वडोदरा शहर गुजरात राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, पहले जिसे बड़ौदा के नाम से जाना जाता था। वडोदरा शहर विश्वामित्री नदी के तट पर स्थित एक बहुत ही सुंदर और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है जहां पर पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है। जैनों ने पहले तो वडोदरा का नाम चंदनवती रखा था, फिर बाद में इसे वड़ोदरा नाम दिया गया। वडोदरा के कई उद्यान, स्मारक और संग्रहालय के साथ साथ पर्यटक आकर्षण भी है जो कि वडोदरा में देखने लायक स्थानों में से एक हैं। एक संस्कृत शब्द है वडोदरा। जिसका अर्थ “बरगद के पेड़” से है। बरगद के पेड़ों की अधिकतम संख्या होने के कारण बरगद के नाम पर इस शहर का नाम वड़ोदरा पड़ा, जो कि अब वडोदरा एक औद्योगिक केंद्र बन चुका है और साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में भी वडोदरा मुख्य भूमिका निभाता है।
वडोदरा में घूमने की जगह। Places to visit in Vadodara
वडोदरा संग्रहालय (Vadodara Museum)
यह संग्रहालय पर्यटकों को आकर्षित करने वाला वडोदरा संग्रहालय सयाजी बाग के दो संग्रहालयों में से एक है। वर्ष 1894 में महाराजा सयाजीराव तृतीय ने इस संग्रहालय का निर्माण किया था। इस संग्रहालय में मुगल लघुचित्रों से लेकर मिस्र की मूर्तियों, जापान, तिब्बत, वस्त्रों और वस्तुओं तक का एक बहुत ही विशाल संग्रह आपको देखने को मिलता है। इसके अलावा आप यहां दुनिया भर के सिक्कों का एक विशाल संग्रह के साथ साथ विभिन्न भारतीय संगीत वाद्ययंत्र और भी इसी बहुत सारी चीज़ें इस संग्रहालय में देख सकते है।
खुलने का समय
आप यहां पर सप्ताह के कोई भी दिन सुबह 9.30 से शाम 6.00 बजे तक आ सकते है।

घूमे लक्ष्मी विलास पैलेस (Ghume Laxmi Vilas Palace)
भारत की सबसे राजसी संरचनाओं में से एक लक्ष्मी विलास पैलेस है, जो कि महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय का निजी निवास स्थान हुआ करता था। इस पैलेस को हर पर्यटक को अपनी वडोदरा यात्रा के दौरान जरूर जाना चाहिए। वडोदरा के गायकवाड़ के शाही परिवार का घर लगभग 700 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है, यहां पर्यटक मोरों और बंदरों को घूमते हुए भी देख सकते हैं। वर्ष 1890 में लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण किया था, जिसे पूरा होने में लगभग बारह साल का समय लगा था।

सयाजी गार्डन (Vadodara Darshaniya Sthal Sayaji Garden)
यह उद्यान 45 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र मे फैला हुआ सबसे बड़ा उद्यान है। यहां पर 99 से अधिक प्रजातियों के पेड़ मौजूद हैं। जिसे विश्वामित्री नदी पर 1879 में बनाया गया था। साथ ही इस पार्क में एक चिड़ियाघर, दो संग्रहालय, एक फूल घड़ी, एक तारामंडल और बच्चों के लिए एक खिलौना ट्रेन भी है। सयाजी गार्डन चिड़ियाघर में मछली की 45 प्रजातियों वाला एक मछलीघर भी जोड़ा गया था। साथ ही 167 प्रकार के 1103 जानवरों की विशेषता वाले जीवों का एक बहुत बड़ा संग्रह है।

ईएमई मंदिर (EME Temple)
इस मंदिर का नाम अजीब लगता है। क्योंकि यह मंदिर उन लोगों के सम्मान के लिए खड़ा है जिन्होंने इस मंदिर को बनाया है। इस मंदिर को दक्षिणामूर्ति मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। ईएमई मंदिर अपने डिजाइन, युद्ध के स्क्रैप, एल्यूमीनियम शीट्स और अवधारणा साथ कवर किए गए जियोडेसिक डिजाइन के कारण भी प्रसिद्ध है। सबसे पहले शीर्ष पर कलश हिंदू धर्म का प्रतीक है। टॉवर ईसाई धर्म को दर्शाता है। डोम इस्लाम का प्रतिनिधित्व है। प्रवेश द्वार जैन धर्म को दर्शाता है। और टॉवर के ऊपर स्वर्ण-संरचनाबनी हुई है जो कि बौद्ध धर्म को व्यक्त करती है।

सूर्य मंदिर (Sun Temple)
भारत में सूर्य मंदिर कई जगह पर है, और उन्ही में से एक है वडोदरा में स्थित सूर्य मंदिर। जो कि यह मंदिर गुजरात के बोरसद शहर में स्थित मुख्य रूप से सूर्य भगवान को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर का इतिहास काफी अस्पष्ट है, जिसमें बताया जाता है कि खुद भगवान सूर्य के कहने पर सूर्य मंदिर को बनाया गया हैं। साथ ही लोगो का मानना है कि यहां आने से बड़ी से बड़ी बीमारी भी दूर हो जाती है। इसीलिए दर्शन किए यहां लोग दूर दूर से आते हैं।

सुरसागर झील (Sursagar Lake)
यह एक कृत्रिम झील है, जहां पर नौका विहार की सुविधा भी पर्यटकों के लिए उपलब्ध है। यह झील सुरसागर झील अनुकरणीय वास्तुकला और सौंदर्यता की एक मिसाल है। जो कि हर तरफ से हरे-भरे हरियाली से सुसज्जित है। इसके साथ ही इस झील पर भगवान शिव की राजसी 120 फीट की मूर्ति भी देखी जा सकती है। जो कि देखने में बहुत ही आकर्षक लगती हैं।

वडोदरा का फेमस जारवानी झरना (Zarwani Falls)
भारत में सबसे अधिक मांग वाले प्राकृतिक स्थलों में से एक और वरोदा से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित जारवानी झरना यहां के आकर्षण का केंद्र है। यहां आप ट्रेकिंग, फोटोग्राफी के साथ साथ पिकनिक का भी मजा ले सकते हैं।

कड़िया डूंगर गुफाएं (Kadia Dungar Caves)
पहली और दूसरी शताब्दी ईस्वी सन् की ये गुफाएँ भरूच के पास स्थित हैं। जो कि ये गुफाएं मोनोलिथिक शेर स्तंभों वाली बौद्ध गुफाएं है। इन गुफाओं में एक ईंट स्तूप के साथ कुल सात गुफाएँ है।

हथनी झरने (Hathni Falls)
गुजरात के पावागढ़ शहर से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित हथनी झरने विभिन्न प्रकार के सुंदर वनस्पतियों और जीवों से घिरा हुआ हैं। हजारों पर्यटक इस झरने का आनंद लेने के लिए यहां आते है।

स्थानीय भोजन (Best Local Food Of Vadodara)
वडोदरा के खाने में गुजराती खुशबू होती है। एक बड़ा शहर होने के साथ वडोदरा में खाने को लेकर कई सारे विकल्प मौजूद है। जहां आपको गुजराती खाने के कई चीजें मिलती है, इसके साथ ही यहां नॉन-वेज से ज्यादा वेज रेस्टोरेंट मिलते हैं, जहां पर शुद्ध देसी खाना आसानी से मिल जाता हैं।
घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit)
गर्मी के दिनों में वडोदरा भूलकर भी ना जाएं,क्योंकि गर्मी के दिनों में यहां का तापमान 42 डिग्री तक पहुंच जाता है। आप सर्दियों में वडोदरा घूमने आ सकते है। क्योंकि यहां सर्दियों में ज्यादा ठंड नहीं पड़ती।
वडोदरा कैसे पहुंचे (How To Reach Vadodara)
आप आसानी से सड़क मार्ग, फ्लाइट या ट्रेन से ट्रेवल करके वडोदरा तक पहुंच सकते है।
फ्लाइट से (By Flight)
वडोदरा का अपना एक एयरोड्रम केवल घरेलू उड़ानों का ही संचालन करता है। और इस हवाई अड्डे से भारत के सभी प्रमुख शहर अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं इसी लिए वडोदरा तक पहुंचने में कोई समस्या नहीं होती है।
सड़क मार्ग से (By Road)
देश के अन्य हिस्सों से वडोदरा का सड़क मार्ग जुड़ा हुआ है। या तो आप वड़ोदरा जंक्शन के पास एसटीसी बस स्टेशन से बसों की सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं।
ट्रेन से (By Train)
भारत के सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है वडोदरा जंक्शन रेलवे स्टेशन। इसके साथ ही गुजरात राज्य का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन भी है। आप आसानी से ट्रेन द्वारा भी वडोदरा पहुंच सकते है।
जलमार्ग से (By Water Marg)
माही नदी में यात्रा करके सावली से नाव में बैठकर भी वडोदरा पहुँचा जा सकता है।