किसी भी वास्तुकला प्रेमी को भारत के प्राचीन मंदिरो में बेहद रुचि रहती है और साथ ही अगर ऐतिहासिक दृष्टिकोण की बात करें तो भी ये मंदिर बेहद महत्वपूर्ण होते हैं जिसे देखने देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी बहुत से पर्यटक, इतिहासकार और वास्तुकला प्रेमी आते हैं। देश में अगर बात करें तो खजुराहो मंदिरों का समूह प्राचीन मंदिरों के समूह के रूप में सबसे पहले सभी के दिमाग में आता होगा लेकिन आज हम आपको राजस्थान के एक छिपे हुए मंदिरों के समूह के बारे में बताने वाले हैं।
जी हाँ बांसवाड़ा में बहुत से छिपे हुए और आपको चौंका देने वाले अनेक पर्यटन स्थलों के बारे में हम पहले ही आपको हमारे पिछले कई ब्लॉगस में बता चुके हैं और आज हम आपको बांसवाड़ा में ही स्थित एक खूबसूरत झील किनारे भारत के सरंक्षित स्मारकों में शामिल एक प्राचीन मंदिरों के समूह के बारे में बताने वाले हैं जिसके बारे में वास्तव में बहुत ही कम लोग जानते हैं। हम बात कर रहे है बांसवाड़ा में अरथूना ग्रुप ऑफ़ टेम्पल्स की, तो चलिए चलते हैं हमारी अरथूना की यात्रा पर….
मानसून ट्रिप पर हम बांसवाड़ा में थे और बांसवाड़ा से करीब 1.5 घंटे के सफर के बाद हम करीब 50 किलोमीटर दूर अरथूना नाम की जगह पहुंचे और दूर से हमें कुछ अद्भुत मंदिरों दिखे। वहां जाने पर पता चलता की इस जगह का रख-रखाव तो ठीक से किया हुआ है लेकिन पर्यटकों को इस जगह के बारे में बिलकुल भी नहीं पता क्योंकि हमें वहां हमारे अलावा कोई भी पर्यटक नहीं मिला।
और न ही इस जगह का कोई भी एंट्री टिकट था। वहां बस एक बोर्ड दिखा जिस पर इस जगह के राष्ट्रीय सरंक्षित स्मारकों में शामिल होने की बात लिखी गयी थी। हमने बस झील किनारे हमारी कार पार्क की और हमसे कुछ शानदार फोटोज लिए बिना नहीं रहा गया।
फिर कुछ आगे जाकर हमने देखा की वहां बहुत से प्राचीन मंदिर हैं और मंदिरों के चारों ओर प्राकृतिक रूप से लगी हरी भरी घास इन मंदिरों को एक अलग ही लुक दे रही थी। फिर हम एक मंदिर में कुछ सीढ़ियां चढ़कर गए और ऊपर से यहाँ का नज़ारा सच में मनमोहक था।
ऊपर से चारों ओर हरे भरे मैदान में इतनी अद्भुत वास्तुकला वाले मंदिरों के समूह को देखना, सच में वो नज़ारा हम शब्दों में नहीं बता सकते और आपसे यही कहेंगे की बिना सोचे बस एक बार इस जगह जाएँ और अपनी आँखों से इस खूबसूरत जगह को देखें।
यहाँ बहुत सारे मंदिर हैं और हर एक मंदिर की रचना सच में अद्भुत है और इनकी वास्तुकला के तो क्या ही कहने। वर्त्तमान में बने मंदिरों पर चाहे जितने पैसे खर्च हुए हों लेकिन बात अगर प्राचीन कारीगरी की हो तो इसकी कोई तुलना नहीं और यही हम वहां पर महसूस कर रहे थे। कुछ मंदिर वहां क्षतिग्रस्त भी थे लेकिन फिर भी उनका बचा हुआ हिस्सा देखकर आप उनकी खूबसूरती की अच्छे से कल्पना कर सकते हैं।
हम इस बात से बेहद आश्चर्यचकित थे की राजस्थान की इस अनमोल धरोहर के बारे में अभी तक बेहद कम लोग ही जानते हैं जबकि इस जगह को राजस्थान ही नहीं बल्कि पुरे देश की महत्वपूर्ण धरोहरों में से एक के रूप में एक बेहद लोकप्रिय पर्यटक स्थल होना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं की जल्द ही इस जगह को भारत के पर्यटन में वो स्थान मिलेगा जिसका ये हक़दार है।
अगर आप इस जगह के बारे में और भी जानकारी चाहते है और यदि बांसवाड़ा के और पर्यटन स्थलों के बारे में भी आप जानना चाहते हैं तो आप हमारे पिछले ब्लॉगस भी पढ़ सकते हैं और साथ में नीचे दिए हुए लिंक के द्वारा आप हमारे Youtube चैनल WE and IHANA पर भी जा सकते हैं।
Youtube चैनल लिंक:
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यहाँ कैसे पहुँचे?
यहाँ पहुंचने के लिए पहले आप राजस्थान के उदयपुर शहर पहुंच सकते हैं जो हवाई, सड़क और रेल मार्ग से देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और वहां से बांसवाड़ा करीब 150 किलोमीटर दूर है। या फिर रेल और सड़क मार्ग के द्वारा आप मध्य प्रदेश के रतलाम भी पहुँच सकते हैं जहाँ से बांसवाड़ा करीब 80 किलोमीटर दूर है। और फिर बांसवाड़ा से अरथूना सिर्फ 50 किलोमीटर दूर है जिसके लिए आप टैक्सी वगैरह ले सकते हैं।