कांगड़ा में घूमने की जगह। Places to visit in Kangra

हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन शहर है कांगड़ा, जो यहां पर आने वाले लोगों को शांति की अनुभूति कराता है। व्यास नदी के किनारे पर स्थित और हरी भरी घाटी के बीच बसे इस शहर की यात्रा करना एक सुखद अनुभव हो सकता है। जो कि पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। कांगड़ा अपने पर्यटन स्थलों के अलावा कई तरह के साहसिक खेलों जैसे पैराग्लाइडिंग और ट्रैकिंग को पसंद करने वाले लोग यहां आकर इन खेलों का आनंद ले सकते है। साथ ही कई तरह के वाटरस्पोर्ट्स का आनंद भी पर्यटक यहां आ कर ले सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थानों में शामिल मनाली और शिमला की तरह कांगड़ा भी पर्यटन क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है।

कांगड़ा में घूमने की जगह। Places to visit in Kangra


 

धौलाधार रेंजर्स (Dhauladhar Rangers)

राजसी धौलाधार पर्वतमाला की सुंदरता के लिए जानी जाने वाली कांगड़ा घाटी अपनी अंतहीन चाय बागानों और हरी भरी पहाड़ियों की सुंदरता के लिए जाना जाने वाली एक शानदार दृश्य प्रदान करती है। कांगड़ा शहर से 36 किमी दूर स्थित कांगड़ा घाटी में पालमपुर अपने चाय बागान उद्यानों के लिए प्रसिद्ध है। कांगड़ा में काफी सारे मंदिर भी बने हुए है।

धौलाधार रेंजर्स (Dhauladhar Rangers)
                     धौलाधार रेंजर्स (Dhauladhar Rangers)

करेरी झील (Kareri Lake)

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित करेरी झील एक उथली और ताज़ी पानी की झील है, जिसकी सतह समुद्र तल से लगभग 2934 मीटर ऊपर है। यह एक प्रमुख दर्शनीय स्थल होने के साथ साथ एक बेहद लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल भी है। इस झील में बर्फ पिघलने से पानी मिलता है, यह झील कैफ उथली है जिसमे पानी की दृश्यता बहुत अधिक होती है। करारी झील के लिए एक छोटा ट्रेक है जो एक शांत और शानदार अनुभव कराती है।

करेरी झील (Kareri Lake)
                                करेरी झील (Kareri Lake)

ब्रजेश्वरी मंदिर (Brajeshwari Temple)

कांगड़ा के प्रमुख मंदिरों में से एक ब्रजेश्वरी मंदिर है। यह मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करने वाला एक आध्यात्मिक रूप से ज्ञानवर्धक स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर को कांगड़ा के सबसे प्राचीन मंदिरों को में से एक है, जो कि भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक है।

ब्रजेश्वरी मंदिर (Brajeshwari Temple)
                   ब्रजेश्वरी मंदिर (Brajeshwari Temple)

 

कांगड़ा किला (Kangra Fort)

हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित कांगड़ा किला शहर के बाहरी इलाके में धर्मशाला शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कई हजारों साल की आक्रमण, धन, भव्यता, युद्ध और और विकास का एक बहुत बड़ा गवाह है। यह किला शायद भारत का सबसे पुराना किला है इसके साथ ही हिमालय का सबसे बड़ा किला भी है। यह ब्यास और उसकी सहायक नदियों की निचली घाटी पर स्थित किला है।

कांगड़ा किला (Kangra Fort)
                           कांगड़ा किला (Kangra Fort)

बैजनाथ मंदिर (Baijnath Temple)

हिमाचल प्रदेश में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है बैजनाथ मंदिर, जहां भगवान शिव को ‘हीलिंग के देवता’ के अवतार में पूजा जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर बहुत पवित्र माना जाता है। इस मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक दर्शन करने के लिए आते है।

बैजनाथ मंदिर (Baijnath Temple)
                      बैजनाथ मंदिर (Baijnath Temple)

 

ज्वालाजी मंदिर (Jwala Devi Mandir)

