आज हम आपको भारत के उस हिस्से की सैर पर लेकर चलेंगे, जो अपने ऐतिहासिक धरोहरों, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं अपने बिहार की।
बिहार केवल प्राचीन इतिहास का गवाह नहीं है, बल्कि यहाँ ऐसी अनोखी जगहें भी हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर देंगी। यहाँ के पहाड़, गुफाएँ, धार्मिक स्थल और प्राकृतिक नजारे हर तरह के यात्रियों को कुछ खास अनुभव प्रदान करते हैं। तो आइए जानते हैं बिहार की उन 10 खास जगहों के बारे में जो इतिहास, धर्म, और प्रकृति का अद्भुत संगम हैं।
रोहतास
पटना शहर से लगभग 200 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित रोहतास जिला अपने Natural Beauty के लिए पूरे राज्य के लोगों के बीच काफी Popular बन चूका है। पिछले कुछ सालों के भीतर रोहतास ने Tourist के बीच एक अलग ही तरह की प्रसिद्धि हासिल कर लिया है।
चाहे आपको ऐतिहासिक किले और मकबरे में रूचि हो या फिर प्रकृति के करीब जाकर सुकून के कुछ पल बिताने हो, रोहतास कभी आपको निराश नहीं करेगा।
सासाराम में आपको शेरशाह सूरी का जबरदस्त मकबरा देखने को मिलता है जिसे यहाँ के लोग बिहार का ताज भी कहते है। इसके अलावे रोहतासगढ़ का किला भी अपने आप में बेहद खास है।
मांझर कुंड, तुतला भवानी और कशिश वॉटरफॉल जैसे कई झरने यहाँ बरसात के दिनों में Active हो जाते हैं जहाँ लाखों की संख्या में दूर दराज से लोग प्रकृति के बेहतरीन नजारों का लुप्त उठाने आते है।
कैमूर
रोहतास की तरह कैमूर भी प्रकृति के बेहतरीन नजारों से भरा हुआ है। बिहार के दोनों ही जिले कैमूर की पहाड़ी को समेटे हुए है जो कि विंध्य पहाड़ी का पूर्वी भाग है।
कैमूर में भी एक से बढ़कर एक पर्यटन स्थल है जहाँ आपको जरूर जाना चाहिए। इसी पहाड़ी पर अति प्राचीन मंदिर मां मुंडेश्वरी का पावन धाम भी स्थित है। दूसरी तरफ Kaimur Wildlife Sanctuary हजारों जंगली जानवरों और पक्षियों का घर है।
यहाँ का करकटगढ़ जलप्रपात मानसून के दौरान अपने खूबसूरती के चरम पर होती है।
इसके साथ ही जो लोग Road Trip करना चाहते है उनके लिए Kaimur Hills पर Drive करना एक अलग ही सुकून है। इन सबके अलावे भी कैमूर में दर्जनों छोटे बड़े Tourist Spot है जहाँ आप अपनी यात्रा Plan कर सकते है।
नालंदा
नालंदा बिहार के उन सबसे Popular Tourist जगहों में से एक है जहाँ दूसरे देशों से भी काफी ज्यादा पर्यटक पहुंचते है। नालंदा को आध्यात्म का केंद्र भी कहा जाता है। यहां बौद्ध और जैन धर्म से जुड़े तमाम पर्यटक स्थल हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय की बात करें तो इसके अवशेष UNESCO की ऐतिहासिक धरोहर की सूची में शामिल हैं। इसके अलावा यहां घूमने के लिहाज से ह्नेनसांग मेमोरियल (Hsuen Tsang Memorial), अशोक स्तूप, म्यूजियम समेत अन्य कई स्थान हैं।
जैन धर्म के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक पावापुरी जल मंदिर भी नालंदा से कुछ ही दूरी पर स्थित है। सफेद संगमरमर से बना ये मंदिर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को समर्पित है। यहां उनके पैरों के छाप मौजूद हैं। ऐसा कहा जाता है कि महावीर को यहीं पर निर्वाण की प्राप्ति हुई थी।
राजगीर
बता दें कि राजगीर बिहार का एक प्राचीन शहर है। इसे मगध की पहली राजधानी के रूप में जाना जाता है। कुदरत के नजारों के कारण यह छोटी सी जगह घूमने फिरने के लिए देश विदेश में मशहूर हो चुकी है।
राजगीर की पांच पहाड़ियां और नदियां यहां की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देती हैं। यहाँ घूमने के लिए कई ऐसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक जगह हैं, जो पर्यटकों को सालाें से आकर्षित करती आ रही हैं।
यहाँ का Glass Bridge जो कि राजगीर Nature Safari का एक पार्ट है पर्यटकों के बीच काफी ज्यादा लोकप्रिय है। सैकड़ों फ़ीट गहरी खाई के ऊपर बना यह Glass Bridge लोगों को खूब पसंद आता है।
