उत्तराखंड राज्य को यूँ ही देवभूमि की संज्ञा नही दी गयी है। यहाँ का लगभग हर स्थल, हर पहाड़ी, हर मंदिर का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व हैं। उसी में एक हैं चंद्रशिला मंदिर जो कि रुद्रप्रयाग में तुंगनाथ मंदिर से ऊपर चंद्रशिला की पहाड़ियों पर स्थित हैं।
चन्द्रशिला उत्तराखंड के रूद्र प्रयाग जिले में तुंगनाथ गाँव का शिखर बिंदु है, चंद्रशिला को “मून रॉक” मतलब चन्द्रमाँ की चट्टान के नाम से भी जाना जाता है।
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चन्द्रशिला और तुंगनाथ पर्यटन के बीच की दूरी लगभग 3-4 किलोमीटर है, दोनों जगहों के बीच ट्रेकिंग पर्यटकों को बहुत पसंद हैं और पर्यटक इसका लुत्फ़ उठाते हुए नजर आते हैं।
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चंद्रशिला पीक का ट्रेक करने के लिए देश-विदेश से हर वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी यहाँ आते हैं लेकिन यह ट्रेक केवल अपनी सुंदरता के लिए ही नही अपितु धार्मिक महत्ता के कारण भी प्रसिद्ध हैं। इसके शिखर पर चंद्रशिला मंदिर बना हुआ हैं जिसका संबंध चंद्र देव व भगवान श्रीराम से है।
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समुद्र तल से यह 4000 मीटर की उंचाई पर स्थित है, चन्द्रशिला मुख्य रूप से पांच चोटियों के शिखर के रूप में भी जाना जाता हैं जोकि नंदादेवी, त्रिशूल, केदार, बंदरपंच और चौखम्बा के नाम से जानी जाती है।
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तुंगनाथ चंद्रशिला शिखर पहुंचने के दो प्रमुख मार्ग प्रसिद्ध हैं, पहला है चोपता से तुंगनाथ होते हुए चंद्रशिला के शिखर तक पहुंचना जो कि लगभग 5.5 किलोमीटर का है। अत्यधिक उँचाई के कारण ठण्डियों के मौसम में बहुत ज्यादा बर्फबारी होती है जिसकी वजह से यह ट्रेक बंद हो जाता है।
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चंद्रशिला तक जाने वाला दूसरा ट्रेक जिसका उपयोग पूरे साल किया जाता है वह देवरियाताल चंद्रशिला ट्रेक के नाम से प्रसिद्ध है। यह 27 किलोमीटर है जो कि उखीमठ से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरी गाँव से यह ट्रेक शुरू होता है।