ताजमहल नहीं बल्कि ये है भारत का पहला संगमरमर से बना मक़बरा, फोटोशूट के लिए भी है एक शानदार डेस्टिनेशन!

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ताजमहल की खूबसूरती हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्द है। सफ़ेद संगमरमर से बना ये खूबसूरत ताजमहल हर किसी को अपनी सुंदरता का दीवाना बना देता है। लेकिन क्या आपको पता है की ताजमहल से भी सैंकड़ो वर्षों पूर्व भी एक मक़बरा हमारे देश में बनाया गया था और ऐसा बताया जाता है की इस मक़बरे को देखकर ही शाहजहां को ताजमहल बनाने की प्रेरणा मिली थी।

जी हाँ सोचिये मत, आपने सही पढ़ा है! हम बात कर रहे है मालवा के स्वर्ग कहे जाने वाले मांडू नगर में स्थित होशंगशाह के मक़बरे की। इस मकबरे का कार्य खुद होशंगशाह द्वारा प्रारंभ करवाया गया था और 1440 ईस्वी में महमूद खिलजी द्वारा इस मकबरे को पूरा किया गया। मक़बरा चौकोर आकृति में बना हुआ है और चारों ओर एक खूबसूरत बगीचा भी इसकी सुंदरता में चार चाँद लगा देता है। यहाँ बगीचे में खड़े होकर बैकग्राउंड में मक़बरे के साथ फोटोज वास्तव में अद्भुत तरह से सुन्दर लगती हैं। 


साथ ही एक तरफ बेहद खूबसूरत बरामदा भी बना हुआ है जिसकी वास्तुकला के आप सच में कायल हो जायेंगे। यहाँ आपको बहुत सारे सुन्दर और एक जैसी आकृति के सैंकड़ो खंभे बने दिखेंगे जो एक साथ दिखने में तो बेहद शानदार लगते ही हैं साथ इन खंभों के बीच में खड़े होकर आप अपनी कुछ एकदम अनोखी और बेहद शानदार फोटोज क्लिक सकते हैं


बरामदे में सिर्फ कुछ पल के लिए टहलना भी बेहद खूबसूरत अनुभव होता है जो हमेशा के लिए आपकी यादों में बस जायेगा। चारों ओर के खूबसूरत गार्डन के बीचों बीच ये मक़बरा बना हुआ है जिससे ये दिखने में और ज्यादा खूबसूरत लगता है। मक़बरे के अंदर कुछ खिड़कियां भी बनी हुयी हैं और ऊपर की तरफ एक बड़ा गुम्बद और चार छोटे गुम्बद बने हुए है।


साथ ही इस मक़बरे के बगल में ही मौजूद है प्राचीन वास्तुकला का एक और बेहद अनोखा नगीना- जामी मस्जिद। अगर आप मांडू में घूमने जाते हैं तो पहले आप जामी मस्जिद ही पहुंचेंगे और वहां प्रवेश टिकट लेकर आपको जामी मस्जिद पहले जाना होता है और उसके बाद बरामदे में मौजूद छोटे रास्ते से होते हुए आप होशंगशाह के मक़बरे में पहुँच सकते हैं। जामी मस्जिद में तीन बेहद विशाल गुम्बद बने हुए हैं और साथ ही चारों ओर बहुत सारे छोटे गुम्बद भी इसकी खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देते हैं।


मस्जिद में सामने की और एक बेहद अच्छे से मेन्टेन किया हुआ गार्डन भी है जिसके बीच में से एक रास्ता मस्जिद तक पहुंचता है। साथ ही चारों ओर बरामदा बना हुआ है जिसके ऊपर छोटे छोटे बहुत से गुम्बद बने हुए हैं। अगर फोटोज की बात करें तो इस सुन्दर बगीचे और चारों ओर की शानदार वास्तुकला के बीच आप कहीं भी अपनी फोटो क्लिक कर लें, अच्छी तो वो आएगी ही।



साथ ही दोनों ओर जो बरामदा बना हुआ है, वहां भी आप प्राचीन वास्तुकला के बेजोड़ नमूने को देखकर सच में अचंभित हो जायेंगे। यहाँ बने बहुत सारे एक समान स्तम्भ इस जगह को एक अलग ही सुंदरता दे रहे हैं। फोटोज के लिए आपको यहाँ बहुत से लोग अलग अलग तरह से चारों ओर फोटोज क्लिक करते नज़र आ जायेंगे।


जामी मस्जिद के प्रवेश द्वार के बाहर आपको खाने पीने की दुकाने भी मिल जाएँगी जहा आप नाश्ता वगैरह कर सकते हैं। गेट के सामने की और अच्छे से बनी सड़क है और सामने की तरफ पार्किंग और कुछ दुकाने है। मांडू नगर की ऐतिहासिक धरोहरों को काफी अच्छे से संभल कर रखा गया है जिसे देखने आपको जरूर जाना चाहिए।


अगर बात करें यहाँ प्रवेश टिकट की तो 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्रवेश निशुल्क है और 15 वर्ष से ऊपर के भारतीय नागरिकों के लिए टिकट शुल्क 25 रुपये प्रति व्यक्ति है और वहीँ विदेशी नागरिकों यह 300 रुपये का है।

अगर बात करें मांडू की लोकेशन की तो यह ऐतिहासिक नगर मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित है जहाँ पहुँचने के लिए आप पहले रेल, सड़क या हवाई मार्ग से इंदौर पहुँच सकते हैं और फिर इंदौर से आसानी से टैक्सी या बस आदि से मांडू नगर पहुँच सकते हैं। मांडू में सड़क व्यवस्था काफी अच्छी है इसीलिए आप अपने खुद के वाहन से भी यहाँ जा सकते हैं। इंदौर से मांडू की दुरी करीब 95 किलोमीटर की है। 

साथ ही आपको बता दें की मांडू में ऐसी ही बहुत सी ऐतिहासिक विरासते मौजूद हैं जिनके बारे में जानने के लिए कुछ जगहों के आप हमारे दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं और कुछ जगहों के बारे में हम अपने आने वाले आर्टिकल्स में बताने की कोशिश जरूर करेंगे।

साथ ही मांडू नगर का हमारा वीडियो अगर आप देखना चाहते हैं और साथ ही ऐसी और भी जगहों के वीडियो या रील्स आप देखना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल WE and IHANA पर या फिर हमारे इंस्टाग्राम अकाउंट @weandihana पर भी जा सकते हैं।

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