रत्नागिरी में घूमने की जगह। Places to visit in Ratnagiri

Shikha Sahu

रत्नागिरी महाराष्ट्र में स्थित, रत्नागिरी जिले का एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है। रत्नागिरी एक ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है जो मराठाओं के इतिहास की झांकियों को अपनी कला एवं संस्कृति को अपने में संजोए रखता है। यहां के किलों और महलों को देखकर पर्यटक असीम आनंद की अनुभूति महसूस करते हैं। ऐसी मान्यता है की पांडव अपने वनवास के 13 वें वर्ष में रत्नागिरी से सटे हुए एक इलाके में ही रुके थे और वहीं पर उन्होंने विश्राम भी किया था।

रत्नागिरी में घूमने की जगह। Places to visit in Ratnagiri


जयगढ़ किला

इस किले और लाइट हाउस की संरचना अद्भुत है। जयगढ़ का यह किला सोलवीं सदी में निर्मित किया गया था। प्राचीन महाराष्ट्र की वस्तु कला यहां देखने को मिल जाती है यह अकेला पहाड़ी पर बना है जहां से रत्नागिरी का खूबसूरत नजारा पर्यटक देख पाते हैं। 13 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला यह किला, तटीय क्षेत्र पर स्थित है।

जयगढ़ किला
जयगढ़ किला

 

स्वयंभू गणपति मंदिर

यह रत्नागिरी जिले से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यहां गणपति जी का एक सुंदर पवित्र मंदिर है। गणपति पुले समुद्र तट इसके साथ ही है। यह रत्नागिरी जिले में स्थित है। इसमें निहित मूर्तियां सफेद रेत से निर्मित हैं। यह मंदिर 400 साल पुराना माना जाता है।

स्वयंभू गणपति मंदिर
स्वयंभू गणपति मंदिर

जयगढ़ लाइट हाउस

इसका निर्माण ब्रिटिश शासन काल के दौरान हुआ था। इस लाइट हाउस का महत्व इस बात में निहित है कि अरब सागर में तैरने वाले जहाजों को यह लाइट हाउस रास्ता दिखाता है। रत्नागिरी का यह प्रसिद्ध जयगढ़ लाइटहाउस 1931 में निर्मित किया गया था। यह जयगढ़ किले के पास स्थित है। यूं तो जयगढ़ के किले से भी रत्नागिरी का एक शानदार नजारा देखने को मिल जाता है।

जयगढ़ लाइट हाउस
जयगढ़ लाइट हाउस

थिबॉ पॉइंट

यहां से रत्नागिरी का नजारा बेहद सुंदर नजर लगता है। थीबा पॉइंट मूलतः एक किला है जिसके आसपास हरा भरा मैदान है। यह एक प्राचीन जगह है। पर्यटक यहां सूर्योदय और सूर्यास्त का एक अद्भुत नजारा देख सकते हैं। इतिहास की नजर से यदि देखा जाए तो पहले यह एक रजवाड़ा हुआ करता था।

थिबॉ पॉइंट
थिबॉ पॉइंट

मालगुंड

पर्यटक यहाँ आकर एक साहित्यिक ज़ायका पा सकते हैं। यह साहित्यिक इस अर्थ में है कि यह स्थल मराठी कवि केशवसुत की जन्मस्थली रह चुकी है। इसके अलावा कवि की इस जन्मस्थली में एक मेमोरियल भी बनाया गया और इसका निर्माण मराठा साहित्य परिषद द्वारा करवाया गया था। रत्नागिरी में आकर पर्यटकों को एक साहित्यिक जगह है।

मालगुंड
मालगुंड

 

रत्नादुर्ग का किला

यह रत्नागिरी जिले से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रतनदुर्ग का किला अक्सर इतिहास और कला प्रेमियों को अपनी ओर खींचता है। 1300 मीटर ऊंचा यह किला एक अद्भुत संरचना से निर्मित है। 600 साल पुराना यह किला सोलवीं सदी के आसपास निर्मित किया गया था। इस किले के परिसर में एक लाइट हाउस भी निहित है।

रत्नादुर्ग का किला
रत्नादुर्ग का किला

 

वेलनेश्वर

यह ग्राम रत्नागिरी जिले से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर शैव दर्शन और धर्म के दृष्टिकोण से निर्मित करवाया गया था। रत्नागिरी का एक बेहद सुंदर और प्यारा सा गांव है रत्नागिरी वेलनेश्वर। यहां पर शिवजी का एक पुराना मंदिर मौजूद है। नारियल के वृक्षों से ओत प्रोत यह विशाल सुंदर ग्राम प्रकृति की दृष्टि से बहुत लुभावनी है।

वेलनेश्वर
वेलनेश्वर

 

भटये बीच

यह कोंकण तटीय क्षेत्र पर स्थित है। 1.5 किलोमीटर लंबा यह बीच अपने अंदर प्रकृति की कई विविधता को समाए हुए हैं। भटये एक रेतीला बीच है, जो साफ सुथरी जगह है। चारों ओर फैली सफेद रेत पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में सक्षम है। यह बीच अक्सर प्रकृति प्रेमियों के लिए एक परफेक्ट पर्यटक स्पॉट साबित होता है।

भटये बीच
भटये बीच

 

मांडवी बीच

इतिहास की नजर से देखें तो यहां पर एक रजवाड़ा भी हुआ करता था। साथ ही इसे रत्नागिरी का गेटवे भी माना जाता है। इस बीच का विस्तार बंदरगाह तक है। समुद्र किनारे का व्यापक विस्तार मांडवी बीच में नजर आता है।

मांडवी बीच
मांडवी बीच

 

धूतपापेश्वर मंदिर

यह मंदिर राजपुर बस स्टैंड से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रत्नागिरी का यह प्राचीन मंदिर राजपुर तालुक में स्थित है। विशाल घने जंगलों से घिरा हुआ यह मंदिर अपनी सुंदरता में बेहद अद्भुत है। यह मंदिर प्रकृति का अप्रतिम खजाना है।

धूतपापेश्वर मंदिर
धूतपापेश्वर मंदिर
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