झारखण्ड में सुबर्णरेखा नदी पर स्थित चांडिल बांध पिछले कुछ सालों में एक बेहतरीन जगह बनकर उभरी है, यहां साल भर लोग पिकनिक मनाने आते हैं जिसमें दूसरे राज्यों के भी पर्यटक होते हैं।
चारों ओर पहाड़ियों से घिरा यह डैम प्राकृतिक वातावरण को अपने अंदर पूरी तरह समेटे हुए है। चांडिल अपने क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है तो ऐसे में आज के इस पोस्ट में हम इस बांध के बारे में और जानेंगे साथ ही यहाँ की खूबसूरती को भी देखेंगे जो काफी मनमोहक है।
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चांडिल बांध झारखंड के सरायकेला जिला में स्थित है, पिछले कुछ सालों में यह बांध झारखंड की सबसे ज्यादा देखी गई जगहों में से एक है।
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चांडिल डैम की ऊंचाई 220 मीटर है और इसके जल स्तर की ऊंचाई 190 मीटर है। बांध की कुल संग्रहण क्षमता (Storage Capacity) 1963 hm3 है।
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डैम के पास एक संग्रहालय (Museum) भी है और बताया जाता है कई संग्रहालय में चट्टानों पर लिखी गई लिपियां 2000 साल पुरानी है। संग्रहालय में पुरानी देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियों को संग्रहीत (Store) और संरक्षित (Preserve) किया गया है। वे स्थानीय क्षेत्र की पहाड़ियों की खुदाई के दौरान पाए गए थे।
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मनोरम पहाड़ियों के बीच फैले चांडिल डैम का विशाल जलक्षेत्र मत्स्य उत्पादन में राज्य ही नहीं देश स्तर पर नामचीन है।
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रांची से चांडिल डैम की दूरी NH43 के माध्यम से लगभग 106 किलोमीटर है, चक्रधरपुर से चांडिल डैम की दूरी NH20 और NH30 के माध्यम से लगभग 83.3 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन चांडिल जंक्शन है। स्टेशन से डैम की दूरी 6.4 किलोमीटर है।
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