Top 27+] पटना में घूमने की जगह | Best Places to visit in Patna

Shikha Sahu

पटना में घूमने की जगह | Places to Visit in Patna

1. महावीर मंदिर पटना (Mahavir Mandir Patna)

महावीर मंदिर राजधानी पटना के सबसे पवित्र और धार्मिक जगहों में से एक है, यह हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। संकट मोचन हनुमान को समर्पित यह मंदिर पटना जंक्शन के ठीक बगल है। अगर आप पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 1 की तरफ से निकालेंगे तो यह मंदिर बिलकुल सामने दिखेगा।

प्रत्येक दिन यहाँ श्रद्धालु मनोकामना लिए आते हैं और उनका विश्वास है कि संकट मोचन उनके हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं, महावीर मंदिर में रामनवमी के पावन अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है जो यहाँ के दृश्य को और भी मनोरम करती है।

मंदिर की एक अन्य विशेषता इसका प्रसाद है, यहाँ का नैवेद्यम पूरे देश में प्रसिद्ध है। साथ ही देश के अलग अलग जगहों पर पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से राम रसोई, सीता रसोई आदि के माध्यम से लोगों को हर दिन भोजन कराया जाता है।

महावीर मंदिर में भक्तों द्वारा दान में होने वाले आय से लोगों का न्यूनतम शुल्क पर इलाज किया जाता है। इस पावन मंदिर द्वारा जनहित में महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर नेत्रालय, महावीर वात्सल्य अस्पताल सुचारु रूप से चलाए जा रहे हैं। आप जब भी पटना आए तो महावीर मंदिर के दर्शन ज़रूर करें।

2. बुद्ध स्मृति पार्क पटना (Buddha Smriti Park)

महावीर मंदिर से ठीक आगे बढ़ने पर फ्रेजर रोड में  22 एकड़ के क्षेत्र में यह शहर का सबसे प्रसिद्ध पार्क है, पार्क का मुख्य आकर्षण दलाईलामा द्वारा लगाए गए दो बोधि वृक्ष हैं, जिसके बगल में भगवान बुद्ध की मूर्ति विराजमान है।

बुद्ध स्मृति पार्क कई मायनों में खास है, यहाँ भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को दर्शाने के लिए पाटलिपुत्र करुणा स्तूप और ध्यान केंद्र बनाया गया है। यहां एक पुस्तकालय भी है, जिसमें बौद्ध धर्म की कई पुस्तकें है।

पाटलिपुत्र करुणा स्तूप 200 फिट ऊंची एक गोलाकार संरचना है, जो इस पार्क की मुख्य विशेषता है। इसके कई द्वार हैं। यहां भगवान बुद्ध के आठ मूल अवशेषों में से एक अवशेष को सुरक्षित रखा गया है, जिसे वैशाली से उत्खनन करके यहां लाकर एक बंद कांच में रखा गया है। यहां कई अन्य अवशेष भी हैं, जिन्हें संत दलाईलामा और कई भिक्षुओं द्वारा थाईलैंड, म्यांमार, जापान, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका से लाया गया था। इन अवशेषों को यहां अलग-अलग मंजूषाओं में रखा गया है।

नालंदा विश्वविद्यालय के बौद्ध मठों के ढंग पर यहां ध्यान केंद्र आयोजित किए जाते हैं। इसमें 60 कक्ष हैं और प्रत्येक कक्ष से इस सुंदर स्तूप को देखा जा सकता है। कलाकृतियों के साथ-साथ, इस संग्रहालय में बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं के बारे में ऑडियो-विज़ुअल और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियां भी की जाती हैं।

पार्क के दक्षिणी छोड़ पर प्रतिदिन शाम के वक्त एक वाटर फॉण्टेर लेज़र शो भी दिखाया जाता है जिसमें बिहार के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है।

  • लोकेशन: गूगल मैप
  • एंट्री समय:
  • साप्ताहिक बंदी: सोमवार
  • प्रवेश शुल्क: मुफ्त

3. पटना संग्रहालय (Patna Museum)

 

4. इस्कॉन मंदिर पटना (Iskcon Temple Patna)

