Jagannath Rath Yatra 2023: हर साल आषाढ़ के महीने ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है, यह रथ यात्रा काफी अद्भुत होता है है जिसमें लाखों भाग लेते है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होकर यह पर्व पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है।
इस वर्ष 2023 में यह रथ यात्रा 20 जून को मनाया जायेगा, रथ यात्रा का नजारा शानदार होता है, यही वजह है कि इसे देखने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। तो आइए जानते है उत्साह, उमंग और परंपरा के इस खास महोत्सव में आप किस तरह से भाग ले सकते है –
वर्षों पुरानी है परंपरा
पुरी जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा (रथ उत्सव) की परंपरा पांच हजार साल से अधिक पुरानी है। परंपरागत रूप से रथ यात्रा उत्सव पुरी, उड़ीसा में हर साल मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान भगवान जगन्नाथ की उनके भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ पूजा की जाती है।
रथ यात्रा का एक आध्यात्मिक महत्व भी है – जिसे कथा उपनिषद में गहराई से समझाया गया है। यह मानव शरीर को रथ और उसके सारथी (चालक) को भगवान के रूप में बताता है, जो रथ को भवसागर (भौतिक अस्तित्व) की यात्रा (यात्रा) से बाहर निकालने के लिए चलाता है।
हर साल बनाया जाता है रथ
रथ यात्रा के दौरान इस्तेमाल होने वाले रथ हर साल बनाए जाते हैं। रथों को चमकीले रंगों से रंगा जाता है और सबसे ऊपर लाल, काले, पीले या हरे रंग की छतरियों से ढके होते हैं। भगवान जगन्नाथ लाल और पीले रंग का उपयोग करते हैं, भगवान बलराम लाल और हरे रंग का उपयोग करते हैं, जबकि सुभद्रा लाल और काले रंग का उपयोग करती हैं।
अपने मंदिर से निकले के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी नगर का भ्रमण करने के बाद गुंडीचा मंदिर पहुंचते हैं. माना जाता है कि यह उनकी मौसी का घर है. यहां पहुंचने के बाद भगवान अपनी मौसी के हाथ से बनी पूडपीठा ग्रहण करते हैं. इसका बाद वे इसी मंदिर में सात दिनों तक विश्राम करते हैं।
पुरी कैसे पहुंचे
जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग लेने के लिए आपको ओडिसा के पुरी शहर में जाना होगा, पुरी भुवनेश्वर के पास ही है ऐसे में यहाँ पहुंचना काफी आसान है।
फ्लाइट से
भुवनेश्वर में बीजू पटनायक हवाई अड्डा सबसे पास है, जो पुरी शहर से लगभग 56 किमी दूर है। यहाँ दिल्ली, कोलकाता, पटना और मुंबई जैसी जगहों से सीधी फ्लाइट मिलती है।
ट्रेन से
पुरी का अपना रेलवे स्टेशन है। भुवनेश्वर, नई दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता समेत भारत के कई शहरों से यहां के लिए रोजाना सीधी ट्रेन सेवाएं मिलती हैं। पुरी रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर 2 किलोमीटर है।
सड़क से
पुरी अपने पड़ोसी शहरों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में भुवनेश्वर कटक जैसी जगहों से बस के जरिए भी पुरी पहुंच सकते हैं। पुरी के गुंडिचा मंदिर के पास बस स्टैंड है।