प्रकृति का अद्भुत करिश्मा है यह पत्थर, देश-विदेश से देखने आते है पर्यटक

एक ऐसा अद्भुत नजारा जिसे देखने के लिए लोग विश्वभर से यहाँ आते है, शायद आपने भी कभी इस तरह से प्रकृति के करिश्मे को नहीं देखा होगा, जिसमे एक चट्टान दसूरी चट्टान के ऊपर बिना किसी सपोर्ट के टिकी हुई हो। देख कर ऐसा लगता है जैसे जरा सी हवा के झोंके से गिर जाएगी परन्तु सेकड़ो हाथी भी इस चट्टान को हिला नहीं पाए है।

इस पत्थर के फेमस होने का कारण ही ये है कि यह एक ऐसा पत्थर है जो महज कुछ इंच के बेस पर ही टिका हुआ है। इसका वजन न जाने कितने क्विंटल का होगा। जो पर्यटक यहाँ इसे देखने आते है वे आश्चर्य में पड़ जाते कि इतना वजन होने के बाद भी यह कैसा टिका है?

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कहा जाता है कि कई सालो पहले ज्वालामुखी के फटने से यह पत्थर से एक-दुसरे के ऊपर जम गए है। यह बैलेंसिंग रॉक जबलपुर में मदन महल की पहाड़ियों पर रानी दुर्गावती का किला है उस किले के समीप ही स्थित है।

इसका बैलेंस इसकी जगह पर ऐसा बना हुआ है कि कितने ही बड़े बड़े भूकंप के झटके भी इसका कुछ बिगाड़ नहीं पाए। आज तक यह लोगो के बीच रहस्य का विषय बना हुआ है, इसके अलावा भी जबलपुर के आसपास के इलाकों में कई बैलेंसिंग रॉक हैं।

अगर आपने बैलेंसिंग रॉक देखने का मन बना ही लिया है तो जबलपुर फ्लाइट, बस और ट्रैन से भी सकते है। एयरपोर्ट से बैलेंसिंग रॉक तक आप मेट्रो या लोकल बस अथवा टैक्सी बुक करके भी जा सकते है।

यदि आप बैलेंसिंग रॉक देखने आने का मन बना रहे है तो जबलपुर में घूमने के लिए और भी जगह है जैसे- रानी दुर्गावती संग्रालय, हिरन नदी का उद्गम स्थल, नाहन देवी मंदिर, तिलवारा घाट, पिसनहारी की मड़िया, नाहरगढ़ किला, गौरी घात आदि स्थानों पर भी आप जा सकते है।