पटना के बुद्धमार्ग में स्थित इस्कॉन मंदिर पहले दिन से ही श्रद्धालुओं से भरा हुआ है, दो एकड़ क्षेत्र में फैले मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है।

इसके गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोग बांके-बिहारी सहित अन्य विग्रहों (मूर्तियों) का दर्शन-पूजन कर सकते है। मथुरा और गुजरात के बाद पटना देश का तीसरा मंदिर है, जिसमें 84 खंभा पुरातन तकनीक का प्रयोग किया गया है।

लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस मंदिर में हर रोज सैकड़ों कृष्ण भक्त पहुंचते है और भजन कीर्तन करते है।

5. इंदिरा गांधी तारामंडल पटना (IG Planetarium Patna)

अगर आप तारों-सितारों की दुनिया को करीब से देखना चाहते है तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट साबित हो सकती है, पूरे दिन यहाँ खगोल विज्ञान पर आधारित अलग अलग शो दिखाया जाता है।

यहां गुंबद के आकार का प्रोजेक्शन स्क्रीन है जिस पर फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है। इसका उपयोग दर्शकों को आकाशए सितारे और ग्रहों के बारे में फिल्में दिखाने के लिए होता है जो दर्शकों को मनमोहक अनुभव प्रदान करती हैं।

  • लोकेशन: गूगल मैप
  • एंट्री समय: सुबह 9 से शाम 5 बजे तक
  • साप्ताहिक बंदी: सोमवार
  • प्रवेश शुल्क: 50 रूपए

6. गांधी मैदान पटना (Gandhi Maidan)

अतीत से लेकर वर्तमान तक के असंख्य किस्सों को समेटे गाँधी मैदान पटना के हर छोटे बड़े आयोजनों का गवाह रहा है, इस मैदान में लगभग हमेशा किसी न किसी तरह का आयोजन चलता ही रहता है।

चाहे सरकारी आयोजन हो, पुष्तक मेला, सरस मेला, ट्रेड फेयर या कोई राजनैतिक सभा, गांधी मैदान बिहार की विरासत और संस्कृति को दर्शाती है। इस मैदान पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरु, मोहम्मद अली जिन्ना, राम मनोहर लोहिया समेत कई दिग्गज नेताओं ने यहां पर भाषण दिया है।

मैदान के पश्चिमी छोड़ पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की पूरी दुनिया में सबसे ऊँची मूर्ति स्थापित है, कांस्य से बने इस प्रतिमा का साल 2013 में अनावरण हुआ था। इस मूर्ति की ऊंचाई 70 फ़ीट है।

गाँधी मैदान के चारों तरफ विभिन्न प्रकार की दुकानें है जहाँ लगभग हर चीज़ मिलती है। पूर्वी गांधी मैदान के पूरी हिस्से की सड़क विशेष रूप से पुरानी किताबों के लिए प्रसिद्ध हैं। कुछ मीटर आगे चलकर आप दो प्रसिद्ध सिनेप्लेक्स “रीजेंट सिनेमाज” और “मोना” तक पहुंच जाएंगे। आसपास कुछ अच्छे रेस्तरां भी है जहाँ आप एक अच्छी शाम की फिल्म के बाद भोजन कर सकते हैं।

  • लोकेशन: गूगल मैप
  • एंट्री समय: 24 घंटे
  • साप्ताहिक बंदी: कोई नहीं
  • प्रवेश शुल्क: मुफ्त

7. गांधी संग्रहालय (Gandhi Museum)

गाँधी मैदान के उत्तर और अशोका इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के ठीक बगल में स्थित है गाँधी संग्रहालय। गांधी जी को करीब से जानने के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है, यहां पर गांधीजी की जीवन शैली और उनके सिद्धांतों को प्रस्तुत किया गया है।

गांधी संग्रहालय पर आपको गांधी जी की तस्वीरें, पेंटिंग, मूर्तियां, शिलालेख, प्रसिद्ध पंक्तियों का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है, यहां पर किताबों का बहुत अच्छा संग्रह है जिसे आप यहाँ के लाइब्रेरी में जाकर पढ़ भी सकते है।

  • लोकेशन: गूगल मैप
  • एंट्री समय:
  • साप्ताहिक बंदी: सोमवार
  • प्रवेश शुल्क: मुफ्त

