हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा शहर जो हिमालय पर्वत और ब्यास नदी पर्वत के बीच स्थित है। कुल्लू को भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। जिसे देवदार के जंगलों, बर्फ से ढके पहाड़ों, सुंदर नदियों और पाइन के लिए जाना जाता हैं।
कुल्लू में बौद्धों, सिखों और हिंदुओं के कई तीर्थ स्थल भी मौजूद है जो कि इस जगह को और भी खास बना देते हैं। कुल्लू को अपने गर्म झरनों और पार्कों और मंदिरों के लिए भी जाना जाता हैं।
इसके अलावा कुल्लू में पर्यटन स्थलों के अलावा एडवेंचर जैसे पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए भी जाना जाता हैं। भारत में पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला पर्यटन स्थल कुल्लू है।
कुल्लू में घूमने की जगह। Places to visit in Kullu
खीरगंगा (Khirganga)
मणिकरण लगभग 22 किमी दूरी पर स्थित खीरगंगा अपने मनोरम दृश्यों और गर्म झरनों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां हरे भरे जंगलों के बीच सूर्यास्त और ट्रेकिंग का एक अविश्वसनीय दृश्य का अनुभव लेना एक बहुत ही खास साबित हो सकता है।

तीर्थन घाटी (Tirthan Valley)
यह कुल्लू में घूमने की अच्छी जगह है, हरी-भरी घाटियों, बहती नदियों, झीलों तीर्थन घाटी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के बफर जोन में स्थित है।
यह प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। जहां पर पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग, ट्राउट फिशिंग और रैपलिंग का आनंद लें सकते है।

बिजली महादेव मंदिर (Bijli Mahadev Temple)
कुल्लू के प्रमुख मंदिरों में से एक बिजली महादेव मंदिर है। जहां पर एक शिव लिंगम स्थापित है। यहां के लोगों का कहना है कि इस मंदिर में हर 12 साल में मंदिर के अंदर रखी शिवलिंग के ऊपर बिजली गिरती है और कई टुकड़ों में यह शिवलिंग टूट जाती है।
इसके बाद मंदिर के पुजारी शिवलिंग को मक्खन लगाते है जिस की मदद से शिवलिंग को जोड़ दिया जाता है और कुछ ही समय बाद यह शिवलिंग अपने पुराने रुप में आ जाती है।

मणिकरण साहिब (Manikaran Sahib)
पार्वती नदी के किनारे पार्वती घाटी में स्थित मणिकरण को हिंदुओं और सिखों दोनों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। जो कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू शहर में स्थित हैं।
साथ ही यहाँ का धार्मिक प्रवृत्तियां, गर्म झरने और खूबसूरत वातावरण यहां आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

कैसरधर (Kais Dhar)
कुल्लू घाटी का एक आकर्षक और प्रमुख पिकनिक स्थल है, ये चारों ओर से ऊंचे देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। कैसधार अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। देवदार और नीले देवदार के जंगल से होकर गुजरता हुआ कैसरधर एक शानदार ट्रेकिंग स्थल है।

हनोगी माता मंदिर (Hanogi Mata Temple)
कुल्लू के प्रसिद्ध धार्मिक केन्द्रों में से एक हनोगी माता मंदिर है। यह छोटी सी पहाड़ी के ऊपर स्थित एक छोटा सा मंदिर है। यह मंदिर हिंदू देवी माता हनोगी को समर्पित है। यहां सनसेट व्यू के साथ क्लाइम्बिंग एडवेंचर के लिए एक बहुत अच्छी जगह है।

चंद्रखनी पास (Chandrakhani Pass)
ट्रेक मार्गों में से एक चंद्रखानी दर्रा है जहां पर आप घूमने के लिए गर्मियों और सर्दियों दोनो ही मौसम में जा सकते हैं। यहां आप कुल्लू घाटी की सुंदरता और पर्वत चोटियों की उंचाई के साथ देख सकते हैं। यह जगह हर प्रकृति प्रेमी के दिल को खुश कर देने वाली है।

वैष्णो देवी मंदिर कुल्लू (Vaishno Devi Temple Kullu)
ब्यास नदी के तट पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर कुल्लू का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर महादेवी तीर्थ के रूप में प्रसिद्ध है। वैष्णो देवी मंदिर कुल्लू में धार्मिक स्थानों में सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों में से है। यहां आकर आपको शांति के माहौल मिलेगा। साथ ही यहां एक भगवान शिव का मंदिर भी है।

फ्रेंडशिप पीक (Friendship Peak)
हिमाचल प्रदेश में पीर पंजाल रेंज में 5,289 मीटर की ऊंचाई पर स्थित फ्रेंडशिप पीक हिमालयी क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए एक बहुत अच्छी जगह है।
खूबसूरत सोलांग घाटी से होकर गुजरता हुआ फ्रेंडशिप पीक ट्रेक कई घने जंगल, अल्पाइन घास के मैदान और रंगीन बाग और कई छोटी और घनीभूत धाराओं से घिरे हुए हैं।

