इंदौर या उज्जैन जा रहे हैं तो इस छिपी हुई अद्भुत कमल के फूलों की झील को देखना मिस मत कर देना !

We The Wanderfuls

कोरोना काल के बाद लोगों का पर्यटन की ओर रुझान पहले से काफी बढ़ गया है और इसी के साथ देश के सभी फेमस पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ भी होने लगी है। इसीलिए बहुत से पर्यटक हमेशा कुछ ऐसी जगहों की खोज में रहते हैं जो भीड़ से दूर होने के साथ प्राकृतिक खूबसूरती से भरी हो।

अगर आप भी ऐसी किसी जगह को ढूंढ रहे हैं तो आज हम आपको हमारे इस लेख में एक ऐसी ही एक शानदार छिपी हुई जगह के बारे में बताने वाले हैं।


हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के इंदौर व महाकाल नगरी उज्जैन के पास मौजूद प्रकृति के एक खूबसूरत उपहार “लोटस वैली” यानी कमल के फूलों की झील की। इंदौर शहर से हाटोद गांव से निकलते हुए यह झील करीब 24 किलोमीटर दूरी पर पडती है। हाटोद गांव से गुलावट तालाब सिर्फ 5 किमी दूर है। इसे गुलावट तालाब, यशवंत सागर झील के नाम से भी जाना जाता है।


हमारी मध्य प्रदेश की यात्रा से पहले हमें इस जगह के बारे में पता लगा और यहाँ की कुछ फोटोज देखते ही हमने यहाँ जाने का प्लान बना लिया। पता लगा की ये जगह प्री-वेडिंग व अन्य फोटोशूट के लिए काफी लोकप्रिय जगह है। फिर भी हमने नहीं सोचा था की ये जगह फोटोज में जैसी लग रही है उतनी खूबसूरत सच में भी होगी फिर भी हमने वह जाने का प्लान बना लिया।

यहाँ जाने के लिए सड़क की अवस्था मध्यम दर्जे की है और इंदौर से कुछ दूर हाईवे पर चलने के बाद रोड छोटी हो जाती है क्योंकि पूरा रास्ता ग्रामीण इलाकों से होकर निकलता है।

गूगल लोकेशन और कुछ स्थानीय लोगो से पूछते हुए हम आखिर इस लेक के पास पहुंचे और लोटस लेक से कुछ दूर पहले ही हमें कमल के फूल और कुछ सुन्दर पंछी दिखने लगे जिसके साथ ही हमारा उत्साह काफी बढ़ गया।

कुछ देर आगे चलने के बाद हमें सड़क के दोनों ओर हज़ारों बांस और यूकेलिप्टस के पेड़ दिखने लगे लेकिन ये दृश्य साधारण नहीं था क्योंकि ये सभी पेड़ पानी डूबे हुए थे। साथ ही इस नज़ारे पर चार चाँद लगा रहे थे तालाब में मौजूद हज़ारों खिले हुए कमल के फूल



सच में इस खूबसूरत दृश्य की हमने कल्पना नहीं की थी और बस मन का रहा था की उसी वक़्त झील में उतरकर इन पेड़ो की के बीच कमल के खूबसूरत फूलों के बेहद करीब चले जाएँ।

वहां के स्थानीय लोग पर्यटकों के लिए अनेक प्रकार के सजाये हुए झूले और कपल साइकिल वगैरह भी रखते हैं। वे लोग झूले झूलने या फिर साइकिल आदि चलाने और फोटो लेने के लिए जो मूल्य लेते हैं वह हमें उनकी मेहनत को देखते हुए काफी उचित लगा।

साथ ही वहां आप बोटिंग भी 100-150 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से कर सकते हैं। हम भी बोटिंग का पता लगते ही वहां बोटिंग करने चले गए।


बोटिंग करते वक़्त वास्तव में जो नज़ारे देखने को मिलते हैं उसकी हमने बिलकुल भी उम्मीद नहीं की थी। यहाँ बोटिंग के दौरान आप कमल के खूबसूरत फूलों और इन शानदार पेड़ो के बीच पानी में नाव पर सवार होते हैं जहाँ प्रकृति के इस खूबसूरत तोहफे को बस निहारते रहने का मन करता है। ये जगह सच में मध्य प्रदेश में पर्यटन दुनिया में एक छिपा हुआ रत्न है और अगर आप इंदौर या उज्जैन के पास जा रहे हैं तो यहाँ जरूर जाएं।



यहाँ सूर्योदय का नज़ारा सच में बेहद शानदार होता है और वहां लोगों से पता चली जानकारी के अनुसार कमल के फूलों को देखने के लिए आपको सूर्योदय से सुबह 11-12 बजे तक जाना चाहिए क्योंकि इस समय के बाद कमल के फूलों का खिले हुए मिलना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

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