8. गोलघर पटना (Golghar Patna)

एक वक्त पर गोलघर को पटना के सबसे ऊँचे बिल्डिंग होने का गौरव प्राप्त था हालाँकि यह इमारत इस गौरव से कई अधिक महत्व रखता है। गांधी मैदान के निकट स्थित गोलघर की ऊंचाई 29 मीटर है जिसका निर्माण ब्रिटिश सेना के द्वारा कराया गया था।

बताया जाता है कि वर्ष 1770 में इस क्षेत्र में भयंकर अकाल पड़ने के बाद ब्रिटिश सेना के कप्तान जॉन गरस्टिन ने इसका निर्माण सैनिकों के लिए एक विशाल अन्नागार के रूप में करवाया था। इस अन्नागार में 13000 टन से अधिक अनाज रखा जा सकता था, जो एक समय में कई हजार लोगों के लिए अनाज की आपूर्ति कर सकता था।

इस इमारत में अनाज भरने के लिए बाहरी दीवार पर एक सीढ़ी बनाई गई है, जिसका उपयोग मजदूरों द्वारा अनाज के बोरों को भवन के शीर्ष तक ले जाने के लिए होता था। यहां इमारत के शीर्ष पर एक छेद है जहां से अनाज के बोरे खाली कर दिए जाते थे।

कुछ साल पहले तक गोलघर की सीढ़ियों पर चढ़कर पर्यटक और शहरवासी वहां से शहर के मनोरम दृश्य और गंगा नदी का आनंद लेते थे लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते अब लोगों को ऊपर जाने की अनुमति नहीं है।

 

 

9. सभ्यता द्वार (Sabhyata Dwar)

गांधी मैदान के उत्तर और अशोका इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर के पीछे बना सभ्यता द्वार (Sabhyata Dwar) एक ऐसा द्वार है जिसने बिहार के सदियों की गौरवगाथा को समेटा है। 32 मीटर ऊँचा यह द्वार कई मायनों में खास है।

लाल और बलुआ पत्थर से निर्मित इस द्वार पर जैन तीर्थंकर वर्द्धमान महावीर, दुनिया को प्रतीत्य समुत्पाद और मध्यमप्रतिपदा से परिचित करानेवाले बुद्ध, सम्राट अशोक और  मेगस्थनीज  के संदेश भी अंकित हैं।

इस द्वार से बिहार की खूबसूरती दिखती है, यही वजह है कि शाम के समय लोग यहां आते हैं। सोशल मीडिया के लिए फोटोशूट हो या इंस्टा का रील हर तरह के लोगों का यह फेवरेट डेस्टिनेशन बन चूका है।

सभ्यता द्वार को मौर्य शैली की वास्तुकला के साथ पाटलिपुत्र की प्राचीन महिमा और बिहार राज्य की परंपराओं और संस्कृति को दिखाने के उद्देश्य से बनाया गया है, सभ्यता द्वार में एंट्री के लिए कोई टिकट नहीं है क्योंकि यह द्वार बिहार के गौरव को दिखाता है।

  • लोकेशन: गूगल मैप
  • एंट्री समय:
  • साप्ताहिक बंदी: सोमवार
  • प्रवेश शुल्क: मुफ्त

10. गाँधी / NIT घाट पटना (NIT Ghat Patna)

बिहार की राजधानी पटना भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक गंगा की तट पर बसा है, ऐसे में पटना में कई ऐसे घाट है जो मौजूदा वक्त में एक पर्यटक स्थल बन चूका है। उन्हीं चुनिंदा घाटों में से एक है गाँधी घाट।

इसका घाट का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है लेकिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NIT Patna) के पीछे होने के कारण इस घाट को NIT घाट के नाम से भी जाना जाता है।

हरिद्वार और वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती की तरफ ही यहां भी आरती का आयोजन होता है, हालाँकि यह आरती केवल शनिवार और रविवार को आयोजित की जाती है। इस घाट पर पर्यटक नाव की सवारी करते हैं और नदी के बीचों बीच स्थित टापू पर समय बिताने के लिए पहुंचते है। गांधी घाट को खास बनाने के लिए यहां पर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा एमवी गंगा विहार नामक रिवर क्रूज जहाज चलाया जाता है।