पार्वती घाटी ट्रेक (Parvati Valley Trek)
इसे हिमालयी क्षेत्र में सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रेक में से एक माना जाता है, जिन लोगो को रोमांच की तलाश है उनके लिए यह एकदम सही जगह है। यहां की सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देगी।
पार्वती घाटी ट्रेक काफी हैरान कर देने वाला और काफी लंबा है जो की बहुत ही शानदार और सुंदर है। जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हरे-भरे घास के मैदान, आसपास के घने जंगलों और नदियाँ आपको अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

कुल्लू की यात्रा के दौरन क्या क्या कर सकते है (Things To Do In Kullu)
रिवर राफ़्टिंग कुल्लू (River Rafting In Kullu)
अगर आप रोमांच पसंद करते हैं तो रिवर राफ्टिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। कुल्लू में राफ्टिंग ब्यास नदी पर कराई जाती है, जो कि 14 किलोमीटर तक पिरी से शुरू होती हुई झिरी में समाप्त होती है। साथ ही इसमें आप कई रैपिड्स के भी मज़े ले सकते है।
कुल्लू में पैराग्लाइडिंग (Paragliding In Kullu)
पैराग्लाइडिंग कुल्लू में होने वाला एक ऐसा खेल है जिसमें आपको आकाश में उड़ने जैसा महसूस होता हैं। कुल्लू एयरो-स्पोर्ट्स के लिए जाना जाता है, जहां नीले आकाश के नीचे हिमालय की असली सुंदरता को देख सकते है।
कुल्लू में ट्रेकिंग (Trekking In Kullu)
कुल्लू में आ कर आप हिमालय की असली सुंदरता का अनुभव कर सकते है। रोमांच प्रेमियों के लिए कुल्लू एक स्वर्ग के सामान है। आप यहां पर भव्य घाटियों और झीलों के माध्यम से ट्रेकिंग कर सकते है।
कुल्लू में याक सफारी (Yak Safari In Kullu)
याक की सवारी कुल्लू में काफी प्रसिद्ध है। याक की पीठ पर यहाँ के दृश्यों को देखने का अनुभव बहुत ही आराम देने वाला है।
कुल्लू शहर में रेस्तरां और स्थानीय भोजन (Restaurants And Local Food In Kullu)
कुल्लू में इंडियन, चाइनीज और कॉन्टिनेंटल भोजन आसानी से उपलब्ध है। कुल्लू स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ अपने पर्यटकों के लिए कई लोकप्रिय भोजन भी परोसता है। इसके साथ ही यहाँ स्थानीय रूप से बनाई गई वाइन को लुगड़ी और चकती के रूप में जाना जाता है जो लाल चावल और जौ से बनता है।
कुल्लू घूमने के लिए अच्छा समय (Time To Visit Kullu)
कुल्लू में दो वजहों से लोग यात्रा करते है, पहला है गर्मी की छुट्टी का आनंद लेने के लिए जिसके लिए अप्रैल से जुलाई तक यहाँ लोग पहुंचते है। दूसरा कारण है बर्फवारी का आनंद उठाने के लिए उसके लिए कुल्लू में सर्दियों में भी काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते है।
कुल्लू घाटी में बर्फबारी कब होती है? (Snowfall Season of Kullu)
कुल्लू में हर साल लाखों सैलानी बर्फवारी देखने के लिए आते है ऐसे में यह जानना भी बेहद जरूरी है कि यहाँ आपको बर्फवारी कब होती है? ऐसे में आपको बता दे कि अक्टूबर से मार्च के महीने तक कुल्लू घाटी में बर्फबारी होती है।
यहां दिसम्बर के महीने से ही पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है। साथ ही बर्फ में खेलें जाने वाले सभी खेल भी शुरू हो जाते है आप यहां पर स्लाइडिंग, स्नो फ्लाइट, और स्लाइडिंग जैसे खेल खेल सकते है।
कुल्लू कैसे पहुंचे (How To Reach Kullu)
ट्रेन से (By Train)
कुल्लू का सबसे पास का रेलवे स्टेशन जोगिन्दरनगर में है जो कुल्लू से लगभग 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से कुल्लू जाने के लिए बस और टैक्सी आसानी से मिल जाते हैं।
हवाई जहाज से (By Airplane)
कुल्लू का भुंटर में अपना हवाई अड्डा है। साथ ही चंडीगढ़ और नई दिल्ली से कुल्लू के लिए कई दैनिक उड़ानें भी संचालित होती हैं। यहां से आप कैब या बस की मदद से जा सकते हैं। चंडीगढ़ कुल्लू से लगभग 233 किमी की दूरी पर है।
बस से (By Bus)
नई दिल्ली से कुल्लू के लिए कई लक्जरी और किफायती बसों का संचालन करता है। चंडीगढ़ या दिल्ली से बस से कुल्लू तक की यात्रा करना सबसे अच्छा और आसान तरीका है।