नरसिंहपुर जिला मध्य प्रदेश राज्य का एक जिला है। यहां पर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यहां पर जाट सरदारों द्वारा 18 वीं शताब्दी में भगवान नरसिंह को समर्पित एक बड़ा मंदिर निर्मित किया गया था। जाटों के खिरवार वंश ने यहां पर कई वर्षों तक शासन किया था, और खिरवार वंश ने ही बृज से आकर नरसिंहपुर जिले की स्थापना की थी। खिरवार वंश ने नरसिंह अवतार को समर्पित दो मंदिरों का निर्माण किया था। क्योंकि खिरवार वंश नरसिंह के अनुयायी थे। इस लेख में हम नरसिंहपुर के मुख्य पर्यटक स्थल के बारे में बात करने वाले है ।
नरसिंहपुर में घूमने की जगह। Places to visit in Narsinghpur
बरमान घाट नरसिंहपुर
बरमान घाट एक बहुत ही प्रसिद्ध जगह है। यह घाट नर्मदा नदी के किनारे स्थित है हो कि एक बहुत ही खूबसूरत घाट है। यहां पर लाखों लोग साल भर नर्मदा में स्नान करने के लिए आते है। यह एक बहुत ही पवित्र स्थल हैं। यहां की खास बात ये है कि नर्मदा नदी इस जगह पर सात धाराओं में बहती है। इस स्थान पर काई प्रसिद्ध मंदिर देखने के लिए मिलते हैं।
यहां पर भगवान विष्णु का वराह अवतार की प्रतिमा, रानी दुर्गावती का मंदिर और ब्रह्मा जी की यज्ञ स्थली भी देखने को मिलती है। इसके साथ ही यहां पर नर्मदा जयंती और मकर संक्रांति समय बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें यहां लोग लाखों की संख्या में आते हैं।

सूरजकुंड बरमान घाट
बरमान घाट के पास स्थित सूरजकुंड एक प्रसिद्ध कुंड है। यहां अक्सर लोग कुंड में डुबकी लगाने के लिए आते है। यह एक बहुत ही पवित्र कुंड है। जो कि नर्मदा नदी के किनारे यह कुंड बना हुआ है।

सतधारा बरमान घाट
नरसिंहपुर में स्थित बरमान घाट के पास स्थित सतधारा नमक एक बेहद प्रसिद्ध स्थान है। इस स्थान पर आपको नर्मदा नदी सात विभिन्न धाराओं में विभक्त होते हुए दिखाई देती है। इसके साथ ही यहां पर बहुत ही सुंदर दृश्य नर्मदा नदी का देखने के लिए मिलता है।

दीपेश्वर मंदिर बरमान घाट
नरसिंहपुर में बरमान घाट के पास स्थित सतधारा एक बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है। इस स्थान पर नर्मदा नदी को सात धाराओं में विभक्त होते हुए देखा जा सकता है। इसके साथ ही यहां पर बहुत ही सुंदर नजारा नर्मदा नदी का देखने के लिए मिलता है।

हाथीनाला झरना
यह नरसिंहपुर का एक प्राकृतिक जलप्रपात है। घने जंगलों के बीच स्थित इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है। इसके साथ ही यह जलप्रपात 5 स्तरों में नीचे गिरता है, जो बहुत ही लुभावना दृश्य होता है। हाईवे रोड से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर यह जलप्रपात स्थित हैं। यहां आसानी से आया जा सकता है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह जलप्रपात बिल्लाधा गाँव से लगभग 1 किमी की दूरी पर है। यह एक सुनसान जगह है। और किसी भी तरह की कोई भी दुकानें यहां उपलब्ध नहीं है।

जबरेश्वर महादेव मंदिर
यह नरसिंहपुर का एक प्रसिध्द जबरेश्वर महादेव मंदिर है। यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे स्थित एक धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में एक शिवलिंग स्थापित है। इस शिवलिंग के लिए कहा जाता है कि यह शिवलिंग हर साल बढ़ता है। लगभग 1 मीटर ऊंचे यह शिवलिंग की मोटाई इतनी है कि इसे दोनों हाथों से भी नहीं पड़का जा सकता। यहां नर्मदा नदी में स्नान भी किया जा सकता हैं।

झोतेस्वर मंदिर या राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर
यह नरसिंहपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो कि गोटेगांव के पास स्थित है। यहां एक भव्य और बही ही खूबसूरत मंदिर देखने के लिए मिलता है। माता राजराजेश्वरी की प्रतिमा मंदिर में विराजमान है। और बहुत ही खूबसूरत कमल की नक्काशी मंदिर की छत पर की गई है, जिसे देखने में बहुत ही आकर्षक लगती हैं। यह मंदिर पहाड़ियों और बना है, जहां पर सीढ़ियों स पहुंचा जा सकता है।

हनुमान टेकरी झोतेश्वर
झोतेश्वर में पहाड़ी के ऊपर स्थित हनुमान टेकरी एक हनुमान जी का मंदिर है। जहां पर हनुमान जी की एक बहुत ही भव्य प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। हनुमान जी के इस मंदिर में बहुत सारे बंदर देखने के लिए मिलते है।

लक्ष्मीनारायण मंदिर झोतेश्वर
लक्ष्मी नारायण मंदिर झोतेश्वर मंदिर के पास में ही है। यह एक छोटा लेकिन खूबसूरत मंदिर है। यहां श्री कृष्ण जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं।

टोनघाट नरसिंहपुर
यह एक प्राकृतिक स्थल है, जो कि नरसिंहपुर जिले में स्थित हैं। यहां पर प्रकृति के नजारे बहुत ही मन मोहक होते हैं। शेर नदी पर स्थित इस घाट को छोटा धुआंधार भी कहा जाता है। यह बहुत ही खूबसूरत और चट्टानों से बहता हुआ झरना दिखाई देता है जो की आकर्षक का केंद्र है।

श्री दादा दरबार या दादा दूल्हा देव महाराज मंदिर
नरसिंहपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर जो कि नरसिंहपुर हाईवे रोड में स्थित है। इस मंदिर को दूल्हा देव या
दादा महाराज के नाम से भी जाना जाता है। नरसिंहपुर से 7 किमी की दूरी पर इस मंदिर परिसर बहुत खूबसूरत है और साफ सुथरा है।

नरसिंह मंदिर
यह एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है। नरसिंह मंदिर के नाम पर ही इस शहर को नरसिंहपुर के नाम से जाना जाता है। लगभग 600 वर्ष पुराने इस मंदिर में आपको भगवान नरसिंह मूर्ति देखने के लिए मिलती है। यहां के राजा के राजमहल तक जाती इस मंदिर में एक भूमिगत सुरंग भी है। इसके साथ ही नरसिंह मंदिर के पास ही नरसिंह तालाब स्थित है। जो यहां की शोभा को और बढ़ा देता है।

पर्यटकों के मन को मोह लेने वाले ये स्थान नरसिंहपुर जिले में स्थित है , यदि इन स्थानों के बारे में दी गयी जानकारी आपको पसंद आई हो तो इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ।