जिला अपनी ऐतिहासिक संस्क्रती और परंपरा के लिए प्रसिद्ध है यहाँ कई मंदिर है। महासमुंद्र छत्तीसगढ़ के मध्य पूर्वी हिस्सा मे है। यह जिला अपनी ऐतिहासिक संस्क्रती और परंपरा के लिए प्रसिद्ध है यहाँ कई मंदिर है। उनकी प्राक्रतिक सुन्दरता आगंतुको को मंत्रमुग्ध कर देती है। खूबसूरत नक्काशी यहाँ के मंदिरो को डीजाइन करती है।
महासमुन्द में घूमने की जगह। Places to visit in Mahasamund
श्वेत गंगा (बम्हनी)
इस कुंड के समीप भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर स्थापित है। श्रावण माह के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का समुह यहां से स्नान लेने के बाद कुंड से दो बर्तन में पानी भरकर कांवर में बांधकर सिरपुर की पवित्र यात्रा करते हैं। सिरपुर का गंधेश्वर धाम अंचल में मिनी बैजनाथ धाम के नाम से प्रसिद्ध है।

खल्लारी माता का मंदिर
ऐसा माना जाता है कि महाभारत युग में पांडव अपनी यात्रा के दौरान इस पहाड़ी की चोटी पर आये थे, जिसका प्रमाण भीम के विशाल पदचिन्ह हैं जो इस पहाड़ी पर स्पष्ट दिख रहे हैं। महासमुन्द से 25 किमी दक्षिण की ओर खल्लारी गांव की पहाड़ी के शीर्ष पर खल्लारी माता का मंदिर स्थित है।

गौधारा (दलदली)
गऊ धारा से पानी लगातार बहता रहता है। जहां एक प्राचीन शिव मंदिर एवं प्रचलित गऊ धारा है। उत्तर पूर्व की ओर दलदली गांव वनों से आच्छादित है। महासमुन्द से लगभग 10 किमी पूर्व की ओर एक दर्शनीय स्थल दलदली स्थित है।

सिरपुर
सिरपुर में सांस्कृतिक एंव वास्तुकौशल की कला का अनुपम संग्रह हैं। अंतराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर सिरपुर अपनी ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्ता के कारण आकर्षण का केंद्र हैं। इतिहास में सिरपुर अपने धार्मिक मान्यताओ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण आकर्षण का केंद्र है।

चंडी मंदिर (बिरकोनी)
महसमुन्द के उत्तर में मंदिर का निर्माण प्रगति पर है चैत्र एवं कुवर के नवरात्रि के दौरान भक्तों ने प्रकाश की प्रज्वलन की पेशकश की। चंडी मंदिर एन.एच .6 के गांव बीरकोनी में है और लगभग 10 किमी है।

चंडी मंदिर (घुंचापाली)
यहां प्रतिवर्ष चैत्र एवं क्वांर मास के नवरात्र में मेला लगता है, एवं बड़ी संख्या में भक्त ज्योत प्रज्वलित करने तथा दर्शन के लिये आते हैं। महासमुन्द से 40 किमी दक्षिण की ओर विकासखण्ड बागबाहरा में घुंचापाली गांव स्थित है।
