इको टूरिज्म के अलावा श्योपुर में ऐतिहासिक धरोहरों के पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं। वनांचल में स्थित ऐतिहासिक डोबकुंड, काशीपुरा की गढ़ी, बड़ौदा का चंद्रसागर मंदिर, राज्य संरक्षित स्मारक विजयपुर का किला, भूरवाड़ा का शिव मंदिर, धनायचा का जैन मंदिर के दर्शन करने के लिए पायार्टक दूर दूर से आते है।
श्योपुर में घूमने की जगह। Places to visit in Sheopur
मानपुर का किला
सन 1809 ई मे दौलतराव सिंधिया ने इस किले को जीत लिया। राजा मानसिंह द्वारा बनाया गया यह किला श्योपुर से 45 किलोमीटर दूर है जो बाद मे श्योपुर के गौड़ राजाओ के आधिपत्य में आ गया। यहां मानेश्वर महादेव मंदिर तथा राग रागनियो के चित्र महत्वपूर्ण हैं।

बड़ोदा किला
इस किले मे हवा महल, शंकर महल, शीश महल दर्शनीय स्थलों में से एक हैं। खीची राजाओ द्वारा निर्मित इस किले को राजा इंद्रा सिंह गौड़ ने जीतकर श्योपुर रियासत का एक भाग बना दिया था।

बंजारा डैम
इस डैम के निर्माण का वास्तविक प्रमाण सन 1728 ई मे राजा इन्द्रसिंह गौड़ द्वारा बनवाये जाने का मिलता है। लेकिन पहले इसे सीप नदी पर स्थित बंजारा डैम एक किंवदंती के अनुसार लख्खी बंजारे द्वारा बनाया गया था। इसका शिलालेख बंजारा डैम की दीवार पर लगा हुआ है और जनकोजीराव सिंधिया के समय इस डैम की उंचाई बढा दी गयी थी।

सहरिया संग्रहालय
यह सहरिया संस्कृति का शोध केंद्र भी है, श्योपुर किले में संस्कृति संरक्षण समिति के तत्त्वाधान मे सहरिया संग्रहालय की स्थापना की गयी है एवं अत्यंत पिछड़ी सहरिया जनजाति की संस्कृति के संरक्षण के लिए सहरिया विकाश प्राधिकरण एवं पुरातत्वा की स्थापना भी की गयी है।

श्योपुर फोर्ट
पुरातत्व संग्रहालय हेतु यहाँ 425 बेसकीमती मूर्तियों का भी संग्रह किया गया है। सीप एवं कलवाल नदी के संगम पर बना यह किला प्रस्तर शिल्प का बेजोड़ नमूना है, किले के कुछ भवन राज्य संरक्षित घोषित है। यहा स्थित गूजरी महल नरसिंह महल, दरबार होल, राजा इन्द्र सिंह व राजा किशोरदास की छतरीया दर्शनीय है।

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