लगभग 500 वर्ष पुरानी मानी जाती है जिसे उदयपुर से लाया गया था। यहां सिंदूर रंग की गणेश प्रतिमा की सूंड दाईं ओर है।

5) वरसिद्धि विनयगर मंदिर, चेन्नई

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के बेसेंट नगर में स्थित यह एक प्रतिष्ठित गणेश मंदिर है. हर साल, गणेश चतुर्थी के दौरान यहां भव्य समारोह होते हैं. मंदिर में संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं. पूजा के बाद मंदिर के अनुसार गरीबों को खाना खिलाने जैसी सामाजिक गतिविधियां भी आयोजित की जाती है।

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