हिंदू देवी ज्वालामुखी को समर्पित यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी के 30 किमी और धर्मशाला से 56 किमी की दूरी पर स्थित है। ज्वाला देवी मंदिर की नौ अनन्त ज्वालाएं जलती हैं, जो कि कांगड़ा की घाटियों में स्थित हैं, यह पूरे भारत के हिंदू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती हैं। यह एक बहुत ही अद्भुत मंदिर है जिसमें भगवान की कोई भी मूर्ति नहीं है।

ज्वालाजी मंदिर (Jwala Devi Mandir)
                      ज्वालाजी मंदिर (Jwala Devi Mandir)

 

चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple)

बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, चामुंडा देवी मंदिर चंबा जिले में स्थित एक प्रचीन मंदिर और एक प्रमुख आकर्षक स्थल है। जो कि एक बहुत प्रचीन मंदिर और एक प्रमुख आकर्षक स्थल है। पहले इस जगह पर कटे हुए पत्थर के रास्ते हुआ करते थे, लेकिन अब इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको 400 सीढ़ियों को पार करके जाना होगा।

चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple)
                चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple)

 

कालेश्वर महादेव मंदिर (Kaleshwar Mahadev Temple)

कालेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। जो कि परागपुर गाँव से 8 किमी की दूरी पर स्थित हैं। यह मंदिर सुंदर मूर्तियों से सुशोभित है जो कि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

कालेश्वर महादेव मंदिर (Kaleshwar Mahadev Temple)
        कालेश्वर महादेव मंदिर (Kaleshwar Mahadev Temple)

कांगड़ा कला संग्रहालय (Kangra Art Museum)

कांगड़ा संग्रहालय बौद्ध कलाकृति और तिब्बती के शानदार चमत्कार और उनके समृद्ध इतिहास को बताता है। इस संग्रहालय में आप को कई दुर्लभ सिक्के यादगार, मूर्तियां, पुराने गहने, मिट्टी के बर्तन और पेंटिंग जैसी चीज़ें देखने को मिलती हैं।

कांगड़ा कला संग्रहालय (Kangra Art Museum)
                 कांगड़ा कला संग्रहालय (Kangra Art Museum)

 

कांगड़ा में मशहूर रेस्तरां और स्थानीय भोजन (Restaurants And Local Food In Kangra)

कांगड़ा क्षेत्र का खाना अलग अलग मसालों से सुसज्जित है। प्रमुख व्यंजनों में छोली की खीर, फफरू का साग प्याज, कलन के पकौड़े, कुल्फा का साग, लसोड की सब्जी और सीरा शामिल हैं। आपको यहां पर शहर के विभिन्न ढाबों और छोटे रेस्तरां में कई तरह के भोजन का स्वाद चखने को मिलेगा।

 

कांगड़ा घूमने जाने का सबसे अच्छा समय क्या है (Best Time To Visit Kangra)

सितंबर से जून तक का समय कांगड़ा की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा है। क्योंकि मई-जून की गर्मियों में कांगड़ा का तापमान 22-30 डिग्री तक पहुंच जाता हैं। जनवरी के महीने में यहां की यात्रा न करें क्योंकि इस समय बहुत ठंड होती है और तापमान शुन्य से नीचे पहुँच जाता है।

 

कांगड़ा कैसे पहुँचे (How To Reach Kangra)

नई दिल्ली से लगभग 450 किमी की दूरी पर कांगड़ा स्थित हैं। इसीलिए नई दिल्ली से कांगड़ा तक आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ से भी कांगड़ा पहुंचा जा सकता हैं।

फ्लाइट से (By Flight)

कांगड़ा शहर से 11 किमी की दूरी पर स्थित निकटतम हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है। जो कि देश के अधिकांश हवाई अड्डों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

ट्रेन से (By Train)

कांगड़ा शहर का अपना रेलवे स्टेशन है, जो कि कांगड़ा घाटी में स्थित है। जो कि एक टॉय ट्रेन स्टेशन है, जिसके कारण यह देश के अन्य शहरों से रेल मार्ग से जुड़ा हुआ नहीं है। पठानकोट रेलवे स्टेशन कांगड़ा से 87 किमी की दूरी पर है।

रोड मार्ग से (By Road)

दिल्ली से बस में यात्रा करके यहां आसानी से पहुँचा जा सकता हैं। जबकि कांगड़ा से नई दिल्ली की दूरी लगभग 450 किमी की है।