11. पत्थर की मस्जिद (Pathhar Ki Masjid)

12. शेर शाह सूरी मस्जिद (Sher Shah Suri Masjid)

13. पादरी की हवेली (Padri Ki Haveli)

14. हरिमंदिर जी पटना साहिब (Harimandir Ji Patna Sahib)

 

15. प्रकाश पुंज (Prakash Punj Patna)

16. कंगन घाट (Kangan Ghat Patna)

 

17. पटन देवी (Patan Devi)

 

18. कुम्हरार पार्क (Kumhrar Park)

कुम्हरार वह स्थल है जहाँ पटना के प्राचीन रूप पाटलिपुत्र के पुरातात्विक अवशेष पाए गए हैं, खुदाई के दौरान यहाँ एक बलुआ पत्थर से बना 80.स्तंभों वाला हॉल सामने आया है जिसे लेकर कहा जाता है कि यह लगभग 300 ईसा पूर्व मौर्य साम्राज्य के वक्त का है।

माना जाता है कि यहीं पर तृतीय बौद्ध संगीति हुई थी पाटलिपुत्र पर अजातशत्रु 491-459 ईसा पूर्व, चंद्रगुप्त 321-297 ईसा पूर्व और अशोक 274-237 ईसा पूर्व, जैसे महान राजाओं का शासन था। उत्खनन से पता चला है कि यह शानदार शहर 600 ईसा पूर्व और 600 ईस्वी के बीच फलता.फूलता रहा है।

आज का कुम्हरार एक पार्क के रूप में मौजूद है जहाँ उत्खनन में निकली चीजों का एक संग्रहालय बना हुआ है। यह पटना रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किमी पूरब में स्थित है।

19. अगम कुआँ (Agamkuan Patna)

अगम कुआँ भारत पटना में स्थित एक प्राचीन कुँआ और पुरातात्विक स्थल है। 1890 के दशक के दौरान, ब्रिटिश खोजकर्ता, लॉरेंस वेडेल ने पाटलिपुत्र के खंडहरों की खोज करते हुए, आगम कुआँ को अशोक द्वारा बनाए गए पौराणिक कुएं के रूप में पहचाना था।

ऐसा माना जाता है की इस कुएं की खुदाई सम्राट अशोक के काल 273-232 ईस्वी पूर्व में की गई थी। यह कुआँ गुलज़ारबाग रेलवे स्टेशन के समीप स्थित है।

इस कुएं के अंदर श्रखंलाबद्ध 9 और उसके बाद में छोटे-छोटे कुएं है तथा ऐसी मान्यता है की सबसे अंत में एक तहखाना है जहां सम्राट अशोक का खजाना रहता था। इसे खजानागृह भी कहा जाता था। सम्राट अशोक के साम्राज्य कुम्हरार से यह जुड़ा हुआ था। जहां से सुरंग के द्वारा यहां खजाना रखा जाता था।

इस कुँए को लेकर कई मान्यताएं है, ऐसा कहा जाहता है कि अशोक ने राजा बनने के लिए अपने 99 भाइयों की हत्या कर उनकी लाशें इस कुएं में डलवाई थी। सम्राट अशोक के समय आए चीनी यात्रियों ने भी, अपनी किताबों में इस कुएं का उल्लेख एक ऐसी जगह के रूप में किया है जहाँ सम्राट अशोक अपने विरोधियों को मरवाकर उनकी लाशें डलवाता था।

20. बिहार संग्रहालय (Bihar Museum)

 

21. पटना चिड़ियाघर (Patna Zoo)

संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना चिड़ियाघर) विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है। यहाँ आपको देश विदेश के पेड़- पौधे, पक्षियों, स्तनपायी, सरीसृप एवं मछलियों की भिन्न-भिन्न प्रकार की प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी।

पटना आने वालों के लिए घूमने-फिरने के ठिकानों में चिड़‍ियाघर का स्‍थान काफी खास है, प्रकृति का सान्‍न‍िध्‍य का आनंद उठाते हुए आप सैकड़ों जीव-जंतुओं को देख सकते है।

