यहां पर हर साल एक बड़ा मेला लगता है। टेसुआ के तट पर बसा यह स्थान मुंगेली जिले का तीर्थ कहलाता है। मुंगेली जिले में कई धार्मिक एवं पर्यटन स्थल मौजूद हैं। बताया गया कि फणीनागवंशी राजा के सपने में त्रिपथगामनी गंगा ने प्राकट्य होकर कुंड व मंदिर की स्थापना के निर्देश दिए थे। ऋषियों ने इसे श्वेत गंगा का नाम दिया था।
मुंगेली घूमने की जगह। Places to visit in Mungeli
शिवघाट
शिव के इस पावन धाम मे लगभग 300 वर्ष पुरानी शिवलिंग की अति प्राचीनतम प्रतिमा विराजमान है। महाशिवरात्री के मौके पर यहाँ सात दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है। शिवघाट मानियरी नदी के तट पर बसे लोरमी की प्राचीन नागरी पर स्थित है।
खर्राघाट
श्री खर्राघाट महादेव गणेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्धि रखता है। खर्राघाट के एक तट का नाम बाबा बुड़ान है, जो आज भी रहस्य बना हुआ है। श्री खर्राघाट महादेव गणेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्धि रखता है। वर्तमान में इस स्थान को जिला प्रशासन ने पर्यटन स्थल के रूप मे सँवारने का निर्णय लिया है।
सेतगंगा
यहाँ अनेक ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के तीर्थ हैं। जन श्रुति के अनुसार फणीनागवंशी राजा को स्वप्न आया की मैं विष्णुपदाब्ज संभूत, त्रिपथगामिनी गंगा तुम्हारे राज्य की पश्चिमी सीमा मे प्रकट होकर प्रवाहित हो रही हूँ। कई शताब्दियों पूर्व यहाँ एक कुंड का प्राकट्य हुआ, जिसका जल गंगा की तरह शीतल, स्वच्छ तथा निर्मल था।
राजीव गांधी जलाशय (खुड़िया जलाशय)
खुड़िया ग्राम मे यह बांध निर्मित होने के कारण यह बांध खुड़िया जलाशय के नाम से भी जाना जाता है। मुंगेली लोरमी एवं ब्लॉक के किसान कृषि के लिए मुख्यतः राजीव गांधी जलाशय पर ही आश्रित है। इस जलाशय का निर्माण तीन प्राकृतिक पहाड़ियों को जोड़कर किया गया है।
सत्यनारायण मंदिर
मुंगेली शहर के मलहापारा मे स्थित यह मंदिर दिखने में तो आम मंदिरों जैसा ही है, लेकिन इस मंदिर मे स्थापित मूर्ति कई मायनों में दूसरे मंदिरों से अलग है। विद्वानों के अनुसार भगवान सत्यनारायण की पुजा अर्चना करने से मनोकामना की पूर्ति होती है। वैसे तो छत्तीसगढ़ में हिन्दू धर्म के सभी सभी संप्रदाय के देवी देवताओं के मंदिर हैं, लेकिन मुंगेली में एक ऐसा मंदिर है जो अपने आप में अनोखा है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व
अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई। अचानकमार टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार स्तनधारी जीव एवं 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजीतियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।
मदकु द्वीप
इस द्वीप पर प्राचीन शिव मंदिर एवं कई स्थापत्य खंड हैं। इनमे से एक धूमनाथेश्वर तथा इसके दाहिने ओर उत्तर दिशा में एक प्राचीन जलहरी स्थित है जिससे पानी का निकास होता है। कल्चुरी कालीन चतुर्भुजी नृत्य गणेश की प्रतिमा बकुल पेड़ के नीचे मिली है। 11वीं शताब्दी की यह एकमात्र सुंदर प्रतिमा है।
मोतीमपुर (अमर टापू)
यहां पर निर्मल जल के मध्य एक द्वीप जैसा स्थान विकसित है। छत्तीसगढ़ राज्य के जिला मुंगेली के ग्राम मोतीमपुर का महत्व अपने प्रकृतिक संरचना एवं सामाजिक धार्मिक विश्वास और श्रद्धा के केंद्र के रूप में निरंतर प्रगति पर है। जो कि इसका सौन्दर्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
हथनिकला मंदिर
चारों तरफ पेड़ पौधे और सामने तालाब इस देवी स्थल के सौंदर्य पर चार चाँद लगा रहे हैं। नवरात्रि के समय यहाँ आने वाले भक्तों की संख्या में भरी इजाफा होता है। हथनिकला देवी स्थल पर्यटन, धार्मिक विश्वास एवं श्रद्धा केंद्र के रूप में निरंतर प्रगति पर है।