उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख जिला मिर्जापुर जो कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 286 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गंगा नदी के किनारे बसा हुआ मिर्जापुर शहर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है। यह एक पहाड़ी क्षेत्र है। मिर्जापुर में कई प्राकृतिक पर्यटन स्थल मौजूद है। विंध्याचल के नाम से भी मिर्जापुर जिले को जाना जाता हैं।
मिर्जापुर में घूमने की जगह |Places to visit in Mirzapur
विंध्यवासिनी देवी मंदिर (Vindhyavasini Devi Temple Mirzapur)
मिर्जापुर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल विंध्यवासिनी देवी मंदिर जो कि पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। मां विंध्यवासिनी देवी को समर्पित यह मंदिर गंगा नदी के पास बना हुआ है। मां विंध्यवासिनी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा मंदिर में विराजमान हैं। मां विंध्यवासिनी धाम शक्तिपीठ है। मंदिर में गर्भगृह पूरा चांदी का बना हुआ है और साथ ही माता को सोने का छत्र चढ़ाया गया है।

पक्का घाट मिर्जापुर (Pakka ghat mirzapur)
मिर्जापुर में स्थित पक्का घाट एक सुंदर स्थल है। बलुआ पत्थर से बनी हुई बहुत ही सुंदर स्मारक इस घाट के पास मे स्थित हैं। घाट में बहुत सारे मंदिर हैं, जहां पर आप घूम सकते हैं। यहां घाट पर गंगा नदी का दृश्य देखना बहुत अच्छा लगता है। घाट में आप यहां पर बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं। आप यहां पर आकर बहुत इंजॉय कर सकते हैं।

तारकेश्वर नाथ मंदिर मिर्जापुर (Tarakeswar Nath Temple Mirzapur)
मिर्जापुर का एक प्रसिद्ध मंदिर तारकेश्वर नाथ मंदिर है, जो कि भगवान शिव जी को समर्पित है। गंगा नदी के पास में ही स्थित मंदिर में आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर आपको और भी अन्य मंदिर देखने के लिए मिलते हैं।

काली खोह मंदिर मिर्जापुर (Kali Khoh Temple Mirzapur)
मिर्जापुर का एक प्रसिद्ध काली खोह मंदिर है, जो कि मंदिर मिर्जापुर में विंध्याचल पहाड़ियों में स्थित है। यहां गुफा देखने के लिए मिलती है। गुफा के अंदर काली माता की मूर्ति के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मिर्जापुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर की पर स्थित दूर है। यहां पर चारों तरफ हरियाली देखने के लिए मिलती है।
मां अष्टभुजी देवी मंदिर मिर्जापुर (Maa Ashtabhuji Devi Temple Mirzapur)
मिर्जापुर का एक प्रसिद्ध मां अष्टभुजी देवी मंदिर जो ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। अष्टभुजी माता को समर्पित मंदिर में अष्टभुजी माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा विराजमान हैं। यह एक मंदिर बहुत प्राचीन है। पर बहुत सारे भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां का रास्ता है। आप यहां पर रोपवे के द्वारा भी पहुंच सकते हैं।