खासतौर से बच्चों के लिए यह जगह बिलकुल मस्ट विजिट जैसा है और हर रोज पूरे राज्य के अलग अलग जगहों से बच्चे यहाँ घूमने आते है। यहाँ पर मनोरंजन के विभिन्न साधन मौजूद हैं।

  • लोकेशन: गूगल मैप
  • स्थान:  बेली रोड, पटना
  • एंट्री समय:  सुबह 8 बजे से शाम 5.30 बजे तक
  • साप्ताहिक बंदी: सोमवार
  • प्रवेश शुल्क: 30 रूपए (वयस्क), 10 रूपए (बच्चे)

22. इको पार्क पटना (Eco Park Patna)

हलचल भरे सरकारी दफ्तरों के बीच में हरे-भरे खूबसूरत ईको पार्क, इकोलॉजिकल पार्क या राजधानी वाटिका, शहर के केंद्र में स्थित है। 5 हेक्टेयर के विस्तार में फैला यह पार्क दो भागों में विभाजित है जिसमें आप एक टनल के माध्यम से एक दूसरे में जा सकते है।

इको पार्क एक थीम पार्क हैं जो पटना में अपने तरह का एकमात्र पार्क है, यहाँ पर सुबह की सैर के लिए जॉगिंग ट्रैक, ओपन जिम, बच्चों के लिए पार्क, झूले, झरना, बोट राइड, जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। यहाँ पर 3000 तरह के पौधे भी लगाए गए हैं।

पार्क के पहले भाग में कई तरह के फव्वारे, बच्चों का कोना, और कैफेटरिया है। दूसरे भाग में थीम पार्क जैसे राशि वन, गुरु वाटिका, नक्षत्र वन, बुद्ध वाटिका, तीर्थंकर वन, केवली और पंचवटी वन है।

यहाँ पर कई प्रसिद्ध कलाकारों की अनोखी कृतियाँ जैसे- सुबोध कुमार गुप्ता की ‘कैक्टस स्मृति’ और रजत घोष की कृति ‘राजा शैलेश’ भी लगाई गई हैं।

पार्क के मुख्य आकर्षणों में से एक मिग-21 एक असली लड़ाकू विमान भी है जो दुनिया के सबसे पुराने लड़ाकू विमानों में से एक है। भारत और चीन के बीच हुए युद्ध में इस विमान को इस्तेमाल किया गया था। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भी इसी विमान की सहायता से भारत के जवानों ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे।

पार्क में घूमने के साथ साथ कई तरह के एक्टिविटी का भी लुफ्त उठाया जा सकता है, आप यहाँ बोटिंग, एक़्वा जॉर्बिंग आदि का लुफ्त उठा सकते है।

  • लोकेशन: गूगल मैप 
  • मॉर्निंग वाक का वक्त: सुबह 5 से 8 बजे तक
  • एंट्री समय:  सुबह 8 बजे से रात 6.30 बजे तक
  • साप्ताहिक बंदी: सोमवार
  • प्रवेश शुल्क: 20 रूपए

23. राजभवन (Raj Bhawan)

राजभवन बिहार राज्य के राज्यपाल का आधिकारिक आवास है, जब आप पटना ज़ू या एक पार्क जायेंगे आप यह जगह रास्ते में दिख जाएगी। वैसे तो इसके आसपास के इलाके में सिक्योरिटी काफी कड़ी होती है लेकिन फिर भी आप यहाँ कुछ तस्वीरें क्लिक कर सकते है।

राजभवन के ठीक सामने स्थित घंटाघर और दोनों के बीच का सड़क बिलकुल अलग अनुभव देता है।

24. शहीद स्मारक (Shaheed Smarak Patna)

साल 1942 में पूरे भारत में क्रांति की लहर चल रही थी, यह वही साल था जब ‘अंग्रेज़ों भारत छोड़ो’ और ‘करो या मरो’ के नारे लोगों के जुबां पर थे। इसी साल 11 अगस्त की शाम पटना सचिवालय पर तिरंगा फहराने के इरादे से गए क्रांतिकारियों पर पटना ज़िले के कलेक्टर आर्चर ने गोली चलवा दी थी।

इस गोली काण्ड में भारत माँ के 7 सपूत शहीद हो गए और अनेक लोग घायल हो गए। शहीद स्मारक इन्हीं सात शहीदों की स्मृति में बनाया गया है। ये सभी क्रांतिकारी विद्यार्थी थे।