इसके अलावा यहाँ शांति स्तूप, घोरा कटोरा झील, स्वर्णभंडार समेत कई बेहतरीन Tourist Places मौजूद है।
वैशाली
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वैशाली पूरी दुनिया का पहला गणराज्य रहा है। यहाँ भगवान महावीर का जन्म हुआ था और यह स्थान बौद्ध धर्म के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही वह जगह है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना अंतिम उपदेश दिया था।
वैशाली न केवल इतिहास के पन्नों में, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं में भी एक विशेष स्थान रखता है।
शांति स्तूप से लेकर अशोक स्तम्भ तक। बौद्ध और जैन धर्म से जुड़ी कई ऐतिहासिक जगहें आपको वैशाली में देखने को मिल जाएगी।
वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व
बिहार के सबसे उत्तरी हिस्से में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व बिहार के सबसे Unexplored जगहों में से एक है। भारत नेपाल बॉर्डर पर स्थित यह टाइगर रिज़र्व सैकड़ों किलोमीटर एरिया में फैला है।
यहाँ आप बरसात के दिनों को छोड़कर पूरे साल Junglee Safari का आनंद उठा सकते है। Safari में आपको बाघ, हिरन समेत तरह तरह के जंगली जानवर देखने को मिल सकता है।
चारों तरफ फैले घनघोर जंगल की शांति आपको एक अलग ही दुनिया में लेकर जाती है। बॉर्डर पर स्थित बैराज को पार करके आप नेपाल के कुछ हिस्सों में भी बड़े आसानी से घूम सकते है।
बोध गया
बोधगया, बिहार का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह स्थान बौद्ध धर्म का केंद्र माना जाता है और यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
बोधगया वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
यहाँ का महाबोधि मंदिर UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह वही स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया था और ज्ञान प्राप्त किया था। मंदिर का वास्तुशिल्प अद्भुत है और यहाँ का वातावरण भी बहुत पवित्र है।
महाबोधि मंदिर के अलावा यहाँ कई अन्य बौद्ध मंदिर और पर्यटन स्थल मौजूद है जहाँ की यात्रा आपको जरूर करनी चाहिए।
सीतामढ़ी
बिहार के प्राचीन संस्कृति और पौराणिक कथाओं की जड़ें इतनी गहरी है कि इसे जितना आप जानना चाहेंगे उतना ही कम पड़ेगा।
ऐसी पौराणिक मान्यता हैं कि राजा जनक की पुत्री माँ सीता का जन्म सीतामढ़ी में ही हुआ था।
सीतामढ़ी में जानकी मंदिर, जानकी कुंड, हलेश्वर स्थान समेत कई धार्मिक और ऐतिहासिक जगहें है।
बांका
बांका का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। महाभारत काल के दौरान बांका अंग प्रदेश के अंतर्गत आता था। अगर Tourist Places की बात करें तो बांका घूमने के लिहाज से बेहद खास है। यहां कई खूबसूरत ताल, मंदिर और पहाड़ियां हैं।
बांका का मंदार पर्वत बेहद ही खास है जिसे मंदरांचल के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक मंदार पर्वत का प्रयोग देवताओं ने समुंद्र मंथन के लिए किया था।
कई महत्वपूर्ण मंदिरों के अलावा यहाँ ओढ़नी Dam स्थित है जहाँ आप Motorboat और Speed Boat जैसी Water Sports का लुफ्त उठा सकते है। पिछले कुछ वर्षों में यह Dam Pre-Wedding Shoot के लिए भी काफी मशहूर हो गया है।
बराबर की गुफाएं
बराबर गुफाएं बिहार के जहानाबाद जिले में स्थित है. यह एक पुरातात्विक साइट है, जो बराबर पहाड़ियों पर मौजूद है.
बराबर गुफाएं कई रहस्यों से भरा ऐतिहासिक स्थान है, जो अपनी संरचना के लिए काफी मशहूर है.
इस गुफा की दीवारें अंदर से चिकनी और पॉलिश हैं, जो इन गुफाओं को रहस्यमय बनाती हैं.
प्राचीन काल में निर्मित इन गुफाओं का सम्राट अशोक से भी संबंध है, इन गुफाओं की दीवारों पर अशोक के कई शिलालेख मिले हैं.
राजगीर के महान राजा जरासंध ने बराबर पहाड़ पर मौजूद बाबा सिद्धनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था, इसके प्रति हिंदुओं में अपार आस्था है।