क्या आप एक ऐसे गांव की कल्पना कर सकते है जहाँ सब कुछ केवल बांस से बना हो, अगर नहीं तो आज के इस पोस्ट में हम एक ऐसे ही अनोखे जगह के बारे में बताने जा रहे है जहाँ आपको पुल, ब्रिज से लेकर घर और रस्ते सब कुछ बांस से बने देखने को मिलेगा।
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जिस जगह की हम बात कर रहे है वह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला शहर से 35 किमी दूर बांस ग्राम (Bashgram) के नाम से स्थित है, लोकल में इस जगह को बशग्राम के नाम से जाना जाता है।यह जगह भारत-बांग्लादेश सीमा के पास मेगालिबैंड भाग, कतलामारा, पश्चिम त्रिपुरा में स्थित है।
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लगभग 9 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस पार्क में लगभग हर चीज बांस से ही बनी हुई है, पूरे भारत में यह अपने तरह का पहला पार्क है। यह अपनी रचनात्मक संरचनाओं जैसे पुलों, रास्तों, कॉटेज, ट्री हाउस आदि के लिए प्रसिद्ध है, जो 14 से अधिक प्रकार के बांस से बने हैं।
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कटलमारा के बांस हब में स्थित इस गांव का निर्माण राज्य में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इस गांव को वास्तुकार मन्ना रॉय के नेतृत्व में पर्यावरण के प्रति उत्साही लोगों की एक टीम ने बसाया है।
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इस पार्क में कुछ तालाब, खेल के मैदान और इसके अंदर एक कैफेटेरिया भी है, जिसका फर्नीचर भी बांस से बना है। आईडी सत्यापन के साथ प्रवेश शुल्क 100 रुपये प्रति व्यक्ति है। यह शुल्क आगंतुकों को प्रति व्यक्ति पूरक चाय, बिस्किट और पानी की बोतल भी प्रदान करता है।
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पार्क के अंदर कॉटेज को भी मौके पर बुक किया जा सकता है या रात के ठहरने के लिए एक उचित मूल्य पर ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। कुल मिलाकर यह जगह पूरा दिन बिताने के लिए एक बेहतरीन आउटिंग साइट है।
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