शहीद स्मारक 7 शहीदों की एक जीवन-आकार की मूर्ति है जो पटना में सचिवालय भवन के बाहर स्थित है। इन युवाओं ने भारत छोड़ो आन्दोलन में अपने जीवन का बलिदान दिया था और उस भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था जो अब सचिवालय भवन है।

25. सदाकत आश्रम (Sadakat Ashram)

पटना के दीघा रोड पर स्थित सदाकत आश्रम भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जीवन के अंतिम समय का साक्षी है, यह वही स्थान है जहाँ उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के निवास किया था।

यहां आज उनकी स्मृति में राजेंद्र स्मृति संग्रहालय नामक एक छोटा सा संग्रहालय है जो उनके व्यक्तिगत सामानों के साथ.साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उपयोग की जाने वाली कई वस्तुओं को प्रदर्शित करता है।

इस आश्रम की स्थापना वर्ष 1921 में महात्मा गांधी द्वारा की गई थी, लगभग 20 एकड़ के हरे.भरे क्षेत्र में फैले इस आश्रम में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 28 फ़रवरी, 1963 को अंतिम साँसें ली थीं।

ऐसा कहा जाता है कि यह क्षेत्र खैरूण मियां द्वारा दान में दिया गया था। खैरूण मियांए गांधीजी के निकट सहयोगी मौलाना मजहरुल के गहरे मित्र थे। खैरूण मियां ने इस जमीन का दान राष्ट्रीय आंदोलन को आगे बढ़ाने और स्वतंत्रता सेनानियों की कई महत्वपूर्ण बैठकें यहां आयोजित करने के लिए दिया था

26. मरीन ड्राइव पटना (Marine Drive Patna)

पटना में शाम बिताने के लिए अभी के लिए मरीन ड्राइव से बेहतर कोई जगह नहीं है। गंगा किनारे बने इस रोड की खूबसूरती शाम ढलते ही बढ़ने लगती और लगभग आधी रात तक हजारों लोग इस जगह पर होते है।

हर उम्र के लोग शाम के वक्त गंगा पथ पर जाना पसंद करते है, यहाँ छोटे बच्चों के लिए खेल खिलौने के काफी साधन उपलब्ध हो गए है तो दूसरी तरफ पथ के दोनों साइड लगभग सैकड़ों ऐसी दुकान है, जहां खान पान की चीजें मिलती है।

चाहे अपने पार्टनर के साथ एक खूबसूरत शाम बिताना हो या अपने परिवार के संग थोड़ी मौज मस्ती करनी हो आप सीधे दीघा का मरीन ड्राइव पहुंच जाइए। यहाँ आपको सड़क पर बाइकर्स तरह तरह के स्टंट करते भी दिख जायेंगे।

यहां के एक स्टॉल पर ओपन माइक भी होता है, जहां लोग आकर गाना गा सकते हैं, कोई शायरी या कॉमेडी कर सकते हैं। चाय के साथ म्यूजिक का भी आनंद उठा सकते है। हर दिन पटना की यह जगह समृद्ध रही है और यहाँ आने वाले लोगों की तादात लगातार बढ़ रही है।

27. मनेर शरीफ (Maner Sharif)

राजधानी पटना से करीब 30 किलोमीटर पश्चिम में स्थित मनेर शरीफ सूफी का एक प्रमुख स्थल है, यहां पर स्मारक में आपको बहुत सारी कब्र देखने के लिए मिलती हैं। यह सूफी संतों की कब्र हैं। यहां पर प्राचीन समय में बहुत सारे सूफी संतों यहां पर आते थे और यह जगह बहुत प्रसिद्ध थी।

मनेर में दो दरगाह देखने के लिए मिलती है- छोटी दरगाह और बड़ी दरगाह। यहां पर बहुत बड़ा गार्डन बना हुआ है, जिसमें पेड़ पौधे लगे हुए हैं। यहां पर जो स्मारक बना हुआ है। वह बहुत सुंदर है। इस स्मारक के पीछे आपको एक बड़ा सा तालाब देखने के लिए मिलता है, जो बहुत सुंदर लगता है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।

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