मिथिलांचल का एक हिस्सा बिहार का सुपौल जिला है जो कि नेपाल से सटा हुआ है। जब कोसी नदी नेपाल से बिहार में जाती है तो इसकी धारा सबसे पहले सुपौल जिले से होती हुई गुजरती है इसलिए इसे कोसी नदी का इलाका भी कहा जाता है।
सुपौल में घूमने की जगह | Places to visit in Supaul
तिलेश्वर नाथ महादेव मंदिर
सुपौल जिला से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुखपुर में तिलेश्वर नाथ महादेव का मंदिर स्थित हैं, जहां लोग दूर-दूर से यहां दर्शन करने के लिए आते है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर शिवलिंग स्वयंभू है।
तिलेश्वर नाथ महादेव मंदिर
बायसी काली स्थान और उदित नारायण की जन्मस्थल
मां काली का मंदिर बायसी गांव में स्थित है। जिसकी काफी मान्यता है, और ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में जो इच्छा रखकर पूजा करते हैं उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। इसके अलावा बायसी गांव में ही बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर उदित नारायण का जन्म भी बायसी गांव में हुआ था।
बायसी काली स्थान और उदित नारायण की जन्मस्थल
कोसी बैराज, नेपाल
कोसी नदी पर बना ये बैराज काफी सुन्दर है, जो कि 1150 मीटर लम्बा और 10 मीटर चौड़ा है और इसमें 56 गेट है। यहां का नजारा देखने लायक होता है यहां पर ठंडी-ठंडी हवाओं के साथ दूर-दूर तक पानी को देखना अपने आप में ही अद्भुत लगता हैं।
कोसी बैराज, नेपाल
धरहरा मंदिर, गणपतगंज
सुपौल जिला से करीब 35 किलोमीटर दूर गणपतगंज के धरहरा गांव में स्थित भीमशंकर महादेव नमक देव स्थल है। इस स्थान को धरहरा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
धरहरा मंदिर, गणपतगंज
वरदराज पेरुमल देवस्थानम (विष्णु मंदिर), गणपतगंज
अनूठी वास्तुकला के लिए गणपतगंज का विष्णु मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध है जो कि चेन्नई के कांचीपुरम मंदिर से इस मंदिर की वास्तुकला मेल खाता है। यह विष्णु भगवान को समर्पित है जो कि अपनी भव्यता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
वरदराज पेरुमल देवस्थानम (विष्णु मंदिर), गणपतगंज
Mai bhi Supaul jlle se hu Dharhara mandir aur vishnu mandir mere gaon ke pass hi hai, shivratri me kafi bhid umardi hai aur barrage par new year me kabhi bhid jama hota hai jo ki pas me kankalni mandir bhi hai