पिथौरागढ़ में घूमने की जगह। Places to visit in Pithorgarh

पिथौरागढ़ सुन्दर घाटी में स्थित शहर है जोकि नेपाल और तिब्बत के बीच स्थित है। भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित पिथौरागढ़ बहुत ही खूबसूरत शहर है। पिथौरागढ़ शहर बर्फ से ढकी चोटियों, उच्च हिमालयी पहाड़ों, घाटियों, झरनों और हिमनदों के राजसी स्थलों के लिए जाना जाता है। पिथौरागढ़ को लिटिल कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है। यह शहर कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के लिए एक रास्ता भी है।

पिथौरागढ़ में घूमने की जगह। Places to visit in Pithorgarh


थल केदार

समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में पहुंचने का मार्ग संकरा है यात्री पिथौरागढ़,नकुलेश्वर मंदिर एवं अंकोली से पैदल चलकर मंदिर पहुँच सकते हैं। एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। पिथौरागढ़ से इसकी दूरी 8 किमी है। लोकप्रिय हिंदू त्योहार, शिवरात्रि में बड़ी संख्या में भक्त इस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।

थल केदार
थल केदार

ध्वज मंदिर

यह हिंदू भगवान शिव और देवी जयंती को समर्पित है। यह मंदिर समुद्री तल 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। साथ ही शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला की बर्फ से ढंकी चोटियों का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। पिथौरागढ़ के पास स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है।

ध्वज मंदिर 
ध्वज मंदिर 

कोट गरी देवी मंदिर

इस मंदिर की मान्यता ‘अंतिम दिव्य अदालत’ के रूप में है, जहां वंचित भक्त भगवान से अपनी इच्छाओं को पूरा करने की अपील करने के लिए आते हैं। थाल से 9 किमी की दूरी पर स्थित कोट गरी देवी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।

कोट गरी देवी मंदिर
कोट गरी देवी मंदिर

नकुलेश्वर मंदिर

यह मंदिर खजुराहो स्थापत्य शैली में बनाया गया है तथा इसमें शिव–पार्वती, उमा- वासुदेव, नौवर्ग, सूर्य, महिषासुर मर्दिनी, वामन, करमा और नरसिंह समेत 38 विभिन्न हिन्दू देवी देवताओं की प्रस्तर मूर्तियां हैं। एक विख्यात धार्मिक स्थल है जो पिथौरागढ़ शहर से 4 किमी दूर तथा शिलिंग गांव से 2 किमी दूर स्थित है।

नकुलेश्वर मंदिर
नकुलेश्वर मंदिर

जौलजीबी

यह स्थान गोरी और काली नामक दो नदियों का संगम स्थल भी होने के कारण प्रसिद्ध है। यहां एक गर्म पानी का स्रोत है, जिसे औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। पिथौरागढ़ नगर से 68 किमी की दूरी पर स्थित जौलजीबी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। जो पूरे भारत से एवं नेपाल के लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है।

जौलजीबी
जौलजीबी

 

पिथौरागढ़ किला

अभिलेखों के मुताबिक, वर्ष 1789 में शहर पर आक्रमण के पश्चात गोरखों द्वारा इस किले को बनाया गया था। पिथौरागढ़ शहर के निकट स्थित पिथौरागढ़ किला एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।

पिथौरागढ़ किला
पिथौरागढ़ किला

नारायण आश्रम

यह पिथौरागढ़ से 44 किलोमीटर दूर है वर्ष 1936 में श्री नारायण स्वामी द्वारा इसे बनवाया गया था। आश्रम भारी बर्फबारी की वजह से सर्दियों के दौरान बंद रहता है। एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 2734 मीटर की ऊंचाई पर है।

नारायण आश्रम
नारायण आश्रम

 

चंडाक

यहां पर्यटक हैंग ग्लाइडिंग का आनंद ले सकते हैं। चंडाक पिथौरागढ़ शहर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा, यहां मनु नामक मंदिर और एक मैग्नेसाइट खनन का कारखाना है। यह खूबसूरत पहाड़ी सोर घाटी के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है।

चंडाक
चंडाक

मुन्स्यारी

यह स्थान हिमालय पर्वतमाला में स्थित जौहर क्षेत्र का गेटवे है। इस शहर के चारों ओर ‘मुनस्यारी बुग्याल’ नामत एक जंगली फूल एवं घास का मैदान हैं। पिथौरागढ़ से 127 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटा सा शहर है। शहर के दोनों ओर महेश्वर कुंड और थमरी कुंड की झीलें हैं।

मुन्स्यारी
मुन्स्यारी

अर्जुनेश्वर मंदिर

लोक कहावतों के अनुसार, यह मंदिर हिन्दू महाकाव्य महाभारत के चरित्र पांडवों में से एक अर्जुन द्वारा बनाया गया था। एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो समुद्र तल से 6000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर हिंदूओं के देवता भगवान शिव को समर्पित है। यह पिथौरागढ़ से लगभग 10 किमी दूर है तथा पैदल चलकर यहा पहुंचा जा सकता है।

अर्जुनेश्वर मंदिर
अर्जुनेश्वर मंदिर