मोहाली शहर जिराकपुर और पटियाला हाइवे पर स्थित है। इसी जगह पर गुरू तेग बहादुर जी को फांसी दी गई थी। जिसके बाद आनंदपुर साहिब में उनका दाह संस्कार किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि उनके भाई जैता ने उनकी अस्थि को इकट्ठा कर एक मुस्लिम संत व गुरू साहिब के अनुयायी फकीर दरगाही शाह के कहने पर उनकी अस्थि को इस गुरुद्वारा के स्थान पर रख दिया गया था। इस गुरुद्वारा में हर साल बड़ी संख्या में सिक्ख श्रद्धालू आते हैं।
मोहाली में घूमने की जगह। Places to visit in Mohali
गुरुद्वारा बावली साहिब, मोहाली
कालका और जिराकपुर हाइवे पर स्थित बावली साहिब गुरुद्वारा एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। जो कि मोहाली में स्थित है। साथ ही यह मान्यता है कि बाबा गुरदित्ता जी के एक वंशज ने इसी गुरुद्वारे पर कई वर्षो तक ध्यान किया था। और जब यह बात गुरू गोबिंद सिंह जी को पता चला तो वह भंगानी की लड़ाई के बाद आनंदपुर साहिब जाने के क्रम में मोहाली के गुरुद्वारे पर रुके थे। इसके बाद इस पवित्र स्थान पर गुरुद्वारा का निर्माण किया गया था, और उसका नाम गुरुद्वारा बावली साहिब रखा दिया गया।

नाभा साहिब, मोहाली
सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थल नाभा साहिब मोहाली जिले में पटियाला-जिराकपुर हाइवे पर स्थित है। गुरू तेग बहादुर जी को फांसी दिए जाने के बाद आनंदपुर साहिब में उनका दाह संस्कार किया गया था। ऐसी मान्यता है कि भाई जैता ने उनकी अस्थि को एकत्र किया और एक मुस्लिम संत व गुरू साहिब के अनुयायी फकीर दरगाही शाह के कहने पर उस अस्थि को इस गुरुद्वारा के स्थान पर रख दिया था। गुरुद्वारा के बाजू में ही उस मुस्लिम फकीर का मजार भी है।

गुरुद्वारा नाडा साहिब, मोहाली
पंचकुला में घग्गर नदी के किराने पर नाडा साहिब का गुरुद्वारा स्थित है। यह मोहली से लगभग 23 किमी दूर एक प्रसिद्ध सिक्ख तीर्थस्थल है। बताया जाता है कि जब 1968 में भंगानी की लड़ाई हुई तो उसके बाद गुरू गोबिंद सिंह जी आनंदपुर साहिब जाते हुए इस गुरुद्वारा में रुके हुए थे।

थंडर जोन, मोहाली
मोहाली से मात्र 4 किमी की दूरी पर थंडर जोन स्थित हैं, जिसे उत्तरी भारत का सबसे बेहतरीन एम्यूजमेंट पार्क भी माना जाता है। इस पार्क की शुरुआत 15 मई 2002 में की गई थी। इसके साथ ही इस पार्क में कोलंबस, केटरपीलर, ऑक्टोपस और सन एंड मून सहित 12 तरह के रोमांचक राइड का भी मज़ा ले सकते हैं। इसके अलावा थंडर जोन में स्ट्राइकिंग कार, बोट क्लब, म्यूजिक बॉब, स्विंगिग चेयर और स्पैश का भी आनंद ले सकते है।

मोहाली क्रिकेट स्टेडियम, मोहाली
इस क्रिकेट स्टेडियम को पहले पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम के नाम से जाना जाता था। जो कि यह भारत के सबसे बड़े स्टेडियमों में से एक है। इस स्टेडियम को 1993 में बनाया गया था जो कि शानदार स्टेडियम विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त है। इस स्टेडियम में लगभग 45 हजार लोग एक साथ बैठकर मैच का आनंद ले सकते हैं।

गुरुद्वारा पुड्ढा साहिब, मोहाली
यह एक चर्चित सिक्ख तीर्थस्थल है। जो कि मोहाली के पास स्थित है। जो कि गोबिंदगढ़ साहिब के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस गुरुद्वारे का संबंध गुरू गोबिंद सिंह जी के अनुयायी प्रसिद्ध संत पीर पुड्ढा शाह से है। करीब 200 साल तक उनके भतीजे भीकम सिंह ने इस जगह पर ध्यान भी किया था।

गुरुद्वारा अम्ब साहिब, मोहाली
अम्ब साहिब गुरुद्वारा का मोहाली में विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि काबूल के भाई कुर्म जी ने पांचवें सिक्ख गुरू, गुरू अर्जुन देव जी का आशीर्वाद लेना चाहा था जिसे लेने के लिए उन्होंने अमृतसर की यात्रा की थी।

मनसा देवी मंदिर, मोहाली
हरियाणा के पंचकुला जिले में मोहाली से लगभग 19 किमी की दूरी पर मनसा देवी मंदिर स्थित हैं। यह मंदिर मनसा देवी को समर्पित है। जिसका शुमार उत्तर भारत के सबसे महत्वपूर्ण शक्ति मंदिरों में भी होता है। 1811-1815 में मनी मजरा के महाराजा गोपाल सिंह ने इस मंदिर का निर्माण किया था। नवरात्र के अवसर पर मनसा देवी मंदिर में लाखों श्रद्धालू दर्शन के लिए